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शिक्षा हम्हे अपनी मुश्किलों से आगे देखना सिखाती है : प्रस्तुति - पदमा चौधरी, JEN- सूरतगढ़
Posted By : Posted By seervi on 23 Aug 2019, 05:28:30

शिक्षा हम्हे अपनी मुश्किलों से आगे देखना सिखाती है : प्रस्तुति - पदमा चौधरी, JEN- सूरतगढ़

बढती हुई प्रतिस्पर्धा तथा वर्तमान परिस्थितियों की जटिलता को देखते हुए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा की शिक्षा एक मित्र की भाँती हमारा साथ देते हुए मुश्किलों से आगे देखना सिखाती है तथा विपरीत परिस्थितियों में भी हमारा मनोबल बढाकर मार्ग प्रशस्त करती है l बाल्यकाल से युवावस्था तक अर्जित शिक्षा रूपी धन एक गुरु की भाँती जीवन पर्यंत व्यक्ति का मार्गदर्शन करता है l
चाहे बाल्यकाल में माता की गोद में खेलते हुए स्वर व्यंजन का आलाप, चाहे विद्यालय में शिक्षको द्वारा हल करवाए गए गणित के प्रश्न, चाहे उच्च शिक्षा में विभिन्न विषयो का गहन अध्ययन आदि मनुष्य को जीवन जीने की कला सिखाते है तथा देनिक गतिविधियों को सरलता से निर्वाह करने की समझ देते है l
शिक्षा व्यक्ति में समझ, साहस, सृजनता, आत्मविश्वाश, सहिष्णुता, संबलता, वाकपटुता, तार्किकता, मोलिकता, सद्भावना आदि गुणों का संचार करती है तथा इसी के फलस्वरूप व्यक्ति में सकारात्मक दृष्टीकोण का उद्भव होता है जो मुश्किलों भरे इस संसार में खुश रहने की कुंजी है l शिक्षा का मकसद एक खाली दिमाग को सही सूचना से परिपूर्ण कर खुले दिमाग में विकसित करना है शिक्षा व्यक्ति में ज्ञान कौशल को उजागर कर व्यक्ति के दिमाग व् व्यक्तित्व को बदल देती है तथा सकारात्मक दृष्टीकोण रखने में सहायता करती है l
किसी मुसीबत के आने पर शिक्षा व्यक्ति को भयभीत हुए बिना सकारात्मक दृष्टीकोण रखते हुए समस्या से ज्यादा उसके समाधान की और ध्यान देने को प्रेरित करती है तथा इसी दृष्टीकोण व् व्यक्तित्व एक शिक्षित व्यक्ति परेशानियों को पहले ही भांप जाता है तथा आत्मविश्वाश के साथ उनका सामना करता है l
यह सकारात्मक दृष्टीकोण न केवल व्यक्ति को मानसिक, सामाजिक व् बौद्दिक संबलता प्रदान करता है अपितु लक्ष्य प्राप्ति के लिए सदेव तत्पर रखता है l शिक्षा ही वह साधन है जो विपरीत परिस्थितियों में भी व्यक्ति को शांत रखकर मस्तिस्क की समस्त शक्तियों को केन्द्रित कर समस्या समाधान की और अग्रसर करता है l शिक्षा समाज में व्यक्ति की एक अलग पहचान बनाती है तथा शिक्षित व्यक्ति समाज में परिवर्तन की ज्योति को प्रकाशमान कर सकता है l
विभिन्न उदाहरणों से यह स्पस्ट किया जा सकता है की शिक्षा हम्हे अपनी मुश्किलों से आगे देखना सिखाती है जैसे एक आपदाग्रस्त व्यक्ति अपने आप को शांत रखते हुए पूर्व अर्जित ज्ञान का परिस्थिति के अनुसार उपयोग कर स्वयं की रक्षा कर सकता है इसी प्रकार ज्ञान विज्ञान के क्षेत्र में मौसम के पूर्वानुमान से ही आने वाले संकट का पता लगा लिया जाता है तथा साथ ही उससे बचाव उपचार आदि का मंथन शुरू कर दिया जाता है, इसी प्रकार शिक्षा का सही उपयोग विभिन्न क्षेत्रो में सफलता का परिचायक बना है l
यह महान राजनीतिज्ञ चाणक्य की शिक्षा का ही परिणाम था की यवनों को भारत भूमि से खदेड़ने के पश्चात विभिन्न जनपदों को एक राष्ट्र के सूत्र में पिरोने का स्वप्न साकार हुआ l समय समय पर विभिन्न समाज सुधारको जैसे स्वामी विवेकानंद, इश्वरचंद विद्यासागर, स्वामी दयानंद सरस्वती, राजा राम मोहन राय, महात्मा ज्योतिराव फुले, आदि ने शिक्षा पर जोर दिया तथा जन सामान्य को अवगत करवाया की शिक्षा ही उनके उत्थान का मार्ग है l
उपर्युक्त उदाहरणों तथा शिक्षा द्वारा सृजित गुणों की महता से यह सरलता से समझा जा सकता है की शिक्षा हम्हे अपनी मुश्किलों से आगे देखना सिखाती है l इस प्रकार शिक्षा की महता को समझते हुए विश्व के हर व्यक्ति को शिक्षा ग्रहण करने के लिए सदेव तत्पर रहना चाहिए तथा समस्त मानव जाती के उत्थान के लिए अपना सहयोग देना चाहिए l
"शिक्षा का ही ये फल है l
व्यक्ति की हर समस्या का हल है l"
"अगर चुनोतिपूर्ण मार्ग में अन्धकार है, तो शिक्षारूपी दीपक हरदम प्रकाशवान है ll"

कृति
पदमा चौधरी पुत्री श्री किशन लाल चौधरी
Junior Engineer, Civil RRVUNL Suratgarh
शैक्षणिक योग्यता : B.E.(Civil) M.B.M. Engg. College, Jodhpur
Permanent address : 21 E Durga Sadan Janta Colony Pali (Rajasthan)
Pin code : 306401
Phone No. 9079805501