सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 02 Jan 2010, 11:08:32

पाली,ग्वारपाठे (एलोविरा) की खेती करने पर किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए शुरू की गई अनुदान योजना के बाद जिले में किसानों ने रूचि दिखाना शुरू कर दिया है। काफी बरसों बाद यह मौका आया है कि किसानों ने अपने खेतों में ग्वारपाठे को उपजाने के लिए 15 हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार सरकार की ओर से राष्ट्रीय औषधीय पादप मिशन के तहत 20 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाता है। ग्वारपाठे की मांग होने के कारण जिले के किसान भी अब इसकी खेती करने में रूचि लेने लगे हैं। इस बार जिले में करीब 15 हैक्टेयर क्षेत्र में एलोवेरा की बुवाई की गई है। एक हैक्टेयर क्षेत्र में करीब 27 हजार 777 पौधे लगाए जा सकते हैं।
इस फसल की तासीर यह है कि इसकी बुवाई बंजर भूमि,अकृषि योग्य तथा बारानी भूमि में भी की जा सकती है। उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की माने तो एलोवेरा(ग्वारपाठा) की खेती के लिए खाद, कीटनाशक आदि की अधिक आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा इसे कोई जानवर भी नहीं खाता है ऐसे में इसकी रखवाली करने की भी आवश्यकता नहीं होती। यह बड़ा होने के बाद वर्ष भर आमदनी देता है।
हैक्टेयर पर साढ़े आठ हजार अनुदान
राष्ट्रीय औषधीय पादप मिशन के तहत उद्यानिकी विभाग की ओर से ग्वारपाठा की खेती
करने पर लागत का 20 प्रतिशत या साढ़े आठ हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अनुदान दिया जाता है।
बैंक से लोन लेना अनिवार्य
इस खेती के लिए विभाग की ओर से अनुदान लेने के लिए बैंक द्वारा लोन लेना आवश्यक है। किसान द्वारा बैंक से लोन लेने पर ही विभाग की ओर से उसे प्रति हैक्टेयर साढ़े आठ हजार रुपए तक अनुदान दिया जाता है।
साभार - दैनिक भास्कर