सीरवी समाज - ब्लॉग

समाज के निचले स्तर तक पहुँचें योजनाऐं : सीरवी
Posted By : Posted By Raju Seervi on 19 Feb 2023, 06:28:10

अपने आपको सीरवी कहते ही सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है। वास्तव में ऐसा होना भी चाहिए। क्योंकि सीरवी समाज ने मानवता की सेवा में जो योगदान दिया है वह अपने-आपमें मिसाल है। मिसाल इसलिए भी कि समाज ने कभी भी अपनी समृद्धि को अपने आप तक सीमित नहीं रखा। स्वयं ने तो अपनी तीक्ष्ण बुद्धि व कार्यकुशलता से सफलता के शिखर को छुआ ही, साथ ही साथ अपनी इस सफलता का लाभ अन्य लोगों तक पहुँचाकर देश ही नहीं बल्कि विश्व के सम्पन्न वर्ग तक मानव सेवा का संदेश भी पहुँचाया हैं। वर्तमान में विश्व के कई बड़े उद्योगपति समाजसेवा में अपनी सम्पति अर्पित कर रहे हैं, तो विश्व को यह राह तो सीरवी समाज कई वर्ष पूर्व दिखा चूका था। इतना ही नहीं सीरवी समाज ने देश व मानवता को समाज सुधार की भी सदैव राह दिखाई है।

इतना सब कुछ होने के बावजूद सीरवी समाज वर्तमान में कुछ ऐसी समस्याओं से जूझ रहा है, जो वर्तमान समय की देन है। इन समस्याओं में प्रमुख है, देरी से विवाह व अंतर्जातीय विवाह। कॅरियर के चक्कर में समाज का युवा वर्ग विवाह की उचित आयु को काफी पीछे छोड़ देता है और कई बार ऐसी उम्र में भी पहुँच जाता है जहाँ विवाह का कोई अर्थ नहीं रहा जाता। विवाह होता भी है, तो संतान प्राप्ति में परेशानी होती है और एक संतान अथवा एक भी नहीं पर संतोष करना पड़ जाता है। यह स्थिति समाज की जनसंख्या घटने का एक प्रमुख कारण बन गई हैं। दूसरी समस्या है अन्तर्जातीय विवाह। लोग तर्क तो देते हैं कि समाज में लड़कियों की कमी अथवा योग्य लड़कों की कमी है। लेकिन हकीकत यह है कि लड़के-लड़कियों की नहीं बल्कि वास्तव में हमारी सोच की कमी है। युवा वर्ग समाज के सम्पर्क में नहीं आ पाता यही एक सबसे बड़ा कारण अन्तर्जातीय विवाह का बन रहा हैं। अतः समाज संगठनों को ऐसी योजनाऐं व ऐसे कार्यक्रम तैयार करना होंगे जो समाज के युवावर्ग को समाज की मुख्य धारा में ला सकें। इससे युवा पीढ़ी एक दूसरे के सम्पर्क में आयेगी और एक दूसरे की खूबियों को जानकर एक दूसरे से परिचित होंगे। इससे निःसन्देह अन्तर्जातीय विवाहों में कमी आऐगी।
हमारा समाज वैसे तो देश का सबसे सम्पन्न समाज है लेकिन यह भी कटु सत्य है कि इसी समाज का एक बड़ा वर्ग भीषण आर्थिक संकट से भी गुजर रहा है। समाज कई समाजसेवी भवन व योजनाऐं बना रहा है और इन पर मुक्त हस्त से धन भी व्यर्थ कर रहा है लेकिन हकीकत में समाज के इस निचले वर्ग तक न तो इन सुविधाओं का लाभ पहुँच पाता है, न ही योजनाओं का। ऐसी स्थिति में ऐसे परिवार भी समाज की मुख्यधारा से दूर होने लग जाते हैं। अतः वर्तमान में आवश्यकता सबसे अधिक ऐसे वर्ग तक पहुँच कर उन्हें सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाने की है। जब तक हम सभी का साथ सभी का विकास नहीं करेंगे, अपने आपको वास्तव में सम्पन्न व प्रबुद्ध समाज नहीं कह सकते। अतः आशा करता हूँ, समाज का प्रबुद्ध वर्ग समाज की इन समस्याओं पर चिंतन करता हुआ, उचित कदम उठाऐगा।

मनोहर सीरवी पुत्र श्री रतनलाल जी राठौड़ जनासनी- साँगावास (मैसूरु)
सम्पादक : सीरवी समाज डॉट कॉम