
प्रिय स्वजनो
सादर वन्दे ।
सीरवी समाज मे नारी शिक्षा प्रगति पथ पर है , हर मां बाप अपनी बेटी को पढाना चाहता है, पढाता है ।
नारी शिक्षा के बारे मे सत्य कहा गया है कि एक बालिका के पढऩे से सात पीढियों को फायदा होता है । जब लडकी पढती है तो पुरा परिवार उसको सम्मान देता है , घर परिवार मोहल्ले मे उसका मान होता है , जितनी गहनता से बेटियां शिक्षा ग्रहण करने मे मन लगाती है उतना बेटे नही लगाते ।😢
समाज मे बेटियों का शैक्षणिक स्तर सुधरा है मगर माध्यमिक विद्यालयों से आगे मार्ग अवरूद्ध हो जाता है , मसलन अन्य गांव या बडे शहरों के कॉलेजों मे जाना, सगाई सगपण की तैयारियां , जवानी की दहलीज पर बढते कदम ।
उच्छ शिक्षा मे फिलहाल सीरवी समाज जितना प्रगतिशील होना चाहिए था उसके अनुपात मे बहुत कम है ,, इसके बहुत ही कारण है जैसै कम उम्र मे सगाई , अदलाबदली के सगपण , भाई-भतीज या अन्य के बदले मे उसकी सगाई , कॉलेजों मे अध्ययन हेतु अन्यो शहरो मे जाना,, कुच्छ नाममात्र लडकियों के पैर फिसलना और इसी तरह के बहुत से कारण है जो बेटियों को उच्च व उच्चतम शिक्षा मे रोडा बनते है ।
<..