सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 04 Feb 2010, 00:03:30
पाली,जिले में हो रहे ऐसे अतिक्रमण जो आगे चलकर किसी विवाद या फिर कानून व्यवस्था को प्रभावित करने के कारक बन सकते है, उन्हें चिह्नित कर प्रशासन की ओर से शीघ्र ही हटाए जाएंगे। इस दौरान प्रशासन की उन अतिक्रमणों पर विशेष निगाह रहेगी जो धार्मिक स्थलों के आसपास किए गए है।
जानकारी के मुताबिक जिले में प्रशासन की अनदेखी के कारण लोगों द्वारा काफी संख्या में अतिक्रमण किए जाते है, जिनको हटाने में बाद में प्रशासन को काफी मशक्कत उठानी पड़ती है। स्थिति तब विकट हो जाती है जब अतिक्रमण किसी धार्मिक आस्था के करीब हो। ऐसे में धार्मिक भावनाओं को आधार बनाकर नागरिक अतिक्रमण हटाने के विरोध में लामबंद हो जाते है। यदि समय रहते अतिक्रमण होते वक्त उन्हें हटा दिया जाए तो यह स्थिति बने ही नहीं। इसको देखते हुए अब प्रशासन ने भी कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है। कलेक्टर नीरज कुमार पवन ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता, कलेक्ट्रेट शाखा के राजस्व प्रभारी अधिकारी, नगर परिषद आयुक्त तथा सभी तहसीलदारों को ऐसे अतिक्रमण चिह्नित कर उसकी सूची बनाने के निर्देश दिए है। इस पर तुरंत प्रभाव से उनको हटाने की कार्रवाई अमल में लाई जा सके।
बालेसर की घटना से सबक : जोधपुर जिले के बालेसर गांव में कुछ माह पूर्व एक घटना से माहौल बिगड़ गया था। इस दौरान पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। संभागीय आयुक्त की जांच में सामने आया कि विवादित स्थल पर एक समुदाय विशेष के लोगों का आधिपत्य था, वहां पर एक समाज विशेष के लोगों की ओर से अतिक्रमण होने से विवाद की स्थिति बन गई थी। ऐसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए राज्य के मुख्य सचिव द्वारा सभी कलेक्टर को यह निर्देश जारी किए गए है।
अतिक्रमण में मुख्य भूमिका धार्मिक स्थलों की : अतिक्रमियों द्वारा अपने मंसूबे पूरे करने के लिए धार्मिक स्थलों का सहारा लिया जाता है। अधिकांश स्थानों पर देखें तों धार्मिक स्थलों के आसपास ज्यादा अतिक्रमण दिखाई देते है। अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमियों के पास धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इल्जाम का अचूक निशाना साथ होता है, जिसके कारण अतिक्रमण निरोधी दस्ते को कई बार बैरंग ही लौटना पड़ता है।
'जिले भर मं अतिक्रमणों को चिह्नित करने का कार्य कराया जा रहा है। ऐसे विवादित स्थलों की भी सूची बनवाई जा रही है,जिससे शांति व्यवस्था में खलल पड़ सकता है। पटवारियों व ग्राम सेवकों को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
- नीरज के पवन, कलेक्टर, पाली।
साभार- राजस्थान पत्रिका