सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 31 Dec 2010, 11:04:45

पाली। उत्तर भारत में हो रही बर्फबारी व मैदानी इलाकों में बारिश का असर पाली में भी पड़ रहा है। बुधवार को पाली शहर धुंध के आगोश में लिपटा रहा। अलसुबह लोग उठे तो कोहरे के कारण कुछ नजर नहीं आ रहा था। स्थिति यह थी कि आस-पास के मकान तक दिखाई नहीं दे रहे थे। पूरे दिन बादल छाए रहे।
शीतलहर चलने से ठिठुरन बढ़ गई। सर्दी के कारण लोगों की दिनचर्या भी देरी से शुरू हुई। अपराह्न तीन बजे सूर्य ने झलक दिखलाई। हालांकि अधिकतम तापमान और आद्रता में बढ़ोतरी हुई, लेकिन न्यूनतम तापमान में एक डिग्र्री की गिरावट आई। पाली में अधिकतम तापमान 25.6 और न्यूनतम तापमान 13.8 डिग्र्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आद्रता भी अधिकतम 100 व न्यूनतम 99 फीसदी दर्ज की गई।
ट्रेनें पहुंची विलम्ब से
धुंध के कारण ट्रेनों का संचालन भी प्रभावित रहा। पाली आने वाली बांद्रा-बीकानेर और जम्मूतवी एक्सप्रेस भी करीब दो से तीन घंटे देरी से पाली पहुंची। इससे यात्री सर्दी में परेशान रहे।
दिन में जलाई लाइट
कोहरे का आलम यह था कि वाहन चालकों को सामने से आते वाहन तक दिखाई नहीं दे रहे थे। चालकों को दिन में हैडलाइट जलाकर वाहन चलाने पड़े। कोहरे ने बसों की रफ्तार भी थाम ली। सुबह पाली पहुंचने वाली रोडवेज व निजी बसें निर्धारित समय से कुछ देरी से पहुंची।
गरम लबादों में लिपटे रहे लोग
कोहरा छाए रहने से सर्दी बढ़ गई। लोग पूरे दिन कम्बल व ऊनी लबादों में लिपटे रहे। सुबह जल्दी काम पर जाने वाले लोग भी देरी से ही घरों से बारह निकले। सुबह देर तक लोगों ने अलाव तापकर सर्दी से बचने का जतन किया।
फसल के लिए लाभदायक
कृषि विभाग के सहायक निदेशक सम्पतसिंह राजपुरोहित के अनुसार रबी में बोई जाने वाली गेहूं, चना, रायड़ा और तारामीरा की फसलोंं के लिए यह बारिश अच्छी है। नमी होने से फसल पर पाला पड़ने की संभावना भी नहीं रहती है।
साभार - राजस्थान पत्रिका