सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 24 Mar 2010, 11:40:55
पाली । क्षय रोग मिटाने के लिए सरकार के लाख प्रयास के बाद भी इसकी संख्या में कमी नहीं आ रही। राष्ट्रीय स्तर के आंकडे तो भयावह हैं ही पाली जिले की स्थिति भी कम नहीं है। यहां हर माह एक सौ से अधिक टीबी के नए मरीज सामने आ रहे हैं।
क्या है टीबी क्
टीबी एक ऎसी बीमारी है जो बिना इलाज जीवाणयुक्त रोगी से किसी अन्य स्वस्थ व्यक्ति को लग सकती है। टीबी रोगी के खांसने या छींकने से टीबी के जीवाणु हवा द्वारा फैलते हैं। टीबी विशेष रूप से फेफडों पर असर करती है। लेकिन इसका असर शरीर के अन्य भागों मस्तिष्क, हडि्डयों, ग्रंथियों पर होता है।
टीबी रोग के लक्षण
टीबी रोग टीबी.बेसिलस नामक जीवाणु से होता है।
यह जीवाणु रोगी के खांसने व छीकने से बलगम के छोटे-छोटे कणों के साथ वातावरण में फैलकर स्वस्थ व्यक्तियों को रोगी बनाते हैं।
दो सप्ताह से ज्यादा खांसी, बुखार आना, वजन कम होना, भूख नहीं लगना, बलगम में खून आना, छाती में दर्द होना और शारीरिक थकान।
बलगम की दो बार जांच कराकर निदान किया जा सकता है।
टीबी होने पर छह से आठ माह तक चिकित्सक की राय अनुसार नियमित दवा लें तथा समय-समय पर बलगम की जांच कराएं।
बच्चों को बीसीजी का टीका जन्म के तुरंत बाद लगाएं।
थूक में सकारात्मक क्षय जीवाणु पाए जाने वाले रोगियों के घर में छह वर्ष से आयु के ब"ाों को आईसोनेक्स 100 मिलीग्राम की गोली जरूर दें।
किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी है तो उसे तुरंत टीबी की जांच करानी चाहिए। टीबी पर लगाम कसने के लिए महकमा लगातार प्रयासरत हैं। पाली जिले में हर माह औसत एक सौ नए मरीज सामने आ रहे हैं। डॉ.एस.के.बोहरा, जिला क्षय रोग अधिकारी,पाली
साभार - राजस्थान पत्रिका