सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 20 Jan 2010, 22:19:19
मारवाड़ जंक्शन,अच्छे मानसून का असर न सिर्फ क्षेत्र के पेड़-पौधों व फसलों पर दिख रहा है, बल्कि इसके साथ ही पशु-पक्षियों पर भी इसका अनुकूल असर पड़ा है। कम से कम परिंदों के बारे में तो यह कहा ही जा सकता है। खादड़ी के निकट स्थित बाणियावास बांध के भरने और उसके कैचमेंट टेल तक नहर में पानी की अच्छी आवक का नतीजा है कि सामान्य रूप से दिखने वाले जलकौआ आदि को छोड़ दिया जाए, तो इस समय वहां प्रवासी हवासील भी खूब दिखाई पड़ रहे हैं। संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल पेंटेड स्टॉर्क को भी वहां उड़ान भरते देखा जा सकता है।
छेड़छाड़ पर रोक, सुरक्षा जरूरी : इन पक्षियों की उपस्थिति वैसे भी बताती है कि यहां का वातावरण उनके अनुकूल है। उनको आवास, भोजन मिल रहा है। लेकिन, आने वाले समय में भी वे वहां दिखें इसके लिए जरूरी है कि उनसे कम से कम छेड़छाड़ और अधिक से अधिक सुरक्षा की जाए। खासकर, मछली पालने वाले इन पक्षियों को भगाते रहते हैं। ऐसे में जरूरी है कि उनसे इनको बचाया जाए।
संकटग्रस्त पेंटेड स्टॉर्क : क्षेत्र के जलाशयों में जहां जलकौए, बगुले आदि सामान्य पक्षी इस समय खूब दिख रहे हैं, तो संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल पेंटेड स्टॉर्क की भी यहां मौजूदगी है। संकटग्रस्त श्रेणी में शामिल पक्षियों के लिए जरूरी है कि अब उनको कम से कम नुकसान पहुंचाया जाए। यदि ऐसा होता है तो ये पक्षी आगे भी यहां अपना आवास कायम रख सकते हैं या इनकी संख्या बढ़ सकती है। ऐसे में पक्षी व पर्यावरण प्रेमियों के लिए यह क्षेत्र अपने आप महत्वपूर्ण हो जाएगा।
लंबी उड़ान की तैयारी
बांध में प्रवासी पक्षी हवासील भी दिखाई पड़ रहा है। शीतकालीन प्रवास पर पहुंचने वाले ये पक्षी गर्मी आने के साथ वापस लौट जाएंगे। इनके लौटने का समय निकट आ रहा है। इनके लौटने का भी एक अलग ही अंदाज होता है। प्रवासी पक्षी जाने का समय नजदीक आने पर जलाशयों के निकट एकत्र होते हैं। कुछ दिन रुकते हैं ताकि पीछे से छूटे पक्षी पहुंच जाएं। इसी क्रम में वे आगे बढ़कर फिर रुकते हैं, वहां आगे और झुंड उनके साथ हो जाता है। इसी तरह वे आगे बढ़ते जाते हैं। इसके बाद इकट्ठे लंबी उड़ान भरते हैं।
इन पक्षियों के दिखने से स्पष्ट है कि वहां अनुकूल वातावरण है। जरूरी है कि इन पक्षियों की सुरक्षा के साथ उनसे कम से कम छेड़छाड़ की जाए।
-डॉ. सत्यप्रकाश मेहरा, राजपुताना सोसायटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री
स्ट्रैंगलर पक्षी के बारे में भी जानें
प्रवासी पक्षियों के यदि लौटने की बात की जाए, तो स्ट्रैंगलर पक्षियों की जानकारी रोचक है। ये वे दुर्भाग्यपूर्ण पक्षी होते हैं, तो घायल, बीमार या किसी अन्य कारण से अपने साथियों के साथ जा नहीं पाते। वैसे अशक्त पक्षी के लिए दल रुकता नहीं और फिर उस छूटे हुए पक्षी को वापसी के लिए अगले साल तक इंतजार करना पड़ता है। मौसम समेत अन्य कठिनाइयों से कई इसमें सालभर जीवित ही नहीं रह पाते।