सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 23 Mar 2010, 10:23:40
जोधपुर. मारवाड़ के विधायकों ने जेलों में संचालित गिरोह के लिए सीधे तौर पर जेल अफसरों व कर्मचारियों को जिम्मेदार बताया है। विधायकों का आरोप है कि मिलीभगत से ही ‘जेल में खेल’ चल रहा है। मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों ने कहा कि सरकार जोधपुर सेंट्रल जेल में जेलर भारतभूषण भट्ट की हत्या से भी सबक नहीं ले रही है।
जेलर की हत्या में प्रयुक्त चाकू भी इसी मिलीभगत के कारण हत्यारों के हाथों में पहुंचा था। विधायकों ने जेलों में सघन छापामारी अभियान चला कर आपत्तिजनक वस्तुएं पकड़ने, दोषी कर्मचारियों-अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने और संगीन जुर्म के अपराधियों व सामाजिक अपराधों के बंदियों के लिए अलग-अलग परिसर बनाने के सुझाव दिए हैं। होली के बाद मंगलवार को विधानसभा का तीसरा दौर भी हंगामे से शुरू हुआ और लगभग दो घंटे बाद कार्यवाही स्थगित हो गई।
इस बीच पुलिस, कारागार व सामाजिक सुरक्षा की अनुदान मांगों के प्रस्ताव पारित कर दिए गए। सूरसागर विधायक श्रीमती सूर्यकांता व्यास ने कटौती प्रस्ताव में जोधपुर जेल में अपराधियों की गैंग के संचालन में जेल स्टाफ व उच्चधिकारियों की मिलीभगत की ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया। श्रीमती व्यास ने कहा कि प्रदेश की सभी जेलों में मिल रही अवांछनीय वस्तुओं और गैंग संचालन की कई घटनाओं को देखते हुए सरकार को सघन छापामारी अभियान चलाना चाहिए तथा दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
उपकारागार पुन: शुरू करने की मांग: बिलाड़ा विधायक अजरुनलाल गर्ग ने उप कारागार को जल्दी पुन: आरंभ करने की जरूरत बताई। शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने सुरक्षाकर्मियों की मिलीभगत से मोबाइल फोन, सिम, जिंदा कारतूस, नशीले पदार्थ आदि के उपयोग को रोकने की मांग की। उल्लेखनीय है कि पिछले दो सालों में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंदियों के पास १0क् से अधिक मोबाइल फोन व दर्जनों सिम बरामद हुए हैं। फरवरी 2008 में बंदी जालाराम व सुखराम के पास दो मोबाइल मिलने पर तत्कालीन जेल अधीक्षक ओटाराम, जेलर जगमोहन सहित छह कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई थी। उसके बाद कर्मचारियों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं हुई।
कार्यवाही स्थगित होने पर सीएम व मंत्री के ऑफिस पहुंची जीजी: विधानसभा के चार दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए, किसी भी विधायक को अपने क्षेत्र की समस्या उठाने का मौका नहीं मिला। न प्रश्नकाल चला न शून्यकाल हुआ, बस स्थगन..स्थगन..और स्थगन..। इसके बावजूद ‘जीजी’ ने अपनी बात पहुंचाने का दूसरा रास्ता निकाल ही लिया। जीजी ने मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री के ऑफिस में जाकर हस्तशिल्प उद्योग में काम आने वाले वुड ग्लु को वैट मुक्त करने की मांग कर डाली।
जीजी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जोधपुर में मेगा क्लस्टर की घोषणा राष्ट्रीय बजट में की है, मगर दुख है कि राज्य सरकार ने चुपके से हस्तशिल्पियों पर बोझ बढ़ा दिया है। सरकार ने अधिसूचना एसओ 573 से वुड ग्लु को अनुसूची 4 के क्रम 273 से हटा दिया, इससे वुड ग्लु पर वैट 5 प्रतिशत से बढ़ कर 14 प्रतिशत हो गया है। विसंगति यह है कि वुड ग्लु आर्टिकल पर केंद्रीय कर महज 2 प्रतिशत ही है इसलिए बड़े उद्यमी तो राज्य के बाहर से माल मंगवा लेंगे, मगर छोटे हस्तशिल्पी बर्बाद हो जाएंगे। जीजी ने मुख्यमंत्री से वुड ग्लु को पुन: अनुसूची 4 में लेकर वैट दर 5 प्रतिशत करने की मांग की।
पुलिस कमिश्नर के लिए एसएसबी परिसर भी उचित: विधायक सूर्यकांता व्यास ने कटौती प्रस्ताव में सुझाव दिया कि पुलिस कमिश्नर कार्यालय के लिए भदवासिया रोड पर स्थित एसएसबी परिसर में भी संभावना तलाशी जानी चाहिए। उन्होंने कमिश्नर प्रणाली के सभी नए पद जल्दी सृजित करने तथा संसाधन मुहैया कराने, थानों, चौकियों के भवनों का विस्तार करने, सूरसागर में महिला थाना खोलने की भी मांग की। उन्होंने शहर में अपराधियों के बढ़ते हौसलों की जानकारी देते हुए सरकार को कार्ययोजना बनाने का भी सुझाव दिया। सामाजिक सुरक्षा के तौर पर सूरसागर में छात्रावास खोलने, देय भत्तों को महंगाई के अनुरूप बढ़ाने के साथ ही नि:शक्तजन निदेशालय व राजस्थान पुनर्वास संस्थापना स्थापित करने की मांग रखी।
बालेसर सीआई का पद सृजित करें: शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ ने कटौती प्रस्ताव में चामू ग्राम पंचायत के 54 मील जवाहर नगर में नई पुलिस चौकी की स्थापना करने तथा बालेसर थाने में इंस्पेक्टर का नया पद सृजित करने की मांग रखी। विधायक ने नाथड़ाऊ में जनजाति छात्रावास खोलने, विकलांग, विधवा व वृद्धावस्था पेंशन योजना का सरलीकरण करने की भी मांग की।
साभार - दैनिक भास्कर