सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 13 Feb 2010, 13:12:51

बिलाड़ा,शुद्ध व मीठे पानी की कीमत क्या होती है इसका अंदाजा बिलाड़ा क्षेत्र के गांवों में आने से पता चल जाता है। समूचे क्षेत्र में खारे पानी की समस्या है और हिमालय का मीठा पानी पहुंचाने की सरकारी योजना भी सिरे नहीं चढ़ पाई है। ऐसे में समीपवर्ती बैड़ कला गांव स्थित मरुधर केसरी रूपसुकन गौशाला में खुदवाए गए नलकूप से मीठा पानी निकलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसलिए यहां मीठे पानी के लिए लोगों का तांता लगा रहता है। लोग इसे संत महात्माओं की कृपा दृष्टि व गौ सेवा से जोड़कर देख रहे हैं। यहां आने वाला हर शख्स परमार्थ से निकली इन अमृत की बूंदों की पूजा कर रहा है तो कोई नलकूप पर पुष्प चढ़ा रहा है। क्षेत्रवासियों को इस नलकूप खुदाई के बाद आसपास के क्षेत्र में भी मीठे पानी निकलने की उम्मीद जगी है। बिलाड़ा व आसपास के इलाके में जितने भी नलकूल खोदे गए हैं उनमें खारा पानी निकला है। जबकि हाल ही में मरुधर केसरी रूपसुकन गौशाला के नलकूप से मीठा पानी निकला। यह सुनना क्षेत्र के लोगों के लिए किसी सपने से कम नहीं है। क्षेत्र में पानी का जलस्तर 450 फीट नीचे होने के बावजूद नलकूपों से खारे व लवणीय पानी निकलता है। जबकि गौ शाला के नलकूप म १२५ फीट गहराई में ही पानी निकल आया। गांव के आसपास १२७ नलकूप है लेकिन सभी का पानी खारा है। ग्रामीण पुजारी संत रूपमुनि के पावन चरणों के वरदान का चमत्कार मान रहे हैं। डॉ. अमरेश मुनि निराला ने बताया कि गुरुदेव मिश्रीमल मरासा के गौ वंश की रक्षा से गांव का उद्धार होगा। गांव के घेवरराम पूनिया, किशनाराम सेंचा, चूनाराम माली, पूरखाराम व अमराराम सहित अन्य ने नलकूप की पूजा-अर्चना करने के बाद बताया कि यह संतों के आर्शीवाद व ग्रामीणों के परमार्थ का फल है। गौधाम के अध्यक्ष टीकमसिंह राठौड़ भी संतों के आर्शीवाद का परिणाम बता रहे हैं।
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