सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 08 Mar 2010, 12:12:18

बदनावर। गत दो वर्षों से लगातार अल्पवर्षा के कारण यहाँ अभी से पेयजल संकट ने दस्तक दे दी है। नगर पंचायत की जलप्रदाय योजना का बाँध जवाब दे चुका है। इसकी जगह बागेड़ी सिंचाई परियोजना से पानी लेकर पूर्ति की जा रही है। इसमें भी इस बार अपर्याप्त वर्षा से जल संग्रह नहीं हो पाया है। ऊपर से सिंचाई अलग हो रही है। इस कारण आने वाले समय पर नगरवासियों को भीषण पेयजल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
यहाँ १९७५ में नलजल योजना शुरू हुई थी, लेकिन उसके बाद से अब तक इसके डेम की जलग्रहण क्षमता में कोई वृद्धि नहीं की गई। कोई वैकल्पिक स्रोत भी नहीं तलाशे गए। इससे यह अपर्याप्त हो गई। अब नगर की आबादी बढ़कर २० हजार तक पहुँच गई है तथा प्रतिदिन १० लाख लीटर पानी की आवश्यकता पड़ती है।
फिलहाल यहाँ प्रतिदिन नल चल रहे हैं, लेकिन विद्युत कटौती के कारण जलप्रदाय में व्यवधान उत्पन्ना हो रहा है। इसलिए लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। नई विकसित कॉलोनियों में टैंकरों द्वारा जल प्रदाय किया जा रहा है। कुछ कॉलोनियों में लोगों को अपने स्तर पर पेयजल लाना पड़ रहा है। गर्मियों में नगर पंचायत द्वारा पेयजल संकट से निपटने के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई है, केवल चौपाटी पर ३ लाख लीटर क्षमता की टंकी निर्माण के, लेकिन यह अभी तक प्रारंभ नहीं हो पाया।
बदनावर में इस बार मात्र ६९५.७ मिमी ही वर्षा हुई है, वह भी बाद में हुए मावठे को मिलाकर। गत वर्ष भी मात्र ६९२.४ मिमी वर्षा हुई थी। इस कारण राज्य शासन द्वारा इसे सूखाग्रस्त तहसील घोषित किया गया है। लेकिन सूखे से निपटने की अब तक कोई योजना नहीं बनी है। २००८ में यहाँ ८२४ मिमी वर्षा हुई थी। कुएँ-बावड़ियों का जल स्तर घटा है। इसके विपरीत भूजल स्तर में वृद्धि हुई है। गत वर्ष जनवरी माह में भूजल स्तर ३८.२६ मीटर था जो अब २८.१७ मीटर पर आ गया है।
काछीबड़ोदा के जलस्रोतों ने दिया जवाब
ग्रामीण अंचलों में पेयजल की स्थिति अत्यंत भयावह है। क्षेत्र की बड़ी-बड़ी पंचायतों में तो अभी से ही पेयजल संकट उत्पन्ना होने लगा है। ४ हजार की आबादी वाली ग्राम पंचायत काछीबड़ोदा मंें सभी शासकीय पेयजल स्रोत जवाब दे चुके हैं। वर्तमान में पंचायत एक निजी नलकूप से बमुश्किल आपूर्ति कर पा रही है। सरपंच प्रसादीबाई मेहता ने आगामी ग्रीष्मकाल हेतु पेयजल परिवहन की मांग शासन को भेजी है। ग्राम कारोदा सरपंच कमलेश धाकड के अनुसार वहॉं भी पेयजल का गंभीर संकट है। ग्रीष्मकाल में परिवहन के अलावा को चारा नही होगा।
साभार- नईदुनिया