सीरवी समाज - पाक्षिक निबंध प्रतियोगिता - 1 (1 सितम्बर से 15 सितम्बर 2019) - ब्लॉग

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Posted By : Posted By seervi on 15 Sep 2019, 12:41:14
विचार मेरे विचारो में - आलेख - सीरवी समाज की अच्छाईया - सबसे जुदा

समाज के सोशल मीडिया प्रारूप ने प्रिंट मीडिया के साहित्यिक प्रारूप में एक अरसे से मंदी को एक बार पुन: ताज़ी हवा का झोंखा दिया है, जिसे मेरी समझ में सीरवी समाज के सभी शिक्षाविदो को संज्ञान में लेना चाहिए l सीरवी समाज डॉट कॉम के संचालक संस्थापक और सम्पादक को इस हेतु ह्रदय से साधुवाद l

देश काल परिस्थिति विचारो का समागम अपने अन्तर्निहित अनेकानेक भावो से वस्तु विषय की कल्पना परिकल्पना प्रस्तुत करता रहता है, किसी जमाने में समाज के शिक्षाविदो द्वारा सीरवी सन्देश पत्रिका के माध्यम से समाज के साहित्यिक विचारों को सामने लाया जाता रहा है किन्तु वर्तमान में सोशल मीडिया के त्वरित सूचना आदान प्रदान की सुविधा ने एकबारगी समाज के साहित्यिक विचारों को लगाम देकर चुराए गए विचारों से सामाजिक साह्यित्यिक चेतना को छिलम छिल कर दिया l सीरवी समाज डॉट कॉम के - विचार मेरे विचारो में - प्रारूप की जानकारी हालांकि काफी देर पश्चात मुझे ज्ञात हुई, किन्तु निबंधात्मक आलेख की इस शुरुआत प्रशंशनीय है - वर्तमान आलेख ..
Posted By : Posted By seervi on 15 Sep 2019, 12:35:45
जय आईजी ।
सादर वन्दे ।
सीरवी समाज हमारा समाज है इसलिए इसके गुणगान करता हूं ,, नही,, बल्कि इस समाज की संस्कृति , सहनशीलता ,, दानत्व , अपनत्व,, मिलनसारिता,, ईमानदारी ,, सहकारिता की पुरी कायल है अन्य समाज ।

अकारण और बिना मेहनत के लेना सीरवी समाज के लिये वर्ज्य है । सीरवी समाज अपनी सादगीपूर्ण जीवन, मेहनतकश श्रम, ईमानदारी पुर्ण कर्तव्य और आस्था मे पुर्ण विश्वास और समर्पण की वजह से ही आज प्रगतवान है और तेज गति से प्रयासरत भी है , सीरवी समाज आज अन्य समाजों के लिये एक आदर्श बन रहा है, अन्य समाजों के लोग आज सीरवी समाज से प्रेरणा ले रहे है ।

मगर आज भी समाज का लक्ष्य पुरा नही हुआ है , समाज की सोच विशाल है, चंचलता से परिपुर्ण कर रहे है ,, आगे बढने की ललक और प्रतिस्पर्धात्मक युग मे भी अपने पांव जमाये ही नही है बल्कि और मजबूती प्रदान कर रहा है ।अन्य विजातिय सामाजिक लोग हमारी नकल करने लगे है और हमारे पदचिन्हों पर चलकर सफल हो रहे है , और यह भी सीरवी समाज के लिये गर्व की बात है कि हम उनके लिये प्रेरणास्त्रोत बन रहे है क्योंकि हमने देना ही सीखा है ,, याचकता से को..
Posted By : Posted By seervi on 15 Sep 2019, 07:05:39
??सीरवी समाज की अच्छाइया सबसे जुदा ??
हम सभी जानते है की समाज के बिना हमारा कोई अस्तित्व नहीं है | समाज हमारे जीवन का एक अटूट हिस्सा है | हमारे कई क्रियाकलाप समाज पर ही निर्भर करते है देखा जाए तो समाज हमारे लिए एक दर्पण का कार्य करता है जिसमें हम अपने प्रतिबिंब को देख सकते है | समाज में संघटन होता है, अनुशासन होता है, नैतिक मूल्य होते है | परम्पराए व रीती रिवाज़ होते है | एक विकसित समाज से ही एक विकसित राष्ट्र की कल्पना की जाती है | एक विकसित समाज राष्ट्र को उन्नति के उच्च शिखर तक पहुँचाता है | अपने कर्तव्यो व अपने दायित्वो का उचित निर्वहन करते हुए पुरे राष्ट्र में अपनी पहचान बनाता है | ऐसी ही एक पहचान बनाई है हमारे सीरवी समाज ने | सीरवी समाज की अछाईयो ने पुरे भारत वर्ष को मोहित कर दिया है | एक ऐसा समाज जिसका व्यवसाय मात्र अब खेती करना नहीं रह गया है, बल्कि हमारे समाज ने अपने कार्यों के बल पर, हर क्षेत्र में अपना परचम लहराया है | चाहे वह खेलकूद से सबंधित हो, व्यवसाय से संबंधित हो या शिक्षा से सम्बंधित हो | हर क्षेत्र में सीरवी समाज ने अपने शक्ति पुंज को दर्शया है |
सीरवी ..
Posted By : Posted By seervi on 15 Sep 2019, 04:15:07
विचार मेरे विचारो में - आलेख - सीरवी समाज की अच्छाईया - सबसे जुदा सबसे अलग
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो अपने जीवन पर्यंत विभिन्न गतिविधियों में संलग्न रहता है, जैसे दैनिक क्रियाये, मेल-मिलाप, जीवन निर्वाह हेतु कृषि, रोजगार, व्यापार इत्यादि तथा माता पिता, पुत्र-पुत्री, भाई-बहिन आदि रूपों में समाज में रहकर अपने कर्तव्यों का निर्वाह करता है l समाज व् मानव दोनों का अस्तित्व एक दुसरे पर निर्भर करता है l सुख-दुःख मानव जीवन रूपी सिक्के के दो पहलु है, एक अच्छा समाज मानव को इन्ही सब उतार चढावो से उबारने में सहयोग करता है l संस्कृति, लोगो का मोलिकता से जुड़ाव, पारस्परिक सद्भावना, शिष्टता, आध्यात्म, सहायता, प्रवृति, सहजता, उदारता आदि एक अच्छे समाज की विशेषताए है तथा इन्ही सब विशेषताओं को समाहित करता सीरवी समाज आज अपनी अच्छाइयो के फलस्वरूप प्रगति के मार्ग पर अग्रसर है l
सीरवी समाज के इतिहास के अबरे में सभी जानते है प्रारम्भिक रूप में कृषक जाती के रूप में उभरा यह समाज आज विभिन्न क्षेत्रो जैसे शिक्षा, चिकित्सा, खेल, व्यापार, अभियांत्रिकी, सिविल सेवा आदि में अपना योग..
Posted By : Posted By seervi on 13 Sep 2019, 05:49:03
सीरवी समाज की अच्छाईयां.. सबसे जुदा। -----------------------------

वैसे तो कुदरत के कानून जैसे दिन के साथ रात की तरह अच्छाईयों के साथ बुराईयां विद्यमान रहती है। फिर भी एक सकारात्मक दृष्टिकोण की उपज है इस बार का यह शीर्षक..साधुवाद।

हमारा ध्यान भी आजकल सभी की बुराइयों की तरफ पहले जाता है इसलिए अच्छाईयां इतनी नजर नही आती लेकिन सभी में बहुत सारी अच्छाईयां होती है।
स्वार्थ के माहौल के कारण हम उसका जिक्र कम करते है अतः हमें उसका अहसास होना कम हो गया है।

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, सबका अपना एक समाज है। सभी समाजों की तरह सीरवी समाज में भी बहुत सी अच्छाईयां है, और वो भी सबसे अलग, कुछ इस तरह...

1. साथ- मन से सच्चे बनाम अच्छे लोग एक दूसरे का सहयोग करते हुए साझे में मेहनतकश कृषिकार्य करते हुए साथ रहने लगे। इसी कारण वो सीरवी कहलाएं। साथ रहना अपने आप में बहुत बडा गुण था जो आज की एक बहुत बडी अच्छाई है। सीरवी समाज के जीवन की यह सच्चाई है।

और इसी एक प्रबल गुण के कारण हम और समाजों से भी हिल मिल रहते हुए जीवन यापन करते है। अर्थात ईश्वर के बनाएं सभी एक जीवात्मा संविधान का हम पालन ..
Posted By : Posted By seervi on 12 Sep 2019, 03:18:20
सीरवी समाज की अच्छाईयां - सबसे जुदा

सीरवी समाज की अच्छाईयां बताने के लिए समाज की उत्तपत्ति के बारे में बताने की कोई आवश्यकता नहीं है ।
सीरवी समाज की अच्छाईयां तो सीरवी समाज के कुल में पैदा हुए व्यक्ति के व्यवहार से पता चल जाती है
सीरवी समाज में कई ऐसी अच्छाईयां हे जो हमने कभी किसी समाज में न देखी होगी न सुनी होगी ।
" समाज की विशेषताये "
1) सरल व्यवहार - सीरवी बंधू का व्यवहार इतना सरल है कि दुनिया के किसी भी कोने में बैठा हो दुसरो के मान में अपने लिए जगह बना ही लेता है ।
2) सहायता - आज जमीन से उठा सीरवी ,समाज की सहायता के लिए ऑफिस खोल रहा है । परिवार के पालन , चिकित्सा का क्षेत्र , खेलकूद में या पढ़ाई के क्षेत्र में समाज से पैसा एकत्रित करके समाज की मदद के लिए आगे आया है ।
3) मेहनती - मेहनत का नाम सुन कर
ही किसान का चेहरा आँखों से गुजर जाता है । सीरवी तो जमीन से खड़ा हुआ है ,जमीन से खड़ा होना मतलब अन्न पैदा करना , चाहे कोई भी मौसम हो सर्दी , बारिश या कड़कती धुप सीरवी किसान खून पसीना एक करके परिवार का पालन पोषण करता हे ।सीरवी समाज की मेहनत का परिणाम ही आज उन्नति का शिख..
Posted By : Posted By seervi on 11 Sep 2019, 04:36:28
विचार मेरे विचारो में - पाक्षिक आलेख - सीरवी समाज की अच्छाईया - सबसे जुदा सबसे अलग

भारत देश में अनेको धर्म है l सभी धर्मो के लोगो में आपसी सोहार्द व् भाईचारा है l यहाँ समाज जातिगत पहलुओ पर विभक्त है l जिसमे से एक जाती का उल्लेख लोग बड़े गर्व भाव से करते है l और वो जाती है खारड़िया सीरवी -
सीरवी जाती पुरातन काल से ही अपनी विशिष्टताओ और प्रेम शान्ति के लिए जाना जाता है l सीरवी समाज के लोग बेहद ही सुशील तथा शांतिप्रिय होते है तथा सदेव ही दीं दुखी लोगो की सहायता व् मदद के लिए तत्पर रहते है l यही कारण है की आज देश विदेश में कही न कही सीरवी समाज के चेरिटेबल ट्रस्ट जरुर मिलते है l
मैं यहाँ सीरवी समाज की कुछ ऐसी ही अच्छाइयो का उल्लेख करने जा रहा हु -
1. परम्पराओ और रीती रिवाजो के प्रति पूर्ण सम्मान इस आधुनिकतावाद में भी सीरवी समाज अपनी परम्पराव और रीती रिवाजो के निर्वहन बेहद ही शालीन तरीके से करता है l जैसे शादी विवाह पारंपरिक पोशाक में करना छोटे नवजातो के जड़ोलिए की रस्म इत्यादि l
2. दूसरी जातियों का सम्मान करना - माँ आईजी के पथ का अनुसरण करते हुए सीरवी समाज के द्वारा द..
Posted By : Posted By seervi on 09 Sep 2019, 05:49:31
विचार मेरे विचारो में - आलेख - सीरवी समाज सबसे जुदा

सीरवी जाती का आज से लगभग 800 वर्ष पूर्व हुआ है l सीरवी जाती मुख्यत: राजस्थान प्रदेश के मारवाड़ व् गोडवाड़ क्षेत्र में कम संख्या है l
सीरवी जाती खारड़िया राजपूतो के वंशज है, खारड़िया राजपूत पहले जालोर के साका के नाम से प्रसिद्द थे l फिर बदलते समय के साथ वहा की परिस्थितिया अनुकूल न होने के कारण उन्होंने वहा से पलायन कर पाली व् जोधपुर जिलो के गाँवों में आकर बस गए l ये लोग यहाँ पर पूर्व में बसे जनवो के साथ सीर साझे में खेती करने लग गए l फिर यह खेती इनका मुख्य व्यवसाय बन गया l
आज समय के साथ सीरवी समाज के लोगो ने अपने विकास व् समाज विकास के लिए यहाँ से अपने व्यवसाय के कारण दक्षिण भारत में है l सीरवी समाज के लोग देवी श्री आई माता के अनुयायी है और इनके ही उपासक है l आई माता के मंदिर को "बढेर" कहा जाता है l आज के इस आधुनिक युग में भी सीरवी समाज के लोग अपने रीती रिवाज संसकारो को नहीं भूले है वो आज भी अपने सारे प्रसंग, त्यौहार, उत्सव, अपने रीती रिवाजो से करते है l
आज सीरवी समाज के लोगो ने अपने परिश्रम कला व् अथक प्रयासों से हर क्षेत..
Posted By : Posted By seervi on 09 Sep 2019, 05:42:32
विचार मेरे विचारो में - आलेख - सीरवी समाज सबसे जुदा
सीरवी एक जाती है जो आज से लगभग 800 वर्ष पूर्व अलग ह्जोकर राजस्थान के मारवाड़ और गोड्वाड क्षेत्र में रह रही थी ल कालांतर में यह जाती राजस्थान के जोधपुर और पाली जिले में कम संख्या में पायी जाती है
सीरवी समाज के इतिहास का बहुत कम प्रमाण उपलब्ध है lखारादिया राजपूतो का शाशन जालोर पर था व् राजा कान्हडदेव चौहान वंशीय थे उन्ही के वंश 24 गौत्रीय खारड़िया सीरवी कहलाये l
अत: वैशाख सुद 5 विक्रम संवत 1368 को खारड़िया राजपूतो ने साका किया l जो इतिहास में जालोर के साका के नाम से प्रसिद्द है l
खारड़िया राजपूतो ने 600 बेलगाडीयो में अपना सामान लादकर पाली व् जोधपुर जिले की तरफ प्रस्थान किया और लूनी नदी के आस पास के क्षेत्र में जहा सिचाई के पानी की पर्याप्त सुविधा थी, वहा बस गए l ये लोग यहाँ पर पूर्व में बसे जनवो के साथ सीर साझे में खेती करने के कारण सीरवी कहलाये l खारड़िया राजपूतो ने तलवार का मोह त्याग कर वर्षो से बंजर पड़ी भूमि को अपने हाथो से हल चलाकर उपजाऊ बनाया l फिर यही खेती इनका मुख्या व्यवसाय बन गया l जिस जिस खेत्र में उपजाऊ जमीन व् ..
Posted By : Posted By seervi on 07 Sep 2019, 05:39:19
आलेख:-सीरवी समाज की अच्छाइयां-सबसे जुदा ।

प्रत्येक समाज की अपनी कुछ अच्छाइयां अर्थात विशेषताएं होती है तो कुछ अपनी कमियां भी।
सीरवी समाज भी एक ऐसा ही समाज है जिसके अतीत में झांके तो अच्छाइयां ही अच्छाइयां नजर आती है। यह सही है कि वक्त के साथ समाज की अच्छाईयों पर ग्रहण भी लगा है औऱ समाज की वे खूबसूरत प्रतिमान औऱ सामाजिक आदर्श मूल्य अर्थात अच्छाइयां छिन्न-भिन्न भी हुई है लेकिन आज भी सीरवी समाज में बहुत-सी अच्छाइयां है जो सबसे जुदा है।
सीरवी समाज की अच्छाइयां पर प्रकाश डालने से पहले हमें यह जानना जरूरी है कि वास्तव में अच्छाइयां है क्या ?
मानव समाज में अच्छाइयां का अपना एक स्तर है जो सामाजिक,धार्मिक औऱ भौगोलिक परिस्थितियों के साथ अपना एक अलग अस्तित्व है।एक समाज के आदर्श प्रतिमान उस समाज के लिए अच्छाइयां है तो अन्य समाज के लिए वे बुराइयां है।एक धर्म के कुछ नियम उनके लिए अच्छाइयां है तो वही अन्य धर्म के लिए उनका कोई मूल्य नही है अर्थात वे बुराइयां है।
इसी प्रकार से एक क्षेत्र विशेष में रहने वाले लोगो के सामाजिक प्रतिमान औऱ मानवीय मूल्य उन..
Posted By : Posted By seervi on 03 Sep 2019, 06:06:11
सीरवी समाज की अच्छाइयां सबसे जुदा -------------------------------------------
सीर कियो जद सीरवी सो जाणे संसार ,सीरवी समाज बहुत ही सरल ,सुलझी हुई व शांति प्रिय कौम है!आपस में हिलमिल कर रहना ,सादा जीवन उच्च विचार ,चाहे खेती हो या व्यापार अपनी मेहनत व हूनर के बल पर बनाई है अपनी अलग पहचान ! सेवाभाव,मेहनतकश व ईमानदारी इस समाज की अच्छी खूबियां है ,लेकिन जो सबसे अच्छी खूबी है वह है परिस्थिति के अनुसार सामंजस्य-चाहे शादी ब्याह का समारोह हो या फिर कोई अन्य फंक्शन उनमें लोग अपनी हैसियत के अनुसार सम्पन्न कर लेते है तो उसमें कोई शिकवा शिकायत नहीं करते हैं!विवाह की रस्में बड़े ही सादगीपूर्ण ढंग से सम्पन्न कर दी जाती है,सामने वाले समधी यानि वरपक्ष की ओर से कोई विशेष डिमांड नहीं होती है!जब कि अन्य कौमो छोटी मोटी जातियों में हम अक्सर देखते है कि इन अवसरों पर अजीब अजीब मांगे रख दी जाती है जो मजबूरी में लड़की के पिता को हैसियत न होते हुए भी पूरी करनी पड़ती है!ऐसा खाना होना चाहिए ,बारातियों का स्वागत ऐसा होना चाहिए,दुल्हें के लिये व और भी फलाना ठीमका तरह तरह की अजीबोगरीब मांगे रख देते है जो पूरी न ह..
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