सीरवी समाज - ब्लॉग

आलेख:-सीरवी समाज की अच्छाइयां-सबसे जुदा । - प्रतिभागी - ललिता चौधरी पुत्री श्री प्रताप राम चौधरी ग्राम ( मामावास) पोस्ट खारिया सोढा तह. सोजत, जिला पाली
Posted By : Posted By seervi on 09 Sep 2019, 05:42:32

विचार मेरे विचारो में - आलेख - सीरवी समाज सबसे जुदा
सीरवी एक जाती है जो आज से लगभग 800 वर्ष पूर्व अलग ह्जोकर राजस्थान के मारवाड़ और गोड्वाड क्षेत्र में रह रही थी ल कालांतर में यह जाती राजस्थान के जोधपुर और पाली जिले में कम संख्या में पायी जाती है
सीरवी समाज के इतिहास का बहुत कम प्रमाण उपलब्ध है lखारादिया राजपूतो का शाशन जालोर पर था व् राजा कान्हडदेव चौहान वंशीय थे उन्ही के वंश 24 गौत्रीय खारड़िया सीरवी कहलाये l
अत: वैशाख सुद 5 विक्रम संवत 1368 को खारड़िया राजपूतो ने साका किया l जो इतिहास में जालोर के साका के नाम से प्रसिद्द है l
खारड़िया राजपूतो ने 600 बेलगाडीयो में अपना सामान लादकर पाली व् जोधपुर जिले की तरफ प्रस्थान किया और लूनी नदी के आस पास के क्षेत्र में जहा सिचाई के पानी की पर्याप्त सुविधा थी, वहा बस गए l ये लोग यहाँ पर पूर्व में बसे जनवो के साथ सीर साझे में खेती करने के कारण सीरवी कहलाये l खारड़िया राजपूतो ने तलवार का मोह त्याग कर वर्षो से बंजर पड़ी भूमि को अपने हाथो से हल चलाकर उपजाऊ बनाया l फिर यही खेती इनका मुख्या व्यवसाय बन गया l जिस जिस खेत्र में उपजाऊ जमीन व् सिचाई की सुविधा उपलब्ध थी l वहा वहा ये लोग बढ़ते एवं बसते गए l अपने परिश्रम लगन एवं इमानदारी से इस व्यवसाय के प्रति समर्पित हो जाने के कारण किसान जाती के रूप में इनकी ख्याति हुई l सीरवी जाती में 24 अलग गोत्र के लोग है l अधिकतर सीरवी आइमाता, जिनका मंदिर राजस्थान के बिलाडा क़स्बा में है के अनुयायी है l आइमाता को जीजी भी कहते है l जीजी अपने आई पंथ का प्रचार करती हुई गोडवाड एवं मारवाड़ क्षेत्रो में आयी l श्री आईजी ने उन्हें डोरा बांध बनाकर अपने आई पंथ में दीक्षा डी l सीरवी समाज ने आइमाता को अपनी ईस्ट देवी मानती है l आइमाता ने माधवदास के पुत्र गोयन्द दास को अपनी गादी का प्रथम दीवान नियुक्त कर अखंड ज्योति की स्थापन की उसी परंपरा का सीरवी लोग आज भी पालन करते है l जिन सीरवी लोगो को माताजी ने अपना ग्यारह गाठ का डोरा बांधा वह सब लोग माताजी के ग्यारह नियम का पालन करते है l पुरुष वर्ग यह डोरा हाथ में बांधते तथा स्त्री वर्ग यह डोरा गले में बांधती है l
सीरवी जाती के लोग ज्यादातर खेती व् कृषि पर निर्भर करते है l
सीरवी जाती के लोग दिल से साफ़ व् सच्चे होते है वह कभी नहीं चाहते की उनके कारण किसी और को तकलीफ हो l
आज के समय में ज्यादा सीरवी जाती के लोग बाहर शहरों में रहते तथा अपना व्यवसाय करते है l
सीरवी जाती के लोग अपने मन, वचन, कर्म, संसकारो, दरियादिली व् अपने रीती रिवाजो , रस्मो में सबसे जुदा होते है l
सीरवी जाती न केवल कृषि में आगे है l आज के इस युग में सीरवी जाती शिक्षा, व्यवसाय, राजनीती, व् अर्थव्यवस्था में भी आगे है l
सीरवी जाती के कई ऐसे महान पुरुष व् उच्च व्यक्तित्व के लोग जिन्होंने शिक्षा, एज्निती व् अर्थव्यवस्था में सीरवी समाज का नाम रोशन किया है l
आज के इस युग में सीरवी जाती दुनिया के हर एक कोने में जानी जाती है l
यह लोग कभी किसी का बुरा नहीं सोचते और नहीं किसी का अहित करते है l इसलिए माँ आइमाता की कृपा से सीरवी जाती के लोग एक सम्रद्ध व् खुशहाल समाज है l
सीरवी जाती के लोग सारे त्यौहार व् उत्सव हर्ष व् उल्लास के साथ मिलकर मनाते है l

लेखिका
ललिता चौधरी पुत्री श्री प्रताप राम चौधरी
ग्राम ( मामावास) पोस्ट खारिया सोढा
तह. सोजत, जिला पाली
राजस्थान - 306001
मोबाइल नंबर - 735747830