सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 28 Feb 2010, 09:46:03
पाली। जिला मुख्यालय स्थित राजकीय बांगड़ चिकित्सालय में प्रसूताओं को लगाए जाने वाले एक कम्पनी के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन में गड़बड़ी की आशंका के चलते प्रमुख चिकित्सा अधिकारी की शिकायत पर औषधि विभाग ने रविवार को उस बैच के सभी इंजेक्शन कब्जे में लेकर सेम्पल जांच के लिए कलकत्ता स्थित सेंट्रल ड्रग लेबोरट्री में भेज दिए हैं।
यह ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन प्रसूताओं में प्रसव के दौरान व रक्तस्राव होने पर लगाया जाता है। इस इंजेक्शन में क्या गड़बड़ी है, इसका जांच के बाद ही खुलासा होगा। हालांकि 180 इंजेक्शन प्रसूताओं के लगाए जा चुके हैं। हालांकि अब तक किसी के विपरीत असर नहीं हुआ है।
यूं चला पता
बांगड़ अस्पताल में 23 फरवरी को गॉयनी थिएटर में प्रसव के दौरान एक महिला को ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन लगाया जाना था। नर्सिग स्टाफ को इंजेक्शन के अंदर तरल पदार्थ तैरता दिखा। जोधपुर में प्रसूताओं की मौत की घटना के बाद यहां का नर्सिग स्टाफ भी सचेत हो गया। उन्होंने तुरंत पीएमओ को सूचना दी। उन्होंने भी इंजेक्शन के अंदर फंगस तैरता देखा। इसके बाद उन्होंने आठ-दस इंजेक्शन चैक किए। इनमें करीब आधे में कुछ न कुछ दिखाई दिया। उन्होंने तुरंत उस बैच के सभी इंजेक्शन एकत्र कर वापस चिकित्सा विभाग को भेज दिए।
सिर्फ बांगड़ में ही हुए सप्लाई
जिस बैच के ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन में गड़बड़ी मिली, उस बैच के 1500 इंजेक्शन केवल बांगड़ अस्पताल में ही सप्लाई हुए थे। औषधि विभाग का कहना है कि पाली जिले के अन्य किसी अस्पताल व मेडिकल स्टोर पर उस बैच के इंजेक्शन सप्लाई नहीं हुए।
इंजेक्शन के तरल पदार्थ में कुछ तैरता हुआ मिला तो तुरंत सभी इंजेक्शन वापस कर दिए हैं। अब दूसरी कम्पनी की ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन काम में लिए जा रहे हैं।
डॉ. आर.के. पामेचा, पीएमओ, बांगड़ अस्पताल
सभी इंजेक्शन जब्त कर लिए हैं। जांच के लिए कलकत्ता की लैब में भेजा है। जांच रिपोर्ट के बाद ही स्थिति साफ होगी।
मनोज टोंगरा, औषधि नियंत्रण अधिकारी, पाली
ये इंजेक्शन परिवार कल्याण विभाग ने खरीदे थे। इन बैच के 1500 इंजेक्शन केवल बांगड़ में सप्लाई हुए थे। इसके अलावा जिले में किसी अस्पताल में नहीं है।
युद्धवीर सिंह राठौड़, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, पाली
-- साभार राजस्थान पत्रिका