सीरवी समाज - नीता देवड़ा, इन्दोर (मध्य प्रदेश) - ब्लॉग

Result : 1 - 4 of 4   Total 1 pages
Posted By : Posted By seervi on 12 Aug 2019, 03:53:37
..........कड़वा सच ..........

मेने जो लिखा सामाजिक बटवारा एक कड़वा सच है , समाज को तकलीफ पहुचाने वाला था । मै भी आपकी बात से सहमत हूँ, मेने जो लिखा वह समाज को ठेस पहुचाने वाला था । एक दिन के लिए सभी लोग ये सोच ले की में न सीरवी हूँ ,न में जैन हूँ , न में सोनी हूँ न तो मेरा कोई धर्म है और न कोई समाज । में सिर्फ हिंदुस्तानी हूँ और मुझे सिर्फ भारत माता के लिए जीना हैं और भारतमाता की रक्षा करना हैं ।
में ये सब बार बार इसलिए लिख रही हूं क्योंकि हमारी जन्मभूमि भारतमाता पर दिन ब दिन मुस्लिम जनसँख्या बढ़ती जा रही है ,आज हमारा हिन्दू जिसकी शादी 18 से लेकर 25 की उम्र तक हो जानी चाहिए लेकिन सामाजिक सीमा के कारण वह 35 से 40 साल अनमैरिड ही रह जाता है और तब तक एक मुस्लिम चार बच्चे पैदा कर लेता है मतलब हिंदुस्तानी एक और मुस्लिम की संख्या 5 से 6 तक पहुच जाती है। डर इस बात का हे कि हम समाज समाज करते रहेंगे और मुस्लिम हिंदुस्तान पर राज करने लगेगा ,क्योंकि मुस्लिम में करीबी रिस्तो में शादी करने का रिवाज है वो लोग तो अपनी सगी मौसी ,मामा बुआ जैसे करीबी रिश्तो में शादी करते हे और उनको कोई नहीं रोकता है ।मेने ..
Posted By : Posted By seervi on 12 Aug 2019, 03:51:46
..........समाज का बटवारा ...........

आज में समाज के विपक्ष में लिखना चाहती हूँ शायद आपको मेरे विचार पसंद न आये पर फिर भी में अपने विचार समाज के समक्ष रखना चाहती हूँ ।
क्या आज की युवा पीढ़ी को समाज में ही शादी करने के लिए जोर देना चाहिए , परिवार के जोर देने से लड़का लड़की शादी तो कर लेते है ,लेकिन फिर वही सुनने में आता है कि या तो। लड़के ने लड़की को छोड़ दिया क्योंकि लड़का का किसी और लड़की के संपर्क में था या लड़की को लड़का पसंद नहीं था तो लड़की भाग गयी तब माँ बाप पछताते हे की पहले ही हमने अपने बच्चो की सुन ली होती तो ये दिन ही नहीं देखना पड़ता ।
दूसरे समाज में शादी करने से क्या नुकसान है क्या समाज की संख्या कम हो जायेगी या समाज समाप्त हो जायेगा ,यदि हम समाज की लड़की देंगे तो दूसरे समाज की लड़की लाएंगे भी और जब बच्चा छोटा होता है तो वो नहीं जानता है कि समाज होता क्या है । obc , st. या general क्या है । हम लोग ही बच्चे को समाज में भेद करना समझाते हे , यदि सीरवी समाज का बच्चा हिन्दू हे तो दूसरी समाज का बच्चा भी तो हिन्दू ही होगा । तो क्या हम हिन्दू ही एक दूसरे में समाज का सहारा ले कर अपने आप को अलग अलग सम..
Posted By : Posted By seervi on 12 Aug 2019, 03:51:19
एक बार महालक्ष्मी भगवान से किसी बात पर नाराज हो गयी और उन्होंने अपना विरोध प्रकट किया तो प्रभु ने उनसे पूछा की महालक्ष्मी बताये आपको क्या चाहिए तो महालक्ष्मी ने कहा कि प्रभु मुझे अभी ही एक वरदान दीजिये , तो प्रभु ने उन्हें वरदान दिया कि जाइये महालक्ष्मी आप जब चाहे ,जिसे चाहे ,जो चाहे दे सकती है ,पर याद रखिए कि उसे छिनने का अधिकार मेरे पास होगा। जब माँ सरस्वती को ये बात पता चली तो उन्होंने भी भगवान की स्त्तुति की पुरे मन से उनकी आराधना की तो भगवान उनसे प्रसन्न हुए और बोले सरस्वती आपको क्या चाहिए तो माँ सरस्वती ने कहा कि प्रभु मुझे भी एक वरदान चाहिए तो भगवान मुस्कुराये और उन्होंने माँ सरस्वती को वरदान दिया कि जाइये सरस्वती आप भी जिसे चाहे जो चाहे दे सकती है,पर उसे छिनने का अधिकार मेरे पास नहीं होगा। कहने का मतलब हम दुनिया में धन दौलत कमाते हे तो धन दौलत आनी जानी है,लेकिन आपका हुनर ,कला और आपका ज्ञान आपसे कोई नहीं छीन सकता ।कहने का मतलब जब मन लगा कर ज्ञान ग्रहण किया जाये तो उसे छीनने का अधिकार स्वयं भगवान विष्णु के पास भी नहीं होता है ,लेकिन पैसा तो हाथ का मेल ..
Posted By : Posted By seervi on 12 Jun 2021, 10:50:49
मृत्युभोज
जब भी मृत्युभोज को बंद करने की बात होती है तो बहुत से लोग या हमारे बुजुर्गइस बात को लेकर बहुत से प्रश्न खड़े कर देते है कि क्या आपत्ति हैं मर्त्युभोज से
और सही भी हे की भला क्या आपत्ति है समाज के लोगो को मर्त्युभोज से
जिन लोगों को मर्त्युभोज से आपत्ति नहीं है वे लोग कहते हे की तुम लोग मर्त्युभोज बंद करने के बजाय अपना जन्मदिन मत मनाओ,होटलो में खाना मत खाओ,घूमने में पैसा खर्च मत करो या शादी में भी खर्च मत करो ऐसे बहुत से प्रश्न खड़े कर दिए जाते हैं
लेकिन एक प्रश्न यह भी हे की जन्मदिन साल में एक दिन का होटलो में खाना महीनो में कभी ,घूमने में पैसा खर्च ज्यादा तर फॅमिली के साथ ही होता है और शादी भी 2 या 3 दिन की पहले के समय में शादी 8,10 या 15 दिन की भी होती थी,लेकिन अब समय की कमी होने के कारण शादिया भी सिमट कर 3 ,2 या 1 दिन की ही रह गयी है । अब बात आती है मृत्युभोज की मृत्युभोज 1 दिन का ,2 दिन का ,3 दिन का ,4 दिन का ,5 दिन का 6 दिन का , 7 दिन का ,8 दिन का ,9दिन का , 10 दिन का ,11 दिन का नहीं 12 दिन का होता है और सबसे बड़ा खर्च भी मर्त्युभोज में ही होता होगा । प्रश्न तो यहाँ होना चाहिए की यदि शा..
Result : 1 - 4 of 4   Total 1 pages