
इन्फॉर्मेशन और बदलाव:
मानव जीवन की एक अभिलाषा रही है ज्ञान अर्जित करना , ज्ञान यानी नॉलेज जानकारी गर्भसार...
ज्ञान विषय वस्तु की वो जड़ जो हमें सत्य से मुलाकात करवाती है....
बात कर रहे है ज्ञान की..
इन्फॉर्मेशन आते ही हमारे अंदर परिवर्तन आने शुरू हो जाते हैं जो जटिल केमिकल का निर्माण करते हैं....
मतलब ज्ञान (इन्फॉर्मेशन) आने के साथ हमारे शरीर में परिवर्तन आते है। परिवर्तन निर्माण करते है क्या सोचते हैं वो बनाने में। यह कैसे होता है इसे एक उदाहरण से समझते हैं -
मान लीजिए की आप को कहा जाए आप सपने में भाग रहे है और आपके पीछे शेर पडा हुआ है। एक लपक और आपकी मृत्यु (वैसे सपने में कोई भी अपने आप को मरता हुआ नहीं देख सकता) निकट , फटाक से आपकी नींद खुल जाती हैऔर आप महसूस करते हैं पैर थके हुए सर पर पसीना ब्लड प्रेशर हाई।
भौतिक रूप से देखें तो आप के साथ ऐसा कुछ हुआ नहीं , तो फिर शरीर में आए बदलाव किसने किए ?
वो आपकी इन्फॉर्मेशन है....
ज्ञान सकारात्मक हो सकता है नकारात्मक भी...
पर बदलाव होते है ज्ञान से..
उस बदलाव से आपका व्यवहार निश्..