सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 26 Dec 2010, 10:23:21
पाली,पाली जिले की मरुधरा पर आंवला और एलोविरा की अच्छी पैदावार ने कई किसानों की तकदीर बदल दी है। बाजार में इन दोनों की मांग बढऩे के कारण किसानों को इससे आय भी अच्छी हो रही है।
आंवले और एलोवेरा का स्वास्थ्य वद्र्धक वस्तुओं में अधिक उपयोग लिया जाता है। इसके जूस के अलावा कई प्रकार के खाद्य पदार्थ भी बनते हैं। इसलिए इनकी भी मांग और भी बढ़ गई है। जिले के निमाज, समोली, धामली आदि कई स्थानों पर किसान एलोवेरा और आंवले की खेती कर रहे हैं। वर्तमान जिले में करीब 17 हैक्टेयर भूमि पर आंवला और एलोवेरा की खेती की जा रही है। निमाज निवासी मदनलाल माली, समोली के जोगाराम कुमावत, धामली के इंदरसिंह आदि आंवले और एलोवेरा की खेती कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि खरीफ, और रबी की फसल की बजाय इसमें मेहनत कुछ कम होती है और आय अधिक प्राप्त होती है। पेशे से टीचर मदनलाल माली का कहना है कि उनके पिता चुन्नीलाल ने कुछ साल पहले 3 हैक्टेयर में आंवला के पेड़ और एलोवेरा के पौधे लगाए थे। अब वे वह पौधों की देखभाल कर रहे हैं। मांग बढऩे के कारण उन्होंने आंवले और एलोवेरा का प्लांट लगाकर जूस बनाना शुरू कर दिया व खुद पेकिंग कर बेच रहे हैं। इससे उनको आय हो रही है। उनका कहना है कि उद्यान विभाग के सहायक निदेशक महेशचंद्र चेजारा उन्हें समय समय पर पौधों की देखभाल व रख रखाव के बारे में जानकारी देते रहते हैं। यही कारण है कि आंवले के पेड़ हरे भरे हैं और अधिक फल भी आते हैं। उनके यहां बनाया हुआ जूस अजमेर, जालोर, सिरोही, दिल्ली, हरियाणा, समेत दूसरे राज्यों में भी जाता है।
साभार - दैनिक भास्कर