सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 14 Dec 2010, 10:53:04
सुमेरपुर। जवाई बांध के पानी को लेकर किसानों ने आन्दोलन का बिगुल बजा दिया है। इस बार क्षेत्र के व्यवसायी व मजदूर तबके के लोग भी किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आरपार की लड़ाई लड़ने पर आमदा है। किसानों के महापड़ाव को देखते हुए प्रशासन भी मुस्तैद हो गया है। किसान संघर्ष समिति अध्यक्ष जयेन्द्रसिंह गलथनी के नेतृत्व में किसानों का महापड़ाव सोमवार से प्रारंभ हो गया। किसान मावठ की बारिश से जवाई बांध में आए 192 एमसीएफटी अतिरिक्त पानी पर अपना हक जता रहे हैं।
उनका कहना है कि बारिश से आया अतिरिक्त पानी, जवाई जल वितरण कमेटी की बैठक में प्रशासन की उपस्थिति में सांसद द्वारा की गई 50 एमसीएफटी पानी देने की घोषणा को अमल में लाया जाए। साथ ही पहली पाण में शेष बचा 34 एमसीएफटी पानी सिंचाई में दिया जाए। किसानों का कहना है कि यूनियन पदाघिकारियों व संगम अध्यक्षों को विश्वास में लेने के बाद जवाई बांध के पानी की योजना बनाई जाए।
अतिरिक्त पानी सिंचाई में देने का तय करने के बाद बाराबंदी की सूची बनाई जाए। ताकि दूसरी, तीसरी व चौथी पाण में किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। किसानों ने मांगें पूरी नहीं होने तक महापड़ाव और आन्दोलन को जारी रखने की घोषणा की है।
सभा का दौर जारी
मुख्य बाजार स्थित मेहता प्याऊ पर सभा का दौर देर शाम तक जारी रहा। किसान नेताओं ने इस दौरान सरकार व स्थानीय जनप्रतिनिघियों को जमकर कोसा। किसान नेताओं का कहना था कि जनप्रतिनिघियों, प्रशासनिक अघिकारियों व सरकार को औद्योगिक इकाइयों की तो चिंता है, लेकिन किसानों की समस्याओं का ध्यान नहीं है। मुख्य सचिव व पर्यटन मंत्री ने पाली प्रवास के दौरान औद्योगिक इकाइयों को जवाई का 100 एमसीएफटी पानी देने की घोषणा की। जबकि इस संबंध में जल वितरण कमेटी की बैठक में कोई निर्णय नहीं लिया गया। जवाई के पानी की बंदरबांट को किसान बर्दाश्त नहीं करेगा।
इन्होंने रखे विचार
बैठक में संघर्ष समिति अध्यक्ष समेत सचिव लक्ष्मीनारायण दाधीच, भैरूसिंह नोवी, तेजसिंह रामनगर, श्यामसिंह देवड़ा, प्रभुराम देवासी, सुमेरसिंह खिमाड़ा, नारायणसिंह कोशेलाव, भीमसिंह राजपुरोहित, नरपतसिंह मदेरणा, धनसिंह जाखोड़ा, भगवतसिंह जोधा, शेरसिंह, फतेहसिंह, बजरंगसिंह, चंदनसिंह, रूपाराम समेत किसान नेताओं व संगम अध्यक्षों ने विचार रखे।
बाजार में कारोबार प्रभावित
किसानों के बाजार में महापड़ाव से कारोबार प्रभावित हुआ। पुलिस ने चौतरफ रास्तों को अवरोध लगाकर आवाजाही के लिए बंद कर दिया। जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी का सामना करना पड़ा। किसान नेताओं ने आमजन व व्यवसायियों से महापड़ाव के कारण हो रही दिक्कत के लिए क्षमा याचना करते हुए सहयोग की अपील की।
आगे आए दानदाता
किसानों के महापड़ाव को देखते हुए व्यवसायी, समाजसेवी व दानदाता भी सहयोग में आगे आए है। दोपहर में किसानों के जलपान की व्यवस्था की गई। रात्रि विश्राम व भोजन का प्रबंध भी किया जा रहा है। संघर्ष समिति ने व्यवसायियों व स्थानीय लोगों से घर पर भोजन बनाकर किसानों के लिए लाने की अपील की है। रात में भजन मंडली का प्रबंध भी किया जा रहा है।
प्रशासन हुआ मुस्तैद
किसानों के महापड़ाव को देखते हुए स्थानीय प्रशासन मुस्तैद हो गया है। आयोजन स्थल व थाने के बाहर भारी मात्रा में पुलिस जाब्ता तैनात है। देर शाम पुलिस अधीक्षक अजयपाल लाम्बा स्थानीय थाने पहंुचे और अघिकारियों से रणनीति पर विचार विमर्श किया। उपखण्ड अघिकारी नरेन्द्रकुमार बंसल, तहसीलदार शक्तिसिंह भाटी, सीओ पूरणसिंह भाटी, थानाघिकारी हालात पर नजर रखे हैं।
रणनीति बनाई
संघर्ष समिति अध्यक्ष गलथनी ने बताया कि मंगलवार को किसान जुलूस के रूप में जाखामाता मंदिर पहंुचेंगे। जहां भोजन का कार्यक्रम है। उसके बाद जुलूस के रूप में नीलकंठ महादेव मंदिर पहुंचेंगे। जहां रात्रि में महापड़ाव रहेगा। उन्होंने जुलूस के दौरान राजमार्ग पर यातायात बाघित होने की संभावना भी जताई है।
साभार- राजस्थान पत्रिका