सीरवी समाज - मुख्य समाचार

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Posted By : 29 Aug 2023, 09:54:44गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##वर्तमान में तहसील मुख्यालय रानी से 50 किमी, मारवाड़ जंक्शन एवं देसूरी के मध्य 30 किमी की दूरी पर आसपास के गांवों का सबसे बड़ा बाजार, सीरवी बाहुल्य कस्बा, आज से पच्चीस साल पूर्व मुम्बई का बच्चा कहलाने वाला ग्राम था- खिंवाड़ा।
उस समय और कोई गांव से भले बस नहीं चलती पर खिंवाड़ा से मुम्बई सीधी बस सेवा उपलब्ध थी,मैन बाजार और पीछे की गली के बाजार चौधरी (सीरवी) बाजार कहलाते थे पर आज सीरवी समाज के दक्षिण भारत में व्यापार व्यवसाय हेतु पलायन करने से बाजार में दुकानें आधी रह गई है अब सीरवी समाज की लगभग 40-45 दुकान मात्र है।
छत्तीस कौम के ग्राम खिंवाड़ा में लगभग 7500 की आबादी अर्थात ढाई ..
Posted By : 28 Aug 2023, 07:40:50गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##रानी तहसील के खिंवाड़ा कस्बे के पास सीरवी बाहुल्य एवं सीरवी समाज में देवड़ा गोत्र बाहुल्य गांव है-गजनीपुरा।
खिंवाड़ा, माताजी गुड़ा, कोलपुरा,बरी, ठाकुर जी गुड़ा, मुकनपुरा के मध्य बसा हुआ गांव है-गजनीपुरा,जिसे आसपास के लोग कभी कभी रांकीया गड़ा भी कहते है।
छत्तीस कौम के लगभग 450 घर की बस्ती में सीरवी समाज के 200 से अधिक घर है जिनमें आधे से अधिक देवड़ा राज कर रहे हैं। अन्य गौत्र में गहलोत, राठौड़, सोलंकी,काग, पंवार, आगलेचा और चोयल निवास कर रहे हैं।
यहां पर श्री आई माताजी मंदिर बडेर की प्राण प्रतिष्ठा परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से सन् 1998 में वैशाख शुक्ल ..
Posted By : 27 Aug 2023, 15:04:43गोविन्द सिंह रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन तहसील के धनला पंचायत में मात्र 300 घर की बस्ती से सीरवी समाज के रत्न एवं सीरवी समाज के प्रथम सीए जे के चौधरी मुंबई का गांव है - कोलपुरा।
मारवाड़ जंक्शन से 35 किमी एवं पंचायत मुख्यालय धनला से 4 किमी दूर मुकनपुरा, गजनीपुरा,मेवी, पनोता और आखर के बीच बसा हुआ गांव कोलपुरा सीरवी बाहुल्य गांव है जिनमें सीरवी समाज के लगभग 200 घर है। सीरवी समाज के अलावा यहां पर मेघवाल, मीणा, देवासी , कुम्हार, सरगरा आदि जाति के लोग निवास करते हैं।
सीरवी समाज में चोयल, पंवार, सोलंकी,काग, सिन्दड़ा, चौहान, मुलेवा, आगलेचा, राठौड़, गहलोत,बरफा, देवड़ा, खंडाला एवं परिहार गौत्र के सीरवी बंधु निवास ..
Posted By : 26 Aug 2023, 12:17:49गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन से 30 किलोमीटर दूर जोजावर से 8 किमी दूर आया हुआ ग्राम है- धनला ।
इस गांव के चारों ओर आखर कोलपुरा, मामावास गुड़ा दुर्गा, ईशाली, जाणूंदा आदि गांव है 36 कौम की बस्ती में लगभग ढ़ाई हजार घर है जिनमें सीरवी समाज के अलावा राजपूत, राजपुरोहित, देवासी, मीणा, मेघवाल बाहुल्य में है अन्य क़ौम भी यहां निवास करते हैं।
सीरवी समाज की दो बडेर है जिनमें एक जूनी बडेर एवं दूसरी नवी बडेर कहलाती है, इस बार आई माता जी के धर्म रथ भैल का बधावा नवी बडेर में किया गया, यहां पर सीरवी समाज के 202 घर है, जिनमें सर्वाधिक लचेटा गोत्र के120 घर हैं, अन्य में गहलोत, काग, देवड़ा, हाम्बड़, राठौड़, परिहार औ..
Posted By : 26 Aug 2023, 08:16:46
##पनोता चौराहे से धनला के बीच बसा हुआ गांव है -आखर (आशापुरा)
इस गांव में कोई समय में सीरवी समाज का बाहुल्य था, सभी सीरवी आसपास के गांवों में जाकर बस गए, लेकिन अब यहां पर केवल पंवार और काग परिवार के दो घर है, जिनमें भारम जी काग कोटवाल एवं जीवाराम जी परमार जमादारी है। मुख्य मार्ग पर बहुत प्राचीन बडेर बनी हुई है और इस बार गांव के फीले से ही ढोल बजाकर छत्तीस कौम द्वारा श्री आई माताजी धर्म रथ भैल का भव्य बधावा किया गया तब ऐसा नज़ारा देखने में आया कि छत्तीस कौम का अपार भाव माताजी पर है।
माताजी की बडेर के सामने मांगूसिंह जी चौहान राजपूत के रावले में सभी के लिए चाय पानी की व्यवस्था ..
Posted By : 25 Aug 2023, 11:24:48गोविन्द सिंह पंवार रोबड़ी
##सीरवी समाज में जैन समाज की तरह सर्वप्रथम में जिस गांव में सीरवी समाज का भवन बनाकर भोजशाला प्रारंभ की गई एवं पिछले 9 साल से अनवरत रूप से भोजशाला में गांव के वृद्ध जन् एवं बाहर से पधारने वाले मेहमानों के लिए समाचार करते ही भोजन तैयार मिलता है वह गांव है-सांसरी।
देसूरी तहसील में सीमा पर 30 किलोमीटर की दूरी पर जोजावर से 7 किलोमीटर दूर बसा हुआ गांव है-सांसरी।
यहां पर 36 कौम के लगभग 400 घर है जिन में विशेष बात यह है कि इस गांव की छड़ी सीरवी समाज के वनाराम जी हिराजी चोयल तथा उनके मासियात भाई वरदाराम जी जैता जी गहलोत द्वारा रोपी गई। और उसके बाद ही राजपूत सहित छत्तीस कौम के लोग आक..
Posted By : 24 Aug 2023, 08:46:32गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##मेवाड़ और मारवाड़ की सीमा बनाता आसपास के क्षेत्र का बड़ा बाजार और राजघराने का कस्बा है - जोजावर।
यह गांव तहसील मुख्यालय मारवाड़ जंक्शन से 35 किमी, देसूरी से 35 किलोमीटर एवं सोजत से 55 किलोमीटर की दूरी पर अरावली की सुरम्य पहाड़ियों की तलहटी में स्थित है।यह कस्बा लगभग ढाई हजार घरों की बस्ती है जिसमें सीरवी समाज के अलावा राजपूत, जैन देवासी, मीणा, मेघवाल और रेगर समाज का बाहुल्य है,अन्य 36 कौम इस कस्बे में निवासरत है।
जोजावर कस्बे में सीरवी समाज के लगभग 200 घर है जिनमें पंवार,खंडाला, मुलेवा, चोयल,भायल, बरफा, हाम्बड़, अगलेचा,काग,राठौड़ और सोलंकी गौत्र के परिवार निवास करते हैं इन..
Posted By : 23 Aug 2023, 05:23:39गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##सुना है कि गांव छोटा
पर काम उनका मोटा
जोजावर से 10 किलोमीटर की दूरी पर बासनी पंचायत में धनला से 5 किलोमीटर दूरी पर आया हुआ है गांव -गुड़ा दुर्गा।
यह गांव लगभग 200 घर की बस्ती है, जिसमें सीरवी, राजपूत, घांची, देवासी, कुम्हार, सुथार, ब्राह्मण, रावणा राजपूत, मेघवाल आदि जातियां यहां निवास करती है। सीरवी समाज के इस गांव में लगभग 50 घर है, जिनमें पंवार, लचेटा, गहलोत, काग, मोगरेचा, चोयल, परिहार, गौत्र के सीरवी बंधु आपस में प्रेम भाव से रहते हैं, इसी का परिणाम है कि यहां पर आज से लगभग 6 वर्ष पूर्व वैशाख सुदी तेरस को श्री आई माताजी के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा बड़े हर्..
Posted By : 21 Aug 2023, 12:16:15गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन से 29 किलोमीटर एवं जोजावर से चार किलोमीटर दूर पंचायत मुख्यालय का गांव है - बासनी (जोजावर)
बासनी ग्राम छत्तीस कौम के लगभग 300 घर की बस्ती है जिनमें वैसे 100 परिवार सीरवी समाज के बताते हैं लेकिन बडेर पुजारी के पास जोड़े अनुसार सालाना प्रति परिवार की ओली 240 परिवार की प्रति परिवार 750 रुपए जमा किए जा रहे हैं। यहां पर सीरवी समाज के मुलेवा, परिहार, गहलोत, पंवार, राठौड़, काग, आगलेचा,बरफा चोयल गौत्र के परिवार निवास कर रहे हैं। बासनी ग्राम में श्री आई माताजी का मंदिर बडेर बहुत प्राचीन है प्राण प्रतिष्ठा का वर्ष कहीं लिखा हुआ नहीं है और किसी को भी जानकारी भी नहीं है इससे लगत..
Posted By : 20 Aug 2023, 10:26:45गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##जोजावर से 3 किलोमीटर दूर आज से 10 वर्ष पूर्व 2 किलोमीटर के दायरे में आबाद क्षेत्र को राजस्व गांव का दर्जा प्राप्त हुआ वह गांव है- रामपुरा
ग्राम पंचायत भगोड़ा का यह राजस्व ग्राम मुख्य कर सीरवी बाहुल्य क्षेत्र है जिनमें 20- 25 कृषि बेरे सीरवी समाज के हैं, तथा कुछ मीणा और नायक जाति के लोग भी बसे हुए हैं, यहां पर एक प्राथमिक विद्यालय भी है तथा एक हाम्बड़ों के बेरे अमृतिया के पास श्री आई माताजी का मंदिर (बडेर) बना हुआ है। जो बहुत भव्य है इस मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा विक्रम संवत 2075 चैत्र बदी दशम दिनांक 10 मई 2018 गुरुवार के दिन परम पूज्य दीवान साहब माधव सिंह जी के कर कमलों से श्री आई माताज..
Posted By : 20 Aug 2023, 07:03:26गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##मारवाड़ जंक्शन से 30 किलोमीटर की दूरी पर एवं जोजावर से 6 किलोमीटर दूर बासनी पंचायत में बसा हुआ गांव है- गुडा अजबा जी

गुड़ा अजबा 200 घर की बस्ती है जिनमें सीरवी समाज के साथ राजपूत जाति का बाहुल्य है, इनके अलावा अन्य जातियां भी यहां निवास करती है। यहां पर सीरवी समाज के 75 परिवार निवास कर रहे हैं जिनमें हांबड़, मोगरेचा, मुलेवा, परिहार, देवड़ा, गहलोत और सोलंकी गौत्र के परिवार है। इस गांव में श्री आई माताजी मंदिर (बडेर) की प्रतिष्ठा सन् 1978 में अक्षय तृतीया के दिन हुई थी उस समय पाट स्थापना भगा बाबाजी के द्वारा हुई थी इस बडेर में इस समय तक कोटवाल भानाराम जी परिहार जमादारी रूपाराम जी हा..
Posted By : 19 Aug 2023, 13:18:05गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##जिस गांव की छड़ी देवड़ा सीरवी परिवार के द्वारा रोपने पर पुराने गांव से राजपूत स्वयं भी साथ आकर बसे हैं वह गांव है - मानी।
मारवाड़ जंक्शन से लगभग 25 किलोमीटर गुड़ा केसर सिंह पंचायत में जोजावर से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर 250-300 घर की खुशहाल एवं सीरवी आबाद गांव है मानी।इस गांव में सीरवी समाज के लगभग 125-150 घर है जिनमें से अधिकांश दक्षिण भारत में व्यापार व्यवसाय में लगे हुए हैं परन्तु गांव में श्री आई माता जी व धर्म के प्रति पूर्ण समर्पण है। यहां पर सर्वाधिक देवड़ा गोत्र एवं उसके बाद पंवार,आगलेचा,बरफा, सोलंकी,काग और चोयल गौत्र के परिवार बसे हुए हैं।
यहां पर श्री आई माताजी की ज..
Posted By : 19 Aug 2023, 08:02:07गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##छत्तीस कौम में आराध्य देवी के रुप में पुनागर माताजी को मानने वाला गांव है- गुड़ा मोकम सिंह।
इस गांव में लगभग 500- 600 घर की बस्ती है, जिसमें सीरवी समाज का बाहुल्य है, सीरवी समाज के अलावा राजपूत, राजपुरोहित, देवासी, कुम्हार, दर्जी, मेघवाल, नायक सहित 36 काम के लोग बसते हैं इस गांव में सीरवी समाज के लगभग ढाई सौ घर है जिसमें लचेटा, सोलंकी, मुलेवा, परिहार, राठौड़, सानपुरा, गहलोत, चोयल और भायल मुख्य कर रहते हैं, गुड़ा मोकम सिंह में श्री आई माताजी का मंदिर बडेर बहुत पुराना है जिसमें बिलाड़ा की लाल गादी पाट के साथ बिठौड़ा की सफेद गादी पाट की स्थापना सन 1966 में उस समय के जति मोती बाबा जी..
Posted By : 18 Aug 2023, 11:02:34गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##भामाशाह श्री गेनाराम सीरवी ने विद्यालय में 13 लाख में प्रयोगशाला कक्ष बना कर किया भेंट

खिवाड़ा :- कस्बे के महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में भामाशाह गेनाराम पुत्र उदाराम गहलोत सीरवी ने अपनी धर्मपत्नी स्व. ढलीदेवी की स्मृति में लगभग 13 लाख रुपए की भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला बनाकर भेंट की। प्रयोगशाला का उद्घाटन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दानदाता गहलोत परिवार, पूर्व विधायक केसाराम चौधरी, सरपंच श्रीपाल वैष्णव ने फीता काटकर किया। इस अवसर पर विद्यालय के संस्थाप्रधान एवं भामाशाह प्रेरक घीसाराम चौधरी ने बताया कि विद्यालय में विज्ञान संकाय में भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला की ..
Posted By : 18 Aug 2023, 10:36:48गोविंद सिंह पंवार रोबड़ी
##सीरवी समाज में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले परम तपस्वी,जन जन के जुबान पर गांवों में भैल के आगमन पर आज भी स्मरणीय नाम है -जति श्री नेना बाबाजी देवड़ा।
जी हां,नेना बाबाजी देवड़ा की जन्मस्थली है- ग्राम गुड़ा केशरसिंह।
मारवाड़ जंक्शन से मात्र 18 किलोमीटर दूर नवा गुड़ा, मानी, गुडा रामसिंह, आऊवा, गुडा मोकम सिंह एवं इसाली के मध्य बसा हुआ लगभग 700-800 घरों की बस्ती है गुड़ा केसर सिंह।
गुडा केसर सिंह में सर्वाधिक सीरवी समाज का बसाव है जिसमें 400 घर सीरवी समाज के हैं अन्य समाज में राजपूत, देवासी, सुनार, वैष्णव, नाई, राजपुरोहित, कुम्हार, मेघवाल, सरगरा, हरिजन, नायक, वादी, ढोली एवं पिंजारा तेल..
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