सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 04 Feb 2010, 14:53:11

कुक्षी। श्री आईमाताजी मंदिर मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव 4 से 10 फरवरी के लिए नगर का सिर्वी मोहल्ला सजधज कर पलक पावड़े बिछाए अपने अतिथियों की राह तक रहा है। शुक्रवार से प्रारंभ महोत्सव का श्री आईमाताजी सहित देव प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा व पूर्णाहुति के साथ 10 फरवरी को विशाल नगर चौरासी भंडारे की महाप्रसादी के साथ समापन होगा। सिर्वी समाज के प्रेरणा पुरुष धर्मगुरु श्री माधवसिंह राठौर (बिलाड़ा) जतीश्री भगाबाबाजी व श्री भंवरजी महाराज (नारलाई) के पावन सान्निध्य में इन्हीं की सद्प्रेरणा से क्षत्रिय सिर्वी समाज सकल पंच एवं आई सेवा समिति के पदाधिकारी स्वजातिय बंधुओं के दिन-रात के अथक परिश्रम को आज से अपने समक्ष प्रतिफलित होते साकार स्वरूप में देखेंगे। श्री क्षत्रिय सिर्वी समाज के अध्यक्ष नारायण परिहार व श्री आईजी सेवा समिति कुक्षी के अध्यक्ष कैलाश काग ने बताया कि सात दिवस तक चलने वाले इस धर्म व आध्यात्म के सम्मिलित महापर्व पर रात्रिकालिन कार्यक्रमों के अंतर्गत 4 फरवरी को अंतर विद्यालय सांस्कृतिक प्रतियोगिता, 5 फरवरी को नटेश्वर नाट्य संस्था बड़वाह द्वारा प्रस्तुति, 6 फरवरी को विराट कवि सम्मेलन, 7 फरवरी को लक्ष्मी पांडे एंड कंपनी मथुरा द्वारा भव्य भजन संध्या, 8 फरवरी को श्री आईजी आर्केस्ट्रा पाली राजस्थान घीसाराम चौधरी एवं ग्रुप द्वारा प्रस्तुति तथा 9 फरवरी को पामेला जैन मुंबई एवं ब्रजजोशी आणंद गुजरात द्वारा गरबा नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति दी जाएगी। 5 फरवरी से 8 फरवरी तक दोपहर 1 से 4 बजे के मध्य परम् श्रद्धेय संत श्री ज्ञानीजी महाराज के दिव्य सत्संग ज्ञान गंगा प्रवचन होंगे। सज गया मां का दरबार आई पंथ की अधिष्ठात्री आराध्य देवी मां योगमाया श्री आईमाताजी की दिव्यता को प्रतिबिंबित करता भव्य भवन अपने स्वरुप को प्राप्त कर मां के दिव्य दर्शन को पाने हेतु आतुर भाव से देख रहा है। मां के साथ ही विराजेंगें इस दिव्य दरबार में भगवान शिवजी अपने परिवार के साथ और विराजित होगें रघुकुल शिरोमणी भगवान श्रीराम अपने दरबार के साथ। सौ से अधिक आचार्य सहस्त्रचंडी यज्ञ, रुद्रयज्ञ, विष्णुयाग के साथ प्रारंभ इस ऐतिहासिक आयोजन के समस्त मांगलिक कार्यक्रमों को स्वरूप प्रदान कर मुख्यआचार्य पं. कैलाशचन्द्र शर्मा व उपाचार्य पं. अजय चाष्टा अपने साथ लगभग 100 आचार्यों के साथ इस महोत्सव को संपन्न कराने में अपनी आध्यात्मिक व धार्मिक ऊर्जा से ऊर्जास्वित करेंगे। भव्य कलश व शोभायात्रा 4 फरवरी को सुबह 8 बजे मंदिर प्रांगण से कलश यात्रा प्रारंभ होगी, जिसमें 500 स्वजातिय महिलाएं समान वेशभूषा में कलश लिए शामिल होंगी। कलश यात्रा छोटी हतई, मंगलवारियां, आड़ा बाजार, जवाहर चौक, दाताहारि मंदिर चौक, पढ़ाव, सिनेमा चौपाटी, बड़पुरा, भावसार मोहल्ला होकर पुन: मंदिर में पहुंचेगी। 9 फरवरी को प्रथम बार आगमित श्री आईमाताजी के धर्मरथ (बैल) का बंधावा व धर्मगुरु माधवसिंह राठौर का बंधावा होकर शोभायात्रा निकलेगी।