सीरवी समाज - ब्लॉग

आज की ज्वलंत समस्या विवाह एक विचारणीय प्रशन : सीरवी
Posted By : Posted By Govind Singh Panvar

मेरे प्यारे भाइयों एवं बहनों
सादर जय श्री आई माताजी की।

बंधुओं आज मेरे ही दिमाग में नहीं किन्तु समाज के 90 प्रतिशत बंधुओं के दिमाग में एक ही प्रशन आता है कि हमारे बच्चों के विवाह के लिए किसी को बच्चे की तो किसी को बच्ची की आवश्यकता है। आज के लगभग 60 वर्ष पूर्व का समय देखे जब हमारे माँ-बाप से कितनी ही बार यह कहते हुए सूना है कि हमारी सगाई हुई थी जब मैं लगभग 15 वर्ष का था एवं तेरी माँ 13 वर्ष की थी उसके बाद हम लोगों की शादी हुई तो हमारी उम्र 18 से 21 वर्ष की हुई। अब शादी की बात करते है तो यह उम्र बढ़कर 28 से 30 वर्ष के ऊपर हो गई हैं।
हमारे माँ-बाप आज भी लालायित हैं, उनके पोत्र या पौत्री के विवाह की तैयारी को लेकर हम लालायित हैं कि कब हमारे बच्चों की शादी हो, कब नन्हा सा कन्हैया/लक्ष्मी का आगमन हो एवं हम हमारे माँ-बाप को स्वर्ण सीढ़ी जैसे कार्यक्रम करके उनकी ख़ुशी में चार चाँद लगाए। आपने कभी यह सोचा है कि इन कार्यक्रमों के पीछे क्या हेतु हैं, यह कार्यक्रम हमारे माँ-बाप तो फिर भी देख लेंगे किंतु हम लोग देख पायेंगे? इसका सटीक जवाब है, नहीं देख पायेंगे। कारण स्पष्ट हैं कि हमने बच्चों की जिद के पीछे शादी विवाह की उम्र 28 से 30 वर्ष कर दी।
अब आप आगे और क्या होना हैं वह भी अनुमान लगाएं, आज के समय में आदमी की उम्र लगभग 65 वर्ष की हो गयी हैं। 30 वर्ष की उम्र में शादी करेंगे तो इस उम्र की शादी के कई दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं जिसमें प्रथम तो बच्चे यह सोचकर 2-3 वर्ष निकाल देते हैं कि अभी तो हमारी शादी हुई है, इतनी जल्दी भी क्या है, दूसरा उम्र बढ़ने के साथ आज के समय में निःसंतान की बीमारी ज्यादा फैलने लगी है, तीसरा बढ़ी उम्र में संतान का अपंगता भी एक कारण रहा है, उसके अलावा कई शारीरिक व्याधियाँ स्वयं के बच्चों को झेलनी पड़ती हैं जिसमें प्रमुखतः बच्चों का सिजेरियन होना, कैंसर जैसी तकलीफें होना, मानसिक स्थिति का असंतुलन होना, घर में विवाद जैसी स्थिति होना, बच्चों का बढ़ती उम्र में सहशिक्षा के होने से उसके दुष्परिणाम आदि आदि।
खेर अब आपके घर में सब कुछ सही रहा तो आपको नई पीढ़ी के आते आते आपके बच्चों की उम्र लगभग 33 वर्ष की तो हो ही जाएगी, अब आप सोचें की आपके बच्चे की उम्र 32 वर्ष ओर आने वाली नयी पीढ़ी की शादी की उम्र 30 वर्ष तो उम्र हो जाएगी लगभग 62 वर्ष अब आप सोचें कि क्या आपके बच्चे स्वयं के बच्चों का शादी कर पायेंगे।
क्या वे अपने पौत्र या पौत्री का मुँह देख पायेंगे, आपका जवाब होगा नहीं। इसका मुझे एक मार्ग नजर आ रहा है वह यह कि पुरे भारत वर्ष में स्थानीय स्तर पर संगठन स्तर पर या किसी भी सामाजिक मंच से 21 से 30 वर्ष के बच्चों के मध्य वाद-विवाद, नाटय मंच जैसी प्रतियोगिता का आयोजन करवायें जिससे बच्चों की बच्चे स्वयं हानि-लाभ समझ जायेंगे।

आपका
मनोहर सीरवी
संपादक, सीरवी समाज डॉट कॉम