सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 24 Mar 2010, 11:40:05

पंचगव्य के सेवन से बुद्धि निर्मल : दत्तशरणानंद
गो ग्राम एवं जनजागृति यात्रा के सोजत समेत ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचने पर स्वागत
सोजत,गोसेवी संस्था गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक दत्तशरणानंद महाराज ने गो सेवा के महत्व पर कहा कि दुनिया के सभी सेवा कार्यों में गो सेवा सबसे बड़ी है।
वर्तमान समय कलियुग के प्रथम चरण का अंतिम समय है। इस कारण इस समय जगह-जगह देवालयों का निर्माण, तीर्थयात्रा, भजन कीर्तन आदि धार्मिक अनुष्ठानों की धूम मची हुई है। दत्तशरणानंद बुधवार को सोजत सहित ग्राम रामासनीबाला, रूपावास आदि ग्रामों में गो ग्राम एवं जनजागृति यात्रा के पहुंचने पर आयोजित धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
गो माता की उपेक्षा को संस्कृति के विपरीत बताया : गो माता की उपेक्षा पर उन्होंने कहा कि आज का युग आर्थिक है। इस कारण गो माता उपेक्षा का शिकार हो रही हैं। यह कार्य हमारी प्राचीन वैदिक संस्कृति के अनुरूप नहीं है, जिसमें गाय को मां का दर्जा दिया गया है। गाय वह महातीर्थ है जिसके अंदर सभी देवी देवताओं का वास है। उन्होंने गो माता के गुणों की व्याख्या करते हुए बताया कि पंचगव्य दूध, दही, घी, गो मूत्र, गोबर के सेवन से मनुष्य की बुद्धि निर्मल और पवित्र बनती है। इससे गंभीर बीमारियां भी दूर होती हैं। संत ने नागरिकों को संकल्प दिलाया कि सभी लोगअपने घर में एक दुधारू गाय के साथ एक लावारिस गाय को भी साथ रखकर उसकी सेवा करें।
साभार - दैनिक भास्कर