सीरवी समाज - मुख्य समाचार
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Posted By : 04 Sep 2023, 08:51:51गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन से लगभग 11 किलोमीटर दूर नयागांव और साठियों की ढाणी को मिलाकर बनी पंचायत, जहां पर 25 वर्ष तक पांच बार सरपंच पद को सीरवी समाज के बन्धुओं एवं बहिनों ने सुशोभित किया वह पंचायत मुख्यालय गांव है - काराड़ी।
लगभग 500 घर की बस्ती काराड़ी में सर्वाधिक सीरवी है, इनके अलावा देवासी, जैन, राजपूत, राजपुरोहित, दर्जी, नाई, सुथार, मेघवाल, सरगरा, नायक, आदि 36 कौम के लोग यहां बसते हैं।
सीरवी समाज की लगभग 300 घरों की आबादी में आधे में आगलेचा है बाकी गौत्र में मुलेवा, गहलोत, सोलंकी, लचेटा, काग, भायल, बरफा, चोयल, देवड़ा, हाम्बड़ और पंवार गौत्र के लोग निवास करते हैं, यहां पर श्री आई माताजी ..
Posted By : 04 Sep 2023, 08:35:07गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन से 6 किमी की दूरी पर एवं 4 किमी दूर भगवान पुरा के साथ पंचायत मुख्यालय गांव बिठौड़ा कलां लगभग 1000 घर की बस्ती है जिसके चारों ओर आउवा, काराड़ी,बाड़सा, सूर्य नगर और खारची आये हुए हैं।
जिसमें सीरवी समाज के अलावा कई जातियां निवास करती है जिनमें सर्वाधिक बावरी, फिर जैन, ब्राह्मण, राजपूत, रावणा राजपूत, मेघवाल के अलावा जो जातियां कई गांवों में नहीं है वे इस गांव में हैं जिनमें गूंद वाले, गवारिया, खटीक, ढाढ़ी, मोयला आदि के साथ मात्र राजपुरोहित और स्वामी नहीं है बाक़ी छत्तीस कौम की सभी जातियां यहां पर निवास करती हैं।
इस गांव में सीरवी समाज के 183 परिवार है जिनमें सि..
Posted By : 01 Sep 2023, 11:27:24गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##झलै आउवो।
आउवो धरती रो थंबो रे। झलै आउवो।
सन १८५७ की क्रांति में पूरे भारतवर्ष में आउवा के ठाकुर खुशाल सिंह जी द्वारा अंग्रेज़ अधिकारी सांडर्स के सिर को धड़ से अलग कर अपने किले की पोल पर लटकाने की घटना को याद कर आज भी मारवाड़ के हर नागरिक का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है एवं आज भी फागुन मास में गाये जाने वाले गीत में पहला गीत - \"आउवा ने आसोप धणियों मोतीयों री माला हो।\" गाया जाता है धन्य धन्य है गांव- आउवा।
मारवाड़ जंक्शन से मात्र 12 किमी दूर एतिहासिक गांव आउवा पंचायत मुख्यालय ग्राम है जिसमें लगभग 2000 घर की बस्ती में सीरवी समाज के अलावा राजपूत, राजपुरोहित, रावणा राजपूत, देवा..
Posted By : 31 Aug 2023, 09:14:56गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन से 18 किलोमीटर की दूरी पर जाणूंदा पंचायत का छोटा सा गांव है- जैतपुरा।
यह गांव इसाली, गुड़ा मोकम सिंह, गुड़ा केसर सिंह,कादू, आऊवा, आऊवा की ढाणी,काराड़ी,वाड़िया, देवली, जाणूंदा और मुकनपुरा के मध्य बसा हुआ है जिसमें मात्र 200 घर है जिनमें सीरवी सर्वाधिक है अन्य जातियों में कुम्हार, मेघवाल, देवासी,रेगर, सरगरा के अलावा दर्ज़ी,नाई, वैष्णव व माली निवास करते हैं।
सीरवी समाज के 85 घर है जिनमें बरफा, हाम्बड़, लचेटा, चोयल, परिहार,काग, राठौड़, परिहारिया,भायल, सिंदड़ा और मुलेवा गौत्र के सीरवी बसे हुए हैं।
गांव जैतपुरा में पुराना कच्चा केलू वाला बडेर जमादारी होनाराम जी च..
Posted By : 31 Aug 2023, 09:03:44गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##जननी जने तो ऐसा जने, के दाता के सूर।
नी तो रहीजे बांझड़ी, मती गंवाजे नूर।।
इस कहावत को जिस हस्ती ने चरितार्थ किया वह है सीरवी समाज के अमूल्य रत्न श्री पोकरराम पुत्र श्री टीकम जी बरफा निवासी- इसाली।
मारवाड़ जंक्शन तहसील में पंचायत मुख्यालय ग्राम इसाली आसपास के जैतपुरा, देवली, जाणूंदा, गुड़ा दुर्गा, धनला और गुड़ा केशरसिंह के मध्य मारवाड़ जंक्शन से लगभग 22 किमी की दूरी पर बसा हुआ है। लगभग 1000-1200 घर की बस्ती में बहुलता सीरवी, राजपुरोहित, देवासी, मेघवाल, राजपूत आदि की हैं। जिनमें लगभग एक तिहाई आबादी सीरवी समाज की है।
सीरवी समाज के लगभग 400 घर है जिनमें लचेटा, सोलंकी, बरफा, ग..
Posted By : 30 Aug 2023, 11:04:03गोविन्द सिंह पंवार
##वर्तमान समय में सर्वाधिक आवश्यकता हमारी भावी पीढ़ी में संस्कारों की है सीरवी समाज में बाल संस्कार के बारे में पहल कर बाल संस्कार केन्द्र का संचालन करने में पूरे भारतवर्ष में एक ही नाम है- श्री देवाराम जी खेताराम जी काग जाणूंदा। सीरवी समाज के ऐसे अनमोल रत्न के ग्राम का नाम है- जाणूंदा।
मारवाड़ जंक्शन से 23 किलोमीटर दूर मकनपुरा, देवली, जेतपुरा, इसाली, कोलपुरा और गजनीपुरा के मध्य बसा जाणूंदा मात्र 350 घर की बस्ती है जिनमें सीरवी, मेघवाल, राजपुरोहित, देवासी, जैन, राजपूत, सरगरा, कुम्हार, वैष्णव, सुथार आदि 36 कौम के लोग रहते हैं जिनमें सीरवी समाज के लगभग 200 घर है, सीरवी समाज के घरो..
Posted By : 29 Aug 2023, 10:01:27गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन तहसील का सीमावर्ती गांव मात्र 100घरों की छोटी सी बस्ती में भी सीरवी बाहुल्य गांव है- मुकनपुरा।
यह गांव जाणूंदा के पास नदी के दूसरे किनारे बसा हुआ जाणूंदा का संयोजक गांव है, यहां पर छत्तीस कौम में आधे सीरवी परिवार है, सीरवी समाज में पंवार, गहलोत, काग, आगलेचा, परिहार, देवड़ा, चोयल और खंडाला गौत्र के बंधु यहां निवास करते हैं।इस गांव के सीरवी बंधुओं की भैल आगमन पर आज भी जात जाणूंदा में ही होती है इस गांव में एक वर्ष पूर्व तक जमादारी के घर में पूजा होती थी यहां पर 1 वर्ष पूर्व भादवी बीज के शुभ अवसर पर सीरवी समाज के भवन का निर्माण कर बडेर रुप में श्री आई माताजी की तस..
Posted By : 29 Aug 2023, 09:54:44गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##वर्तमान में तहसील मुख्यालय रानी से 50 किमी, मारवाड़ जंक्शन एवं देसूरी के मध्य 30 किमी की दूरी पर आसपास के गांवों का सबसे बड़ा बाजार, सीरवी बाहुल्य कस्बा, आज से पच्चीस साल पूर्व मुम्बई का बच्चा कहलाने वाला ग्राम था- खिंवाड़ा।
उस समय और कोई गांव से भले बस नहीं चलती पर खिंवाड़ा से मुम्बई सीधी बस सेवा उपलब्ध थी,मैन बाजार और पीछे की गली के बाजार चौधरी (सीरवी) बाजार कहलाते थे पर आज सीरवी समाज के दक्षिण भारत में व्यापार व्यवसाय हेतु पलायन करने से बाजार में दुकानें आधी रह गई है अब सीरवी समाज की लगभग 40-45 दुकान मात्र है।
छत्तीस कौम के ग्राम खिंवाड़ा में लगभग 7500 की आबादी अर्थात ढाई ..
Posted By : 28 Aug 2023, 07:40:50गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##रानी तहसील के खिंवाड़ा कस्बे के पास सीरवी बाहुल्य एवं सीरवी समाज में देवड़ा गोत्र बाहुल्य गांव है-गजनीपुरा।
खिंवाड़ा, माताजी गुड़ा, कोलपुरा,बरी, ठाकुर जी गुड़ा, मुकनपुरा के मध्य बसा हुआ गांव है-गजनीपुरा,जिसे आसपास के लोग कभी कभी रांकीया गड़ा भी कहते है।
छत्तीस कौम के लगभग 450 घर की बस्ती में सीरवी समाज के 200 से अधिक घर है जिनमें आधे से अधिक देवड़ा राज कर रहे हैं। अन्य गौत्र में गहलोत, राठौड़, सोलंकी,काग, पंवार, आगलेचा और चोयल निवास कर रहे हैं।
यहां पर श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से सन् 1998 में वैशाख शुक्ल ..
Posted By : 27 Aug 2023, 15:04:43गोविन्द सिंह रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन तहसील के धनला पंचायत में मात्र 300 घर की बस्ती से सीरवी समाज के रत्न एवं सीरवी समाज के प्रथम सीए जे के चौधरी मुंबई का गांव है - कोलपुरा।
मारवाड़ जंक्शन से 35 किमी एवं पंचायत मुख्यालय धनला से 4 किमी दूर मुकनपुरा, गजनीपुरा,मेवी, पनोता और आखर के बीच बसा हुआ गांव कोलपुरा सीरवी बाहुल्य गांव है जिनमें सीरवी समाज के लगभग 200 घर है। सीरवी समाज के अलावा यहां पर मेघवाल, मीणा, देवासी , कुम्हार, सरगरा आदि जाति के लोग निवास करते हैं।
सीरवी समाज में चोयल, पंवार, सोलंकी,काग, सिन्दड़ा, चौहान, मुलेवा, आगलेचा, राठौड़, गहलोत,बरफा, देवड़ा, खंडाला एवं परिहार गौत्र के सीरवी बंधु निवास ..
Posted By : 26 Aug 2023, 12:17:49गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन से 30 किलोमीटर दूर जोजावर से 8 किमी दूर आया हुआ ग्राम है- धनला ।
इस गांव के चारों ओर आखर कोलपुरा, मामावास गुड़ा दुर्गा, ईशाली, जाणूंदा आदि गांव है 36 कौम की बस्ती में लगभग ढ़ाई हजार घर है जिनमें सीरवी समाज के अलावा राजपूत, राजपुरोहित, देवासी, मीणा, मेघवाल बाहुल्य में है अन्य क़ौम भी यहां निवास करते हैं।
सीरवी समाज की दो बडेर है जिनमें एक जूनी बडेर एवं दूसरी नवी बडेर कहलाती है, इस बार आई माता जी के धर्म रथ भैल का बधावा नवी बडेर में किया गया, यहां पर सीरवी समाज के 202 घर है, जिनमें सर्वाधिक लचेटा गोत्र के120 घर हैं, अन्य में गहलोत, काग, देवड़ा, हाम्बड़, राठौड़, परिहार औ..
Posted By : 26 Aug 2023, 08:16:46
##पनोता चौराहे से धनला के बीच बसा हुआ गांव है -आखर (आशापुरा)
इस गांव में कोई समय में सीरवी समाज का बाहुल्य था, सभी सीरवी आसपास के गांवों में जाकर बस गए, लेकिन अब यहां पर केवल पंवार और काग परिवार के दो घर है, जिनमें भारम जी काग कोटवाल एवं जीवाराम जी परमार जमादारी है। मुख्य मार्ग पर बहुत प्राचीन बडेर बनी हुई है और इस बार गांव के फीले से ही ढोल बजाकर छत्तीस कौम द्वारा श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया तब ऐसा नज़ारा देखने में आया कि छत्तीस कौम का अपार भाव माताजी पर है।
माताजी की बडेर के सामने मांगूसिंह जी चौहान राजपूत के रावले में सभी के लिए चाय पानी की व्यवस्था ..
Posted By : 25 Aug 2023, 11:24:48गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##सीरवी समाज में जैन समाज की तरह सर्वप्रथम में जिस गांव में सीरवी समाज का भवन बनाकर भोजशाला प्रारंभ की गई एवं पिछले 9 साल से अनवरत रूप से भोजशाला में गांव के वृद्ध जन् एवं बाहर से पधारने वाले मेहमानों के लिए समाचार करते ही भोजन तैयार मिलता है वह गांव है-सांसरी।
देसूरी तहसील में सीमा पर 30 किलोमीटर की दूरी पर जोजावर से 7 किलोमीटर दूर बसा हुआ गांव है-सांसरी।
यहां पर 36 कौम के लगभग 400 घर है जिन में विशेष बात यह है कि इस गांव की छड़ी सीरवी समाज के वनाराम जी हिराजी चोयल तथा उनके मासियात भाई वरदाराम जी जैता जी गहलोत द्वारा रोपी गई। और उसके बाद ही राजपूत सहित छत्तीस कौम के लोग आक..
Posted By : 24 Aug 2023, 08:46:32गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##मेवाड़ और मारवाड़ की सीमा बनाता आसपास के क्षेत्र का बड़ा बाजार और राजघराने का कस्बा है - जोजावर।
यह गांव तहसील मुख्यालय मारवाड़ जंक्शन से 35 किमी, देसूरी से 35 किलोमीटर एवं सोजत से 55 किलोमीटर की दूरी पर अरावली की सुरम्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है।यह कस्बा लगभग ढाई हजार घरों की बस्ती है जिसमें सीरवी समाज के अलावा राजपूत, जैन देवासी, मीणा, मेघवाल और रेगर समाज का बाहुल्य है,अन्य 36 कौम इस कस्बे में निवासरत है।
जोजावर कस्बे में सीरवी समाज के लगभग 200 घर है जिनमें पंवार,खंडाला, मुलेवा, चोयल,भायल, बरफा, हाम्बड़, अगलेचा,काग,राठौड़ और सोलंकी गौत्र के परिवार निवास करते हैं इन..
Posted By : 23 Aug 2023, 05:23:39गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##सुना है कि गांव छोटा
पर काम उनका मोटा
जोजावर से 10 किलोमीटर की दूरी पर बासनी पंचायत में धनला से 5 किलोमीटर दूरी पर आया हुआ है गांव -गुड़ा दुर्गा।
यह गांव लगभग 200 घर की बस्ती है, जिसमें सीरवी, राजपूत, घांची, देवासी, कुम्हार, सुथार, ब्राह्मण, रावणा राजपूत, मेघवाल आदि जातियां यहां निवास करती है। सीरवी समाज के इस गांव में लगभग 50 घर है, जिनमें पंवार, लचेटा, गहलोत, काग, मोगरेचा, चोयल, परिहार, गौत्र के सीरवी बंधु आपस में प्रेम भाव से रहते हैं, इसी का परिणाम है कि यहां पर आज से लगभग 6 वर्ष पूर्व वैशाख सुदी तेरस को श्री आई माताजी के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा बड़े हर्..