सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 03 Dec 2010, 10:37:41

जोधपुर। हर वर्ष सर्दी में उत्तरी रूस, उक्रेन तथा कजाकिस्तान से हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर मरूप्रदेश आने वाले सारस प्रजाति के पक्षी कुरजां (डेमोसाइल क्रेन) ने इस बार जोधपुर के खींचन कस्बे के बाद पाली जिले के सरदार समंद इलाके में भी बड़ी संख्या में डेरा डाला है।
पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार राज्य में कुरजां का इतना बड़ा समूह पहले कभी नहीं देखा गया। प्रवासी पक्षी वैसे हर वर्ष प्रदेश के छह जिलों में करीब 17 स्थानों पर डेरा डालते हैं, लेकिन इस बार सरदारसमंद में इनकी बड़ी संख्या ने पर्यावरणविदों एवं पक्षी विशेषज्ञों की जिज्ञासा बढ़ा दी है।
भारतीय प्राणी सर्वेक्षण मरू प्रादेशिक केन्द्र जोधपुर के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. संजीव कुमार के अनुसार अकेले सरदार समंद जलाशय के आस-पास खुले मैदानों में करीब 25 हजार से अधिक कुरजां पक्षियों ने डेरा डाला है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरदार समंद क्षेत्र में अनुकूल-सुरक्षित वातावरण, अच्छी फसल, लबालब जलाशय के साथ क्षेत्र के घने जूलीफ्लोरा के वृक्ष और सफेद चट्टानों वाले धोलेराव हिल्स ने सम्भवत: मेहमान परिन्दों को आकर्षित किया है।
भारत सरकार यदि क्षेत्र को अभयारण्य अथवा बर्ड सेंचुरी घोषित कर आस-पास के इलाकों में अवैध खनन रूकवा दे तो कुरजां के साथ विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों को संरक्षण व पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है।
-डॉ. संजीव कुमार, वैज्ञानिक जेडएसआई, जोधपुर
साभार राजस्थान पत्रिका