सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 14 Jan 2010, 22:59:55

बिलाड़ा,बिलाड़ा अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी के चलते मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है। 56 बेड वाले इस रेफरल अस्पताल में डॉक्टरों के 11 पद स्वीकृत हैं लेकिन केवल पांच डॉक्टर ही मरीजों को देख रहे हैं। इनमें भी दो संविदा पर नियुक्त किए गए हैं। हाल ही एक महिला सर्जन अनिता शर्मा एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक शर्मा को रिलीव कर दिया गया जबकि इनकी जगह अन्य डॉक्टरों ने ज्वाइन ही नहीं किया है। ऐसे में मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है।
बर से जोधपुर के बीच करीब 150 किलोमीटर की दूरी के राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं के दौरान इलाज के लिए यही अस्पताल है। इस मार्ग पर होने वाली दुर्घटनाओं के दौरान जख्मी और घायलों को यहां लाया जाता है, लेकिन डॉक्टरों के अभाव में प्राथमिक चिकित्सा कर जोधपुर रेफर कर दिया जाता है। इससे कई बार मरीजों की जान जाने का खतरा भी रहता है।
केवल डॉक्टरों की कमी ही मरीजों की परेशानी का कारण नहीं है बल्कि यहां लगे अन्य उपकरण भी दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। वर्षों पूर्व लगी एक्सरे मशीन ठीक से काम नहीं कर रही जिससे मरीजों को निजी लेबोरेट्री में महंगे दामों पर एक्सरे कराना पड़ रहा है। रक्त संग्रहण संबंधी सारे उपकरण होने के बावजूद रक्त संग्रहण केंद्र पर वर्षों से ताला लगा हुआ है। नगरवासियों के सहयोग से करोड़ों की लागत से सौ बेड वाला अस्पताल बनाकर चिकित्सा विभाग को सौंपना भामाशाहों के लिए परेशानी का कारण बन गया है।
इन डॉक्टरों के पद रिक्त चिकित्सालय के पांच पद कनिष्ठ विशेषज्ञ डॉक्टरों के लिए हैं, जिनमें 2 नियुक्त हैं तथा 3 के पद रिक्त हैं। 2 वरिष्ठ डॉक्टरों के भी पद रिक्त है। दंत रोग विशेषज्ञ, एनिस्थिसिया, शिशुरोग विशेषज्ञ तथा सर्जन का पद भी रिक्त है।
एक एंबुलेंस का भरोसाइस चिकित्सालय को सरकार की ओर से तीन एंबुलेंस दी हुई हंै, लेकिन दो एंबुलेंस वाहन पत्थरों पर खड़े करने लायक हो चुकी हैं। एक एंबुलेंस रोगियों को लाने-ले जाने के लिए चौबीस घंटे दौड़ती है। सीएमओ की जीप क्षतिग्रस्त है।
नेत्र वार्ड भी है खस्ताहाल राज्य सरकार ने नेत्र रोगियों के लिए चिकित्सालय में ऑपरेशन करने के सभी उपकरण भी उपलब्ध करवाए, लेकिन इन उपकरणों पर धूल जमी है। अब तक कई अधिकारियों ने इस वार्ड का आकस्मिक निरीक्षण भी किया और चेतावनी भी दी, सब बेअसर रहे। वर्तमान में नेत्र चिकित्सक ही इस रेफरल चिकित्सालय के प्रभारी भी हैं।
अगर डॉक्टरों के पद पहले से रिक्त हैं, ऊपर से दो डॉक्टरों को कार्यमुक्त किया है तो यह परेशानी वाली बात है। विभाग के प्रभारी को उच्च अधिकारियों से बात कर पहले कार्यमुक्त करने वाले डॉक्टरों की जगह दूसरे दो डॉक्टर लगाने चाहिए। अस्पताल का जल्द निरीक्षण करूंगा।
राजेंद्रसिंह शेखावत,तहसीलदार, बिलाड़ा
महिला सर्जन के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था की है। स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है।
आरसी चौहान,ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी, बिलाड़ा
साभार - दैनिक भास्कर