सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 03 Feb 2010, 23:48:43
बिलाड़ा,जसवंत सागर बांध (पिचीयाक) से क्षेत्र के तेरह गांवों की हजारों बीघा कमांड क्षेत्र की जमीन में सिंचाई हुआ करती थी, लेकिन बांध के भराव क्षेत्र में गैर खातेदारों ने दर्जनों नलकूप एवं कुएं खोद कर भारी मात्रा में जलदोहन करना प्रारंभ कर दिया। इन नलकूपों के कारण बांध में बारिश का पानी भी नहीं ठहरता। बांध में आने वाला पानी इन नलकूपों के जरिए भूमिगत होने लगा, इससे कमांड क्षेत्र की जमीन बरसों से खेती के बिना पड़ी है।
जसवंत सागर बांध कमांड क्षेत्र के तेरह गांवों के किसानों ने उच्च न्यायालयके आदेशों को नहीं मानने वाले किसानों एवं अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन करने की तैयारियां प्रारंभ कर ली हैं। इन गांवों के लोगों ने मुख्यमंत्री, संभागीय आयुक्त एवं कलेक्टर को न्यायालय के अंतरिम आदेशों की प्रतियों सहित ज्ञापन भेजकर चेतावनी दी। तेरह गांवों के किसानों ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई, जिसे जनहित याचिका मानते हुए न्यायाधीशों ने अपने अंतरिम आदेशों के जरिए बांध क्षेत्र में नए कुएं या नलकूप नहीं खोदने, पूर्व में खुदे हुए नलकूपों को बंद करने, बांध क्षेत्र में गैर खातेदारों को कृषि कार्य नहीं करने तथा बांध की पांच सौ मीटर परिधि में खुदे कुओं से खेती के लिए जलदोहन न करने देने के आदेश दे रखे हैं, जिनकी पालना कोई विभाग नहीं करवा रहा है। तेरह गांवों के किसानों का जल संसाधन विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों ने न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं करवाने तथा गैर खातेदारों की ओर से आदेशों की अवमानना करने को लेकर किसानों ने बांध क्षेत्र में खड़ी फसलों एवं पाल के बाहर किए जा रहे जल दोहन के चित्र भेजकर आंदोलन की चेतावनी दी है। तेरह गांवोंकी ओर से न्यायालय में पैरवी करने वाले अधिवक्ता पीपी चौधरी ने बताया कि वे अवमानना वाले तथ्य न्यायाधीशों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। ज्ञापन भेजने वाले रघुवीरसिंह सीरवी, कालूसिंह राठौड़, शंकरराम साहू, पूर्व सरपंच लादूराम चौधरी सहित दर्जनों किसानों ने ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
साभार- दैनिक भास्कर