सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 31 Jan 2010, 22:59:23
मारवाड़ जंक्शन, कस्बे के बड़े भाग को अभी पक्की सड़कों का इंतजार है। रेलवे से लगी इन कॉलोनियों का दुर्भाग्य भी रेलवे ही है, जो न तो खुद सड़कों को कच्ची से पक्की कर रहा है और न किसी को यह कार्य करने दे रहा है। कई बार जनप्रतिनिधि इसका निर्माण खुद की निधि से करने का आग्रह कर चुके हैं, लेकिन हर बार रेलवे प्रशासन की स्वीकृति न देना रोड़ा बनकर सामने आया। अब जरा सी बरसात होने पर मार्ग पर कीचड़ फैल जाता है, जिससे कई सप्ताह तक लोग परेशान होते हैं।
कई बार कर चुके हैं शिकायत : रेलवे के उच्चाधिकारियों को कस्बे के लोग इस समस्या से कई बार लिखित व मौखिक में अवगत करा चुके हैं। लेकिन अभी तक कुछ नहीं किया गया है। स्थानीय प्रशासन व ग्राम पंचायत भी रेलवे की इस हठधर्मिता के आगे बेबस है। कई बार जनप्रतिनिधियों ने यहां अपने मद से बजट देने का प्रयास किया पर रेलवे की अनुमति नहीं मिलने के कारण सड़़क का निर्माण नहीं हो पाया। पूर्व सांसद पुष्प जैन ने एक बार अपने मद से पंाच लाख रुपए तो पूर्व विधायक भैरो सिंह गुर्जर जो स्वयं गुर्जर मोहल्ला के निवासी हैं एवं जिला प्रमुख खुशवीर सिंह ने भी अपने-अपने मद से बजट देने की घोषणा कर स्थानीय निवासियों को इस समस्या से राहत दिलाने का प्रयत्न किया। लेकिन, रेलवे के अधिकार क्षेत्र के कारण यहां राज्य सरकार का बजट खर्च करने की अनुमति नहीं मिलने से ये सारे प्रयास बेकार साबित हुए।
वर्तमान में इस एक किमी सड़क के नहीं होने से स्थानीय अजमेरी फाटक से गंदगी, गड्ढे व कीचड़ का रास्ता प्रारंभ होता है, जो प्रथम मार्ग में सिक्ख एवं बंजारा समाज के गुरुद्वारा के सामने से होता हुआ जैन जिनालय जिनेंद्र विहार के सामने जाता है। यहां करीब ही एक निजी शिक्षण संस्थान है, जो कि कक्षा दस तक संचालित होती है। आगे यहां मार्ग जीर्ण-शीर्ण अवस्था में कस्बे की पुरानी जामा मस्जिद को जाता है, जिसके एक ओर रेलवे के आवासीय क्वाटर बने हैं। आगे मस्जिद के करीब ही भगवान शिवशंकर का मंदिर है। यहां से मार्ग दो तरफ बंट जाता है एक और रामनगर, सिकलीघर के कच्चे झोपड़े, नाथों का जाव स्थित है, तो आगे यह मार्ग मंदिर की ओर जाता है। मंदिर के पिछले भाग पर कस्बे व उपखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा पोस्टऑफिस है। आगे यह मार्ग गुर्जर मोहल्ले, काजीपुरा में नायकों की बस्ती, बाईपास के रूप में बिठूड़ा मार्ग एवं एफसीआई गोदाम की ओर बंट जाता है। करीब दो से तीन किमी तक इस मार्ग का डामरीकरण हो जाने पर कम से कम कस्बे के पांच हजार लोग राहत महसूस करेंगे।
साभार - दैनिक भास्कर