सीरवी समाज - पाक्षिक निबंध प्रतियोगिता - 1 (15 अगस्त से 30 अगस्त 19) - ब्लॉग

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Posted By : Posted By seervi on 28 Aug 2019, 03:10:57
शिक्षा हमे अपनी मुश्किलों से आगे देखना सिखाती हैं

शिक्षा का मुलभुत महत्व व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास में निहित हैं , और जहा विकास के पथ गमन की बात हो चुनोतिया और मुश्किलें रूपी रुकावते ठोकर के रूप में जरूर आती हैं ; शिक्षा प्राप्त व्यक्ति इन ठोकरों को कैसे पार करना या कैसे बचना हैं उसको समझता ही नहीं बल्कि दूसरो के लिए भी वो ठोकर से बचने का मार्गदर्शन करता हैं !

आदिकाल से अभी तक किये गए अविष्कारों में शिक्षा ही केंद्र रही हैं जिसने नित नए प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया और मानव को जंगलो से निकाल कर उसको मोहन जोदड़ो समृद्ध सभ्यता से भी आगे स्मार्ट सिटी में रहने तक का सफर दिखवाया ! पुराने ज़माने की दैनिक जीवन की कठिनाओ को हम शिक्षा रूपी कुल्हाड़ी से काट पाए और जीवन में नए चीजों की तरफ देख पाए | यह क्रम शिक्षा के उद्गमन से निरंतरता लिए हुए हैं !

शिक्षा से हम क्या प्राप्त करते हैं ? समग्र बुद्धि ! जो की चेतना देती हैं और चेतना से ही अपने आस पास के आवरण की आभा महसूस होती हैं , इसी आभास से उचित निर्णय लेने की क्षमता में वृद्धि होती हैं और इस प्रकार लिया गय..
Posted By : Posted By seervi on 24 Aug 2019, 03:46:52
निबंध:-शिक्षा हमें अपनी मुश्किलों से आगे देखना सिखाती है।
शिक्षा एक प्रकाश का वह स्रोत है जो जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हमारा सच्चा पथ प्रदर्शक करती है।शिक्षा हमें अज्ञानता से बाहर निकालती है।शिक्षा अंधेरे से उजाले की ओर ले जाती है।हम सब शिक्षा की महत्ता जानते है।शिक्षा एक दिव्य प्रकाश पुंज है जिससे सर्वत्र उजियारा ही उजियारा होता है।
शिक्षा शब्द संस्कृत के 'शिक्ष' धातु से बना है जिसका अर्थ है -सीखना औऱ सिखाना। अर्थात सीखना औऱ सिखाने को प्रक्रिया ही शिक्षा है।सीखने औऱ सिखाने की प्रक्रिया में बहुत कुछ गहराई है।इस प्रक्रिया में दो केंद्र शिक्षार्थी औऱ शिक्षक न होकर तीन केंद्र हो जाते है,एक पाठ्यक्रम भी जुड़ जाता है।शिक्षा एक त्रिआयामी प्रक्रिया बन जाती है।यह त्रि-आयाम शिक्षा को पूर्णता प्रदान करता है।
भारतीय पवित्र ग्रन्थ "गीता" में शिक्षा के लिए लिखा है कि "सा विद्या विमुक्ते।"यानि विद्या(शिक्षा) वही जो बंधनो से मुक्त करे। शिक्षा जीवन की खुशहाली के मार्ग में आने वाली हर विपत्ति या मुश्किलों से मुकाबला करना सिखाती है।
भारतीय महान वि..
Posted By : Posted By seervi on 23 Aug 2019, 05:28:30
शिक्षा हम्हे अपनी मुश्किलों से आगे देखना सिखाती है : प्रस्तुति - पदमा चौधरी, JEN- सूरतगढ़

बढती हुई प्रतिस्पर्धा तथा वर्तमान परिस्थितियों की जटिलता को देखते हुए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा की शिक्षा एक मित्र की भाँती हमारा साथ देते हुए मुश्किलों से आगे देखना सिखाती है तथा विपरीत परिस्थितियों में भी हमारा मनोबल बढाकर मार्ग प्रशस्त करती है l बाल्यकाल से युवावस्था तक अर्जित शिक्षा रूपी धन एक गुरु की भाँती जीवन पर्यंत व्यक्ति का मार्गदर्शन करता है l
चाहे बाल्यकाल में माता की गोद में खेलते हुए स्वर व्यंजन का आलाप, चाहे विद्यालय में शिक्षको द्वारा हल करवाए गए गणित के प्रश्न, चाहे उच्च शिक्षा में विभिन्न विषयो का गहन अध्ययन आदि मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाते है तथा देनिक गतिविधियों को सरलता से निर्वाह करने की समझ देते है l
शिक्षा व्यक्ति में समझ, साहस, सृजनता, आत्मविश्वाश, सहिष्णुता, संबलता, वाकपटुता, तार्किकता, मोलिकता, सद्भावना आदि गुणों का संचार करती है तथा इसी के फलस्वरूप व्यक्ति में सकारात्मक दृष्टीकोण का उद्भव होता है जो मुश्किलों भरे इस स..
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