सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 21 Feb 2010, 02:17:08
रायपुर मारवाड़ । जिला कलक्टर नीरज के. पवन ने शुक्रवार को रायपुर में बेरा नवादीया में सामूहिक रूप से हो रहे विवाह में से दो को बाल विवाह की श्रेणी में होने की पुष्टि कर रूकवा दिया। पुलिस बल की मौजूदगी में दोनों दूल्हों को बारात सहित वहां से लौटा दिया गया। जिला कलक्टर कस्बे में आयोजित बेटी बचाओ अभियान व उपखंड-तहसील कार्यालय के निरीक्षण के लिए यहां आए थे। शाम को रवाना होते समय मोबाइल पर मिली सूचना पर वे बेरा नवादीया पहुंचे।
कलक्टर ने विवाह पंडाल में बैठे छहों जोड़ों से पूछताछ शुरू कर दी। इनमें से तीन का बाल विवाह होने का संदेह हुआ। जांच-पड़ताल में दो के नाबालिग होने की पुष्टि हो गई। उन्होंने दोनों विवाह रूकवाकर दूल्हा-दुल्हन को पंडाल से उठवा दिया। उनके साथ एसडीएम रंजीता गौतम, तहसीलदार जसराज बेनीवाल, बीडीओ धनदान देथा, एएसआई हबीब खां सहित पुलिसकर्मी मौजूद थे।
दूल्हे का सेहरा उतरवाया
कलक्टर ने पंडाल में दो नाबालिग दूल्हों को न केवल हाथ पकड़ पर उठा दिया बल्कि उनका सेहरा भी उतरवा दिया।
एक दर्जन विवाह स्थलों पर दस्तक
जिला कलक्टर ने बेरा नवादीया के बाद दीपावास, मेघड़दा, धोलीधेड़, बर सहित करीब आधा दर्जन गांवों में विवाह स्थलों पर दूल्हा-दुल्हन के बालिग होने की पुष्टि की।
पुलिस-प्रशासन को किया पाबंद
कलक्टर ने बाल विवाह की पुष्टि पर वहां मौजूद स्थानीय पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को रात भर विवाह स्थल पर डेरा डालने के लिए पाबंद किया। उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि रोक के बावजूद विवाह हो गए तो सम्बन्घित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
इनके थे बाल विवाह
बेरा नवादीया पर रामलाल गहलोत की पत्नी पुष्पादेवी अपनी दोनों पुत्रियों धापू व आरती का विवाह करवा रही थी। धापू का विवाह कस्बे के ही बेरा बोडिया वाला के भूराराम माली के पुत्र जितेन्द्र से होना था। जबकि, आरती का विवाह क्षेत्र के धोलीधेड़ के चेतन सांखला के पुत्र बुधराज के साथ होना था। कलक्टर ने दोनों बारातें लौटा दी।
भाग छूटे पंडित व फोटोग्राफर
कलकटर को अचानक पंडाल में देख मंत्रोचार कर रहे पंडित व फोटोग्राफर वहां से भाग छूटे।