सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : Posted By Mangal Senacha on 30 Nov 2010, 10:23:21 
	
	
जोधपुर। रेलवे के कम्प्यूटरीकृत आरक्षण टिकट पर यात्रियों को पुराने नियम और गलत जानकारी दी जा रही है। तत्काल के लिए पहचान पत्र का नियम बदल चुका है तो प्रतीक्षा सूची के यात्री पीएनआर की जानकारी 135 नम्बर से ले या 139 से, इसको लेकर गफलत बनी हुई है। 
रेलवे के आरक्षण केन्द्रों से यात्रियों को दिए जा रहे टिकटों के पीछे यात्रियों के लिए कई बिंदुओं पर सूचना दी गई है। इस सूचना के तहत यात्रियों को कहा गया है कि तत्काल सेवा में जिस पहचान पत्र पर टिकट खरीदा गया है, केवल वही पहचान पत्र यात्रा के समय अपने साथ रखे। जबकि रेलवे ने खुद इस नियम को बदल दिया है और अब तत्काल के लिए किसी पहचान पत्र की जरूरत नहीं रहती ।
इधर, प्रतीक्षा सूची में रहने वाले यात्रियों को अपने टिकट के पीएनआर नम्बर की जांच करने के लिए अलग-अलग टेलीफोन नम्बर बताए जा रहे हैं। किसी टिकट पर यह 135 तो किसी पर 139 मुद्रित है। रेलवे ने निजी एजेंसियों से टिकट तैयार कराने के बाद इस पर मुद्रित जानकारी को पढ़ना भी उचित नहीं समझा। यही नहीं, इन नम्बरों को जयपुर में डॉयल करने की बात लिखी गई है। जबकि यात्रियों को ये टिकट जयपुर के अलावा अन्य शहरों में दिए जा रहे हैं।
दुरूस्त नहीं प्रिंटर
रेलवे आरक्षण प्रणाली से जुड़े उपकरणों पर सालाना लाखों करोड़ों रूपए खर्च कर रही है, इसके बावजूद यात्रियों को मिलने वाले टिकट पर पीएनआर नम्बर सही ढंग से मुद्रित नहीं हो पाते। प्रिंटिंग में खराबी के कारण यात्री ठीक ढंग से इन्हें पढ़ भी नहीं पाते। इस कारण प्रतीक्षारत यात्रियों को अपनी स्थिति के बारे में जानकारी जुटाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
साभार राजस्थान पत्रिका