सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : Posted By Mangal Senacha on 10 Dec 2010, 17:04:17 
	
	
बिलाड़ा,जिले के सबसे बड़ी ग्राम पंचायत भावी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। मरीज इलाज के लिए यहां पहुंचते हैं लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण उन्हें अन्य जगह जाना पड़ता है जिससे मरीजों की हालत और खराब हो जाती है।
जिले का एक मात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जिसे 24 घंटे खुले रखने के आदेश हैं लेकिन यह रात को अक्सर बंद रहता है। इस अस्पताल की इतनी दयनीय स्थिति है कि यहां सुबह केवल एक ही डॉक्टर तैनात है। सुबह की पारी में एक भी नर्स ग्रेड चिकित्साकर्मी उपस्थित नहीं रहता। जबकि यहां एक चिकित्सा अधिकारी, चार नर्स ग्रेड द्वितीय के पद, एक एएनएम तथा एक एलएचवी का पद है। 
अस्पताल में रिक्त चिकित्साकर्मियों के पदों से यहां के ग्रामीण परेशान हैं। प्रसव पीड़ा से कराहती महिलाओं को लेकर ग्रामीण यहां आते हैं लेकिन ताला लगा होने के कारण उन्हें रात में इधर-उधर भागना पड़ता है। ग्रामीणों ने बताया कि चिकित्साकर्मियों के रिक्त पदों के चलते आम मरीज इन मौसमी बीमारियों में परेशान है। सरपंच सोहनी देवी ने बताया कि इस प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पर्याप्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो जाए तो आस पास के दर्जनों ग्राम लाभांवित होंगे। 
मरीज हुई परेशान 
तीन दिन पहले निकटवर्ती ग्राम मालकोसनी से प्रसव पीड़ा से पीडि़त मरीज राजू देवी जब भावी अस्पताल पहुंची तो यहां ताला लटका देख परिजनों के होश उड़ गए। आनन-फानन में मरीज को लेकर जोधपुर भागना पड़ा। गनीमत यह थी कि वे समय रहते जोधपुर पहुंच गए और सुरक्षित प्रसव हो गया।
इन गांवों के ग्रामीणों कोहोता है नुकसान 
जिले के सबसे बड़े ग्राम भावी के इस स्वास्थ्य केन्द्र की सुविधा मालकोसनी, जैतीवास, पिचियाक व भावी की ग्राम पंचायतों के ग्रामवासियों के साथ-साथ ओलवी, रावर, तिलवासनी, घणमगरा, लाम्बा सहित दर्जनों गांवों के मरीजों को अन्यत्र सेवा के लिए जाना पड़ता है। 
एक मेल नर्स के भरोसे पूरा अस्पताल
अस्पताल में कार्यरत एक स्टॉफ नर्स ५ माह से मेटरनिटी लीव पर हैं तो दूसरी स्टाफ नर्स मिडवाईफरी की टेे्रनिंग के लिए ४ माह से उम्मेद अस्पताल में कार्यरत हैं। तीसरी स्टॉफ नर्स ६ माह से प्रतिनियुक्ति पर जोधपुर में कार्यरत है। अभी यहां केवल एक मेल नर्स कमल किशोर सांयकालीन ड्यूटी पर कार्यरत है।
क्या कहती हैं प्रभारी अधिकारी 
अस्पताल में चिकित्साकर्मियों का टोटा है। मैं स्वयं 12-12 घंटे नौकरी कर मरीजों की जांच कर रही हूं। अनेक बार पत्र लिखकर उच्च अधिकारियों को नये स्टाफ लगाने की मांग की है लेकिन अभी तक नया स्टाफ नहीं आया।
डॉ. आशा खंडेलवाल चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भावी