सीरवी समाज - मुख्य समाचार

##वर्तमान समय में सर्वाधिक आवश्यकता हमारी भावी पीढ़ी में संस्कारों की है सीरवी समाज में बाल संस्कार के बारे में पहल कर बाल संस्कार केन्द्र का संचालन करने में पूरे भारतवर्ष में एक ही नाम है- श्री देवाराम जी खेताराम जी काग जाणूंदा। सीरवी समाज के ऐसे अनमोल रत्न के ग्राम का नाम है- जाणूंदा।
Posted By : 30 Aug 2023, 11:04:03गोविन्द सिंह पंवार
##वर्तमान समय में सर्वाधिक आवश्यकता हमारी भावी पीढ़ी में संस्कारों की है सीरवी समाज में बाल संस्कार के बारे में पहल कर बाल संस्कार केन्द्र का संचालन करने में पूरे भारतवर्ष में एक ही नाम है- श्री देवाराम जी खेताराम जी काग जाणूंदा। सीरवी समाज के ऐसे अनमोल रत्न के ग्राम का नाम है- जाणूंदा। मारवाड़ जंक्शन से 23 किलोमीटर दूर मकनपुरा, देवली, जेतपुरा, इसाली, कोलपुरा और गजनीपुरा के मध्य बसा जाणूंदा मात्र 350 घर की बस्ती है जिनमें सीरवी, मेघवाल, राजपुरोहित, देवासी, जैन, राजपूत, सरगरा, कुम्हार, वैष्णव, सुथार आदि 36 कौम के लोग रहते हैं जिनमें सीरवी समाज के लगभग 200 घर है, सीरवी समाज के घरों में चोयल,काग, गहलोत, सोलंकी, देवड़ा, भूम्भाड़िया राठौड़ और पंवार गौत्र के बंधु यहां निवास करते हैं। जाणूंदा में श्री आई माताजी के मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा सन 1985, विक्रम संवत् 2042 के जेठ सुदी दशम् को जति श्री मोती बाबा जी के कर कमलों से संपन्न हुई थी। इस समय बडेर के कोटवाल चुन्नीलाल जी पंवार, जमादारी नत्थाराम जी काग एवं पुजारी ताराचंद जी चोयल है, आप सभी प्रेम भाव एवं पूरी तन्मयता से समाज की सेवा कर रहे हैं। इस गांव से नौकरी में श्री कसाराम जी भूम्भाड़िया राठौड़ ग्राम पंचायत मुंशी से सेवानिवृत हो चुके हैं, श्री रमेश गहलोत वेटरिनरी हॉस्पिटल में सहायक कर्मचारी के रूप में कार्यरत है, श्री भीमाराम चोयल मार्केटिंग सोसाइटी में व्यवस्थापक के रूप में कार्य कर रहे हैं। इस गांव में राजनीति के अंदर कई सरपंच दिए हैं जिनमें केसाराम जी जेताजी चोयल, पुखराज जी देवड़ा, केसाराम जी बेरा ढिमड़ा, भंवरी बाई देवड़ा, कालूराम जी चोयल और विमला गहलोत ने यहां पर सरपंच पद को सुशोभित कर ग्राम विकास के कार्य करवाए हैं। इस गांव से व्यापार व्यवसाय में हैदराबाद, मुंबई, पुणे, हरिद्वार, सूरत, चेन्नई और हिमाचल में बद्दी में सफलतम रूप से सिरवी बंधु अपने गांव का नाम रोशन कर रहे हैं जबकि रामलाल जी चोयल ने अपने गांव जाणूंदा में ही उद्योग का श्रीगणेश किया आपने मिनरल वाटर प्लांट लगाकर स्वास्तिक फूड एंड बेवरेज के नाम से पानी की बोतल पैकिंग व्यवसाय को पूरे पाली जिले के साथ राजसमंद में अपने व्यापार व्यवसाय को फैलाया है,जो जाणूंदा को नई पहचान दिलाने के साथ गांव और सीरवी समाज का नाम रोशन किया गया है। दक्षिण भारत में इस गांव से सर्वप्रथम रास्ता बनाने वालों में श्री खेताराम जी पंवार चेन्नई, श्री भूराराम जी दौलाराम जी चोयल हैदराबाद, भूराराम जी काग हैदराबाद, घीसू लाल जी चोयल ठाणे, हंसाराम जी रताजी चोयल ठाणे, जस्साराम जी जेता जी चोयल हैदराबाद, जसराज जी देवड़ा हैदराबाद, शंकर जी और वोरारामजी भूम्भाड़िया राठौड़ ने हरिद्वार में अपना तथा अपने गांव का नाम रोशन किया है। विशेष रूप से हरिद्वार में शंकर जी, वोराराम जी राठौड़ बाहर से जाने वाले सीरवी बंधुओं की सेवा के लिए हर समय तैयार रहते हैं। दक्षिण भारत में संगठनों के पदाधिकारी रूप में भूराराम जी/ दौलाराम जी चोयल एवं श्री जस्साराम जी चोयल ने हैदराबाद की केन्द्रीय बडेर पारसी गुट्टा के अध्यक्ष पद को सुशोभित किया है घीसूलाल जी चोयल ठाणे बडेर के संस्थापक हैं, हंसाराम जी चोयल के अध्यक्षीय कार्यकाल में ठाणे बडेर की शानदार प्राण प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई थी, हरिद्वार में श्री शंकर लाल जी भूम्भाड़िया राठौड़ अध्यक्ष पद पर आसीन हैं। और पूरे भारत में सीरवी समाज के एकमात्र बाल संस्कार केन्द्र तूफरान हैदराबाद में श्री देवाराम जी काग का कार्य सराहनीय ही नहीं बल्कि अपने आप में अद्वितीय है, यह वर्तमान में सीरवी समाज की महती आवश्यकता है श्री देवाराम जी से प्रेरणा लेकर पूरे भारतवर्ष में संस्कार केंद्र खोले जाने चाहिए। जिससे भावी पीढ़ी सुरक्षित रह सके। इस गांव में सीरवी समाज के एक से बढ़कर एक भामाशाह है जिनमें कसाराम जी भूम्भाड़िया राठौड़, दल्लाराम जी/ दौलाजी पंवार और राजाराम जी/ गमनाराम जी चोयल द्वारा कमरों के निर्माण, ढगलाराम,केनाराम, सोहनलाल/जीवाजी चोयल द्वारा बस स्टैंड निर्माण, चुन्नीलाल पुनाराम जी डूंगाजी चोयल द्वारा गौशाला गेट निर्माण, वोरारामजी सज्जाराम जी भूम्भाड़िया राठौड़ द्वारा उवाला निर्माण, उत्तम ललित भूराराम जी द्वारा गौशाला में शेड निर्माण करवा कर अपना तथा अपने परिवार का नाम रोशन किया है। इस गांव में भी सांसरी की तरह सभी सुविधाओं से युक्त समाज भवन बना हुआ है, भोजनशाला अनवरत रूप से चल रही है और बाहर से सीरवी बंधुओं के पधारने पर उनके लिए भी भोजन की व्यवस्था रहती है यहां पर बड़े बुजुर्गों को प्रतिदिन समय पर स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है, जो सीरवी समाज के लिए प्रेरणादाई है। जाणूंदा गांव से बाहर की ओर सीरवी समाज के मैरिज गार्डन हेतु डेढ बीघा भूभाग लिया हुआ है जिसमें चार दीवारी प्रारंभ होने जा रही है तथा उसमें मैरिज हॉल की तैयारी है। ग्राम जाणूंदा के सीरवी बंधुओं के उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं -दीपाराम काग गुड़िया।