प्रेरणा का स्रोत.... सीरवी समाज की उन्नति में सर्वमान्य रूप से सीरवी समाज के संस्कारों व आदशों के महत्व को स्वीकारा जाता हैं। वास्तव में यह सत्य भी है, क्योंकी व्यक्ति तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक वह सफल व्यक्ति वाले संस्कारों तथा आदर्शों को ग्रहण नहीं करता। अतः ये तो सफलता की पाठशाला ही माने जाते रहे हैं । हमारी हर पीढ़ी को अपने पुरोधाओं से ये संस्कार व आदर्श विरासत के रूप में मिले और हमने भी अपनी इस विरासत को सहेजने-संवारने में कोई कसर नही रख छोड़ी। इसी का परिणाम सीरवी समाज की गौरवशाली सफलता हैं, जिसकी मुरीद पूरी दुनिया हैं।
आज आपा बात कर रियां हाँ.. घर जेडों सुख कठैई नहीं : सीरवी
हर कर्म रो हिसाब हुवे : सीरवी
मेरे प्यारे भाइयों एवं बहनों
हम अपने आसपास ऐसे कई व्यक्तियों को देखते हैं जिन्हें सब पसंद करते हैं, उनके व्यक्तित्व से सब प्रभावित होते हैं। श्रीमान माधवसिंह जी राठौड़, स्व. श्री पोमाराम जी परिहार, स्व. श्री सोमाराम जी राठौड़, स्व. श्री पुखराज जी राठौड़, श्री रामलाल जी सैणचा, श्री उमाराम जी सानपुरा, श्री गोपाराम जी पंवार, श्री हणुतराम जी बर्फा, श्री ओमप्रकाश जी पंवार, श्री दुर्गाराम जी पंवार, श्री कैलाश जी मुकाती, श्री मनोहर लाल जी मुकाती जैसे कई व्यक्ति हैं जो सबके दिलों पर राज करते हैं, सबके चहेते हैं। इन व्यक्तियों में छोटी-छोटी ऐसी कई खूबियां हैं जिनकी वजह से ये लोकप्रिय हैं। व्यक्ति अपने अनोखे व्यक्तित्व से, अपनी कार्यशैली से लोगों को अपनी और आकर्षित करते हैं।
मेरे प्यारे भाईयों एवं बहनों
आज समाज के छोटे-मध्यम परिवार के लिए लड़कों की शादी कराना बहुत मुश्किल काम हो गया : मनोहर सीरवी
पारिवारिक रिश्ते बचाने एवं सम्बन्ध मजबूत करने के लिए जरुरी विचार योग्य पहल। बेटी के ससुराल में बेटी के माता-पिता को सामान्य रूप से हस्तक्षेप नहीं करना चाहिये। जिससे प्रत्येक व्यक्ति को अपनी स्वतंत्रता से जीने का अधिकार है, उसी प्रकार प्रत्येक परिवार को भी अपने घर में अपनी इच्छा से जीने का अधिकार हैं। जैसे एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के व्यक्तिगत जीवन में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है। उसी प्रकार से एक परिवार को दूसरे परिवार की परम्पराओं में भी हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है।
व्यक्ति की पहचान
नमस्कार