Posted By : साभार - नवभारत टाइम्स
अपनी हिफाजत अपने हाथ
मेट्रो के लाइफस्टाइल और नौकरी आदि के चलते में देर-सबेर अकेले बाहर निकलना महिलाओं की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। ऐसे में उनके लिए खतरे भी बढ़ गए हैं। वैसे, दिन में भी महिलाओं को अक्सर अप्रिय हालात का सामना करना पड़ता है। दरअसल, हर वक्त हर जगह पुलिस की मौजूदगी मुमकिन नहीं है और न ही यह तर्कसंगत है कि दूसरों के डर से घर से निकलना छोड़ दिया जाए। ऐसे में अपनी हिफाजत का सबसे बड़ा जिम्मा खुद आपका है। किस तरह आप अपनी सुरक्षा खुद कर सकती हैं, एक्सपर्ट्स की सलाह से बता रही हैं प्रियंका सिंह :
एक्सपर्ट्स के मुताबिक किसी भी हादसे के लिए तीन चीजें जरूरी होती हैं - एक अपराधी, दूसरा शिकार और तीसरा मौका। इनमें से अगर एक भी न हो तो हादसा नहीं होता। इनमें सबसे आसान लेकिन जरूरी है सामने वाले को मौका देने से बचना। इसके बाद आता है, खुद को शिकार बनने से रोकना और अपराधी से निबटना। जानते हैं कि किस तरह अपराधी को मौका देने से बच सकती हैं आप :
मौका न दें
कॉन्फिडेंट दिखें
ज्यादातर सेक्सुअल अटैक उन महिलाओं पर होते हैं, जिनकी बॉडी लैंग्वेज से कॉन्फिडेंस नहीं झलकता। अपराधी उन्हीं महिलाओं को शिकार बनाते हैं, जो आसान टारगेट होती हैं। ऐसे में जब भी सड़क पर चलें, सिपाही की तरह चलें, न कि छुई-मुई ऐक्ट्रिस की तरह। नीचे जमीन में सिर झुकाकर चलने की बजाय सतर्क और जागरूक दिखते हुए सामने देखते हुए चलें। बॉडी लैंग्वेज ऐसी हो कि कोई आपको हाथ लगाने से पहले कई बार सोचे। ध्यान रहे कि आप अपनी बॉडीगार्ड खुद हैं। अगर किसी इलाके के बारे में या रास्तों के बारे में नहीं जानतीं, तो अनजान लोगों के सामने यह बात उजागर न करें।
'सेफ्टी बडी' का साथ
यह ऐसा साथी होगा, जो बेशक आपके साथ न हो लेकिन दूर से ही काफी मददगार होगा। यह आपके माता-पिता, भाई-बहन, पति या दोस्त कोई भी हो सकता है। 'सेफ्टी बडी' आपको उस वक्त कॉल कर सकता है या आप उसे कॉल कर सकती हैं, जब आप गाड़ी में ड्राइवर के साथ अकेली हों। उसे आपके घर लौटने का वक्त पता होना चाहिए, ताकि थोड़ी भी देर होने पर आपको कॉल कर सके। ऐसे में सामने वाले को यह अहसास होता है कि कोई आपका इंतजार कर रहा है। कैब में बैठकर ड्राइवर को सुनाते हुए फोन पर सामने वाले को जोर-जोर से नंबर बताएं कि फलां नंबर की कैब से आ रही हूं और इतनी देर में पहुंच जाऊंगी। ड्राइवर सुनता है कि मेरी गाड़ी का नंबर किसी को बता दिया गया है तो किसी भी अप्रिय घटना को अंजाम देने से पहले कई दफा सोचेगा।
शालीन हो पहनावा
आप कुछ भी पहनने के लिए फ्री हैं, लेकिन बाहर निकलते वक्त हो सके तो शालीन कपड़े पहनें। अगर अकेले चलना है या सफर करना है तो यह भी ध्यान रखें कि कपड़े सहज हों और आप उनमें आरामदेह महसूस करें। कपड़े ऐसे न हों, जो एक झटके में फट जाएं या खुल जाएं या जिनमें आप दौड़ न सकें। चप्पल भी सुविधाजनक और मजबूत हों और ऊंची हील न हों तो बेहतर है। इससे जरूरत पड़ने पर आप दौड़ सकती हैं।
रात में सफर के दौरान
पैदल चलते हुए : कभी भी अनजान लोगों से लिफ्ट न लें, चाहे कितनी ही मजबूरी क्यों न हो। ट्रैफिक की उलटी दिशा यानी कि सड़के के उस ओर चलें कि ट्रैफिक आपको सामने से आता दिखे। ऐसे में पीछे से हमला नहीं हो सकेगा। कई बार लड़कियां बाहर की तरफ थैला टांगकर चलती हैं। इससे बाइक वालों को छीनाछपटी का मौका मिल जाता है। थैला उस तरफ लटकाएं, जिधर दीवार है। अगर कोई लगातार आपका पीछा करे तो कम-से-कम कुछ दिन के लिए अपना रास्ता बदल लें। अगर कोई कार सवार रास्ता पूछता है तो उससे दूरी बनाकर रखें। अगर कोई पीछा करता दिखता है तो जो भी घर सामने दिखे, उसकी कॉल बेल बजा दें और सारी स्थिति के बारे में बताएं। झिझकें कतई नहीं। इन बातों का दिन में भी ख्याल रखें।
टैक्सी स्टैंड या प्री-पेड बूथ से लें कैब : रात में रास्ते से कोई भी कैब लेने के बजाय टैक्सी सर्विस या टैक्सी स्टैंड से ही कैब लें। दफ्तर से जाना हो तो फ्रंट डेस्क या बाउंसर के जरिए टैक्सी मंगाएं। ऐसे में आपके अलावा किसी और को भी जानकारी होगी कि गाड़ी कहां से आई है। ऑटो भी प्री-पेड लें तो बेहतर है।
खाली बस से रहें दूर : ऐसी बस में न चढ़ें, जिसमें सिर्फ ड्राइवर और कंडक्टर हों। दो-तीन लोग हों तो भी बस में न चढ़ें। कई बार ये लोग ड्राइवर-कंडक्टर के दोस्त या जानकार ही होते हैं। जिस ऑटो में पहले से पैसेंजर बैठे हों, उसमें न बैठें। अगर ऑफिस कैब से जा रही हैं तो आखिर में उतरने के बजाय पुरुष साथी से गुजारिश करें कि वह पहले आपको छोड़ दे।
रास्ते हों भीड़ भरे और रोशन : कैब या ऑटोवाले से भीड़वाले रास्तों पर ही चलने को कहें। रास्ता लंबा बेशक हो, लेकिन जाना-पहचाना होना चाहिए। साथ ही, अंधेरे वाली जगहों से बचें। अपराधी ज्यादातर ऐसी ही जगहों पर ही अपना शिकार तलाशते हैं, ताकि बचकर भागने में आसानी हो।
चौकस रहें : कैब से जा रही हैं, तो आपको रास्तों की जानकारी होनी चाहिए। जिस इलाके में जा रही हैं, वहां के बारे में जान लें और रोड मैप अपने पास रखें। रास्तों के बारे में अनजान हैं तो भी ड्राइवर के सामने यह बात उजागर न होने दें। अकेली हों तो गाड़ी में बिल्कुल न सोएं। सफर के दौरान चौकस रहें। रास्ते में पड़ने वाले पुलिस स्टेशन, चौकी या पीसीआर पर ध्यान दें।
तैयार रहें : ऑटो या टैक्सी का नंबर अपने मोबाइल में टेक्स्ट के रूप में तैयार रखें। थोड़ी भी गड़बड़ी लगे तो अपने किसी दोस्त या जानकार को नंबर एसएमएस कर दें। बिना किसी खतरे के भी नंबर एसएमएस कर सकते हैं। घर पहुंचने पर एक हाथ में घर की चाबी तो दूसरे में मोबाइल रखें। पुलिस और घर के नंबर स्पीड डायल पर रखें।
खुद ड्राइव करते वक्त
लॉक करके रखें : गाड़ी में सेंट्रल लॉक लगाकर ड्राइव करें। एसी है तो सारे शीशे चढ़ाकर रखें। अगर एसी नहीं है तो अपनी खिड़की लॉक करके रखें। बस एक ही शीशा खोलें।
म्यूजिक या फोन में खोएं नहीं : गाड़ी में तेज म्यूजिक चलाकर उसमें खोएं नहीं। गाड़ी ड्राइव करते हुए फोन पर बात न करें। ये न सोचें कि रात का वक्त है और पुलिस वाले देखेंगे नहीं तो गप्प मारकर सफर आसानी से कट जाएगा। इससे ध्यान भंग होता है और आप अपने आसपास आई मुसीबत को भांपने से चूक सकती हैं।
पार्किंग का रखें ध्यान : रात के वक्त बेसमेंट में कार पार्क करने से बचें। वहां मोबाइल काम करना बंद कर सकता है। गाड़ी ऐसी जगह पार्क करें, जहां भरपूर रोशनी हो। गाड़ी रिवर्स करके खड़ी करें ताकि जरूरत पड़ने पर तुरंत निकल सकें। चाबियां पहले से पर्स से निकालकर अपने हाथ में रखें। गाड़ी के पास जाकर पर्स खोलना और चाबी तलाशना किसी हादसे को मौका दे सकता है। गाड़ी में बैठने से पहले अंदर झांककर देखें कि उसमें कोई पहले बैठा तो नहीं है।
गाड़ी खराब हो जाने पर : अगर सड़क पर अचानक कार खराब हो जाए तो सबसे पहले अपने घरवालों को या ऐसे किसी दोस्त या जानकार को कॉल करके अपनी स्थिति के बारे में बताएं, जो पास में रहता हो। तुरंत कार हेल्पलाइन को फोन करें और बुलाएं। ये नंबर हमेशा आपके मोबाइल में होने चाहिए। जितनी देर में कोई मदद के लिए आए, उतनी देर खिड़की व दरवाजे बंद करके कार के अंदर बैठी रहें। अनजान लोगों से कतई मदद न लें।
अगर कोई रास्ता रोके : अगर कोई बाइक या कार लगाकर आपकी कार रोक ले तो घबराएं नहीं। गाड़ी से उतरें नहीं। खिड़की-दरवाजे लॉक करके कार में ही बैठी रहें। पुलिस को कॉल करें। जैसे ही सामने वाला उतरकर आपकी कार की ओर आने लगे, जल्दी से रिवर्स करें और कार भगा लें। भागना मुमकिन नहीं हो तो भी कार में ही बैठी रहें। इतनी देर में कोई-न-कोई मदद मिलने की पूरी उम्मीद होगी।
पार्टी के दौरान
अनजान लोगों से रहें दूर : कभी भी अनजान लोगों के साथ नजदीकी न बढ़ाएं। डांस के दौरान लड़कों के ज्यादा करीब न जाएं, चाहे वे आपके जानकार ही क्यों न हों।
निगाह रखें : सॉफ्ट ड्रिंक या वाइन कुछ भी लें बोतल अपने सामने ही खुलवाएं। ड्रिंक भी अपने सामने बनवाएं और ध्यान रखें कि उसमें कोई कुछ मिलाए नहीं। ड्रिंक खत्म करके ही उठें। अगर किसी मजबूरी में बाहर जाना ही पड़े तो दूसरा ड्रिंक बनवा लें।
होश न खोएं : इतनी शराब न पीएं कि होशोहवास खो बैठें। पार्टी के बाद अगर रात में साथियों के साथ ही रुकना पड़े तो काम पड़ने पर ऑफिस के सहयोगियों को कमरे में बुलाने के बजाय बार या रेस्टोरेंट में बुलाएं।
शॉपिंग मॉल या बीच पर
किसी भी शॉपिंग मॉल में कपड़े चेंज करते हुए आसपास गौर से देखें। कोई भी दरार या संदिग्ध कील या लाइट आदि दिखने पर कपड़े चेंज न करें। स्विमिंग सूट घर से या होटल से कपड़ों के नीचे ही पहनकर जाएं तो बेहतर है। ऐसे में टूटे-फूटे चेंज रूम्स में कपड़े बदलने से बच सकती हैं। ट्रैवल के दौरान भीड़ भरी जगहों पर पिट्ठू बैग का इस्तेमाल करें, ताकि दोनों हाथ खाली रहें। जरूरत पड़ने पर आप अपना बचाव कर सकेंगी।
ऑनलाइन दोस्ती से पहले
अपना प्रोफाइल प्राइवेट रखें और अनजान लोगों से दूरी रखें। किसी भी पुरुष को फ्रेंड लिस्ट में शामिल करने से पहले उसके दोस्तों की लिस्ट देख लें। उनसे आपको आइडिया हो जाएगा कि सामने वाले का सर्कल कैसा है। मजाक में भी किसी से दिल्लगी न करें। यह भारी पड़ सकता है। अपनी पर्सनल जानकारी शेयर करने से पहले सौ बार सोचें। बहुत भरोसा होने पर ही ऐसा करें।
अश्लील फोन कॉल आने पर
सबसे अच्छा है कि जवाब ही न दें। अगर आप झुंझला गईं तो समझो कि कॉल करने वाले का मकसद पूरा हो गया। अगर आप चुप रहेंगी तो सामनेवाला बोर होकर दूसरा शिकार तलाशेगा। या फिर कॉलर को सुनाते हुए घर में किसी पुरुष को आवाज़ लगाएं (कोई न हो तो काल्पनिक ही सही)। जैसे कि पापा, देखो किसका फोन है। इससे फोन करने वाला तुरंत फोन काट देगा।
हमले की सूरत में
- आमतौर पर हम मानते हैं कि हमारे साथ ऐसा हादसा नहीं होगा, जबकि हर किसी को किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहिए। अगर हर स्थिति के बारे में पहले से सोचकर रखा होगा तो हालात से निबटना आसान होगा।
- दूसरी अहम बात है कि किसी भी हमले की सूरत में दिमाग काम करता रहे। आमतौर पर ऐसी स्थिति में महिलाएं बुरी तरह से डर जाती हैं और जम-सी जाती हैं। या फिर ज्यादा से ज्यादा भागने लगती हैं। यहां सबसे जरूरी है कि हालात के मुताबिक तुरंत कदम उठाएं। हर स्थिति और जगह के मुताबिक एक्शन भी अलग हो सकता है, मसलन सड़क खाली है, या लोग हैं, आप पैदल जा रही हैं या गाड़ी में हैं... उसी के मुताबिक ऑप्शन तलाशना चाहिए। अगर आसपास कोई नहीं है तो बदमाश के गंदे कमेंट्स या इशारों को नजरअंदाज कर दें। इसी तरह अगर हमलावर सिर्फ पर्स छीनना चाहता है और आसपास कोई नहीं है तो पर्स दे देना बेहतर है। पर उसकी शक्ल और हुलिया गौर से देखें, ताकि पुलिस को उसके बारे में जानकारी दे सकें। अगर आसपास कोई है तो पैदल भागना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन सुनसान रास्ते पर ऐसा करना मुसीबत बढ़ा सकता है। इसी तरह अगर हमलावर एक से ज्यादा हैं तो वहां अमूमन आपका अटैक करना सही नहीं होगा।
-तीसरी अहम बात यह है कि आपका मकसद अपराधी से मुकाबला करना नहीं, बल्कि अपनी हिफाजत करना है और कोई मदद मिलने तक हमलावर को रोके रखना है।
- पुलिस का नंबर मोबाइल में स्पीड डायल पर रखें। किसी भी तरह की गड़बड़ी का शक होने पर तुरंत डायल करें। अगर बोलने का मौका न मिले तो भी फोन ऑन रखें। इससे अगर कोई धमकी दे रहा है या हाथापाई कर रहा है तो पुलिस को वे आवाजें सुनाई दे जाएंगी।
- अगर सड़क सुनसान है और आसपास कोई नहीं दिख रहा तो कार से उतरकर भागें नहीं। गाड़ी के दरवाजे और खिड़कियों को लॉक कर लें और अंदर ही बैठी रहें। तुरंत 100 नंबर पर डायल करें। लगातार हॉर्न बजाती रहें। इससे लोगों से ध्यान उस ओर जाएगा और मदद मिलने की संभावना बढ़ेगी। अगर कोई दिख जाए तो तुरंत मदद को चिल्लाएं।
- कार से जा रही हैं और कोई दूसरी गाड़ी आपका पीछा कर रही है तो स्पीड बढ़ा लें। लगातार हॉर्न बजाती रहें और पुलिस चौकी या पोस्ट पर जाकर रुकें। अगर पुलिस चौकी नहीं मिलती तो थियेटर, मॉल या अस्पताल जैसे पब्लिक प्लेस पर जाकर रुकें। सीधे अपने घर न जाएं, इससे हमलावर आपका घर देख सकता है।
- पैदल जा रही हैं या कार से उतरने की नौबत आ ही जाए और हमलावर एकदम पास आ जाए तो पहले वार करें और जोरदार करें। हमेशा सामने वाले के शरीर के नाजुक हिस्सों पर वार करें।
कहां करें वार
शरीर में कुछ जगहें बेहद नाजुक होती हैं। वहां हल्की भी चोट काफी जोर से लगती है। ये हिस्से हैं -
- आंखें, नाक, चेहरा, सिर या ठुड्डी
- सोलर प्लेक्सेस (जहां पसलियां मिलती हैं और पेट शुरू होता है)
- प्राइवेट पार्ट्स (यहां ज्यादा जोर से न मारें, वरना सामनेवाले की जान भी जा सकती है)
- पेट में और घुटनों के पीछे
कुहनी और घुटने से मारें तो सामनेवाले को चोट ज्यादा लगेगी।
आपके पास हैं हथियार तमाम
- एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अपने साथ हथियार रखना तब तक फायदेमंद नहीं है, जब तक उसका इस्तेमाल करने की हिम्मत आपमें नहीं है। फिर चाकू जैसी किसी चीज से वार आप तभी कर पाएंगी, जब हमलावर बिल्कुल पास होगा। अगर हमलावर आपसे ताकतवर है और उसने चाकू छीन लिया तो आप और खराब स्थिति में आ सकती हैं। इसलिए जरूरी है कि जो चीजें आपके पास होती हैं, उनका इस्तेमाल कर हमलावर को पस्त किया जाए।
- डिओड्रेंट साथ रखें। हमलावर की आंखों पर स्प्रे करें। इसके लिए आपको बहुत करीब भी नहीं जाना पड़ेगा। कुछ देर के लिए वह आंखें नहीं खोल पाएगा और आपको अगला कदम उठाने का मौका मिल जाएगा। एयर-फ्रेशनर और परफ्यूम से भी हमलावर को कुछ देर के लिए रोका जा सकता है।
- पिपर स्प्रे रखें। थोड़ा भी शक होने पर तुरंत निकालकर हाथ में थाम लें। जरूरत पड़े तो हमलावर की आंखों पर निशाना लगाकर स्प्रे करें। यह मार्केट में करीब 300-350 रुपये में मिल जाता है।
- नेल फाइलर, नेलकटर, पेपर कटर से अगर जोरदार हमला किया जाए तो काफी असरदार हो सकता है।
- पर्स को घुमाकर कसकर हमलावर के मुंह पर मारें। अगर छाता है, तो उससे जोरदार हमला करें।
- नाखून बड़े हैं तो उनसे हमलावर की आंखों पर वार करें।
- जूड़े की पिन, सेफ्टी पिन, पेन, डायरी या फोर्क कुछ भी है तो उससे हमला करें। ये छोटी-छोटी चीजें न सिर्फ चोट पहुंचाती हैं, बल्कि अचानक वार से हमलावर घबरा भी जाएगा।
- हाई हील पहन रखी है तो तुरंत निकालकर हमलावर के चेहरे पर जोर से मारें।
- अगर आसपास पत्थर दिख जाए तो दुपट्टे में रखकर घुमाकर मारें। हमलावर पास नहीं आएगा।
- बेल्ट पहन रखी है तो बकल की ओर से थोड़ी लंबाई छोड़कर बाकी सारी बेल्ट को गोल कर हाथ में और जोर से मारें।
दूसरों की मदद को आएं आगे
- अगर कोई प्रॉब्लम में है तो तुरंत मदद को आगे आएं। मुंह फेर कर आगे न बढ़ जाएं। आज आप किसी की मदद करेंगी तो कल कोई आपकी मदद को आगे आएगा। पीछा करने वाली कार या बाइक का नंबर नोट कर लें। अगर आप सुरक्षित रहें तो भी पुलिस को वे नंबर जरूर दें। इससे बदमाश पकड़े जाएंगे और किसी और को तंग करने का मौका नहीं मिलेगा।
कैसे करें वार
बस में कोई छेड़खानी करे तो :
- अगर कोई पीछे से आकर हाथ पकड़ ले तो कुहनी से तुरंत पीछे की ओर पेट पर वार करें। अगर कोई कमर पर हाथ रखने की कोशिश करे तो भी कुहनी से वार करें। हील पहन रखी है तो उससे उसके पैर पर भी हमला कर सकते हैं।
हमलावर सामने से आए तो :
- उस पर तेजी से और जोरदार अटैक करें। कुहनी से उसकी आंख, नाक और ठुड्डी पर वार करें। दोनों हाथों को जोड़कर आर्च बना लें तो घुमाकर दोनों ओर से वार कर सकती हैं।
- एक पैर उठाकर हमलावर के प्राइवेट पार्ट्स या पेट पर मारें।
हमलावर दोनों हाथों से गर्दन पकड़ ले तो :
अपने दोनों हाथों को उसके हाथों के बीच लाएं और जोर-जोर से अंदर बाहर को करें। इससे उसकी पकड़ छूट जाएगी। इसके बाद उसके शरीर के नाजुक हिस्सों पर वार करें।
दुपट्टे की मदद लें :
दुपट्टे को उछालकर हमलावर की गर्दन के चारों ओर कस लें। इसे पैरों में फंसाकर हमलावर को गिरा भी सकती हैं। हमलावर के जमीन पर गिरने के बाद आप हमलावर के चेहरे व पेट पर वार करें।
घूंसा ऐसे बनाएं :
- पंच बनाने का तरीका होता है। चारों उंगलियों को हथेली के अंदर की ओर मोड़ लें और अंगूठे को जमाकर ऊपर रखें। इससे वार करेंगी तो हमलावर को चोट ज्यादा लगेगी।
(नवभारत टाइम्स में प्रियंका सिंह, मंगल सैणचा, बेंगलोर senacha@in.com का पसंददीदा लेख)