सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 19 Mar 2010, 19:49:12
पाली। जिले के मारवाड़ जंक्शन में दिल्ली-मुम्बई फ्रेट कोरिडोर (डीएमआईसी) आने से अब पाली में स्पेशल इकॉनोमी जोन (सेज) की संभावनाएं तलाशी जाने लगी हैं। इसे लेकर उद्योग मंत्रालय में हलचल तेज हो गई है। रीको से जमीन उपलब्ध कराने सम्बन्धी जानकारियां भी जुटाई जा रही हैं।
प्रवासी उद्यमी भी चाहते हैं यहां सेज
सांसद ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस सम्बन्ध में पत्र लिखा है। उन्होंने यह भी हवाला दिया है कि पाली-मारवाड़ के बहुत से व्यापारी चैन्नई, मुम्बई, बेंगलूरू एवं हैदराबाद में बसे हैं। यहां के उद्यमियों से मारवाड़ में उद्योग स्थापित करने के लिए चर्चा की गई, वे चाहते हैं कि यदि राज्य सरकार सेज की स्थापना कर भूमि उपलब्ध कराती है तो वे मारवाड़ में उद्योग लगा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के प्रमुख शासन सचिव को पाली में सेज स्थापना के लिए भूमि आवंटन के सम्बन्ध में पत्र भेजा है।
रीको ने मांगी जानकारी
रीको के मुख्य महाप्रबंधक ए.के. गुप्ता ने आठ मार्च को मण्डिया रोड इण्डस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन अध्यक्ष सम्पत भण्डारी से पाली जिले में सेज स्थापना सम्बन्धी कई जानकारियां मांगी। भण्डारी ने 14 मार्च को जानकारियां भेज दी।
बदलेगी सूरत
डीएमआईसी राजस्थान के 145 किलोमीटर भाग से गुजरेगा। इसका 42 फीसदी हिस्सा पाली जिले से गुजरेगा। जो बर से शुरू होकर सोजत, मारवाड़ जंक्शन, फालना व जवाई बांध से निकलेगा। इसमें 150-150 किलोमीटर दोनों तरफ औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना है।
निम्बली उर्रा बेहतर
सेज के लिए करीब 100 हैक्टेयर (625 बीघा) जमीन की जरूरत होगी। इस समय रीको द्वारा निम्बली ऊर्रा में दो हजार बीघा जमीन अवाप्त की जा रही है। यहां जोधपुर, पाली व जालोर के उद्यमियों को सेज बनने से फायदा होगा। रीको के पास इस समय सबसे अधिक भूमि यहीं है।
यह खुशी की बात है कि पाली में डीएमआईसी आने से सेज की संभावना तलाशी जा रही है। उद्योग मंत्रालय व रीको इस पर कसरत कर रहा है। रीको ने सेज सम्बन्धी कुछ बिन्दुओं पर जानकारी चाही थी, वह उनको उपलब्ध करा दी है।
सम्पतराज भंडारी, उद्यमी
सेज मिलने का फायदा यह है कि उद्योगों को कई तरह के करों में छूट मिलेगी। पाली में सेज आने से तेजी से औद्योगिक विकास होगा। मारवाड़ जंक्शन में दिल्ली-मुम्बई फ्रेट कोरिडोर आने से सेज मिलने की पूरी संभावना है। मुख्यमंत्री से सम्पर्क कर पाली के लिए प्रस्ताव रखा है।
बद्रीराम जाखड़, सांसद, पाली