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समाज में बढ़ती तकलीफों को ध्यान में रखकर परिचय सम्मेलन जैसे आयोजन की शुरुआत समय-समय पर पुरे देश में करनी चाहिए : सीरवी
Posted By : Posted By दुर्गाराम सीरवी (पंवार) on 31 Oct 2022, 14:13:28

वर्तमान समय में सीरवी समाज ने काफी तरक्की की है। अधिकांश परिवारों में भरपूर पैसा, मान-सम्मान, बच्चों का उच्च शिक्षित होना, आधुनिक सुख-सुविधाओं का होना आदि सबकुछ है। लेकिन इसके बावजूद वर्तमान में समाज की सबसे बड़ी समस्या है कि शादी की उम्र निकलते जाना, जिसकी वजह है मनमाफिक जोड़ियां का न मिलना। वह इसलिए कि हम बच्चों के माँ-बाप को तो जानते हैं लेकिन बच्चों को नहीं पहचानते। यह बात संबंध जोड़ने में हर जगह सामने आ रही है। वैसे भी आज की चकाचोंध भरी जिंदगी जीने की चाहत ने युवा पीढ़ी में शादी के महत्व को कम कर दिया है। युवा पीढ़ी अपनी मनमर्जी से बिना किसी बंधन के जीना चाहती है। परिवार बसाने को लेकर भविष्य के प्रति सोच का अभाव होता जा रहा है। युवा पीढ़ी जीवन साथी का महत्व ही समझ नहीं पा रही है। सही/गलत का स्वयं निर्णय नहीं कर पाने के कारण मनोचिकित्सकों की शरण में जा रही है। इसलिए समाज में उच्च पदों पर विराजमान पदाधिकारीगणों को भविष्य में और इस तरह की बढ़ती तकलीफों को ध्यान में रखकर परिचय सम्मेलन जैसे आयोजन की शुरुआत समय-समय पर पुरे देश में करनी चाहिए ताकि हम बच्चों को नहीं जानते यह बात सामने न आए। खुशी की बात तो यह है कि समाज में ऐसे आयोजन होंगे तो कुछ संबंध बिना किसी सिफारिश के आपने-सामने बैठकर आसानी से जुड़ जायेंगे। परिचय सम्मेलन जैसे आयोजन को लेकर मेरा सुझाव है कि परिचय सम्मेलन में जहां शादी लायक युवक-युवती, उसके माता-पिता उपस्थित रहते हैं, उस आयोजन की शुरुआत में समाज मान्य किसी विदुषी महिला को मंच दिया जाए और विषय हो... जीवन में शादी का महत्व, सही समय पर शादी होने के फायदे, रिश्ता जोड़ने से पहले किस बात को महत्व दें और केसे नजरअंदाज करें। युवा पीढ़ी का समाज और परिवार के प्रति गृहस्थ जीवन का फर्ज आदि और भी कई ऐसी सकारात्मक बातों की जानकारी दें कि युवा पीढ़ी भी एकतरफा सोच के अलावा कुछ नया सोचने को मार्गदर्शन का काम करे। साथ ही समय-समय पर निकलने वाली समाज की पत्रिका सीरवी सन्देश, चेत बंदे और श्री आई ज्योति पत्रिका के शुरूआती पन्नों पर शादी करना क्यों जरुरी है आदि विचारों का एक पन्ना प्रति महा भी जोड़ना चाहिए ताकि जब भी कोई रिश्ता ढूंढने के लिए किताब खोलें तो जीवन में एक उम्र के पश्चात् गृहस्थ जीवन निभाना कितना जरुरी है इस बात की भी जानकारी मिले। यह हमेशा याद रहे कि सर्वगुण सम्पन्न कोई नहीं है, ताकि समय निकल जाने के बाद किसी तरह का पछतावा न रहे।

आपका
मनोहर सीरवी
संपादक, सीरवी समाज डॉट कॉम