सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 06 Mar 2010, 18:23:23

निंबोल, कस्बे सहित आस-पास के गांवों में इस बार जीरे की फसल ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। बुवाई के साथ ही आसमान में बादलों की आवाजाही, ठंडी हवा व बैमौसम बरसात ने इस फसल को खराब कर दिया है। इन दिनों फसल में रोग लगने से भी खेतों में खड़ी यह फसल खराब हो रही है। किसानों ने बताया कि कृषि विशेषज्ञों की सलाह से समय-समय पर आवश्यक दवाइयों का छिड़काव व सिंचाई की गई थी, लेकिन फसल में रोग लगने से फसल बर्बाद होने के कगार पर है। निंबोल, लौटोती, रामावास खुर्द, रामावास कलां, बैडकलां, किशन नगर, बोगसनी, सिणला, डूंगरनगर, लितरिया, काणेचा, बिकरलाई, खराड़ी आदि गांवों में जीरे की फसल में रोग लग गया है।
फसल के नुकसान का सर्वे करवाने की मांग
किसानों ने मौसम की मार से खेतों में खराब हो रही जीरे की फसल का सर्वे करवाकर नुकसान का मुआवजा दिलाने की मांग की है। जैतारण पंचायत समिति सदस्य विजय प्रकाश सोलंकी ने इस संबंध में संसदीय सचिव दिलीप चौधरी व कृषि विभाग के उच्चाधिकारियों को अवगत कराया है।
मौसम तंत्र में आए बदलाव के कारण इन दिनों लगातार बादल छाए रहने से जीरे की फसल को नुकसान होने की शिकायतें किसानों से मिल रही है। विभाग द्वारा इसके बचाव के लिए आवश्यक उपाय भी बताए जा रहे हैं।
- विशनसिंह, कृषि पर्यवेक्षक, निंबोल
जैतारण क्षेत्र में पिछले काफी समय से मौसम खराब रहा है। इससे जीरे की फसल पूर्ण रूप से नष्ट हो गई है।
- मंगलसिंह उदावत, व्यवस्थापक, ग्राम सेवा सहकारी समिति, निंबोल