सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : Posted By Mangal Senacha on 29 Nov 2010, 11:14:40 
	
	
नोवी। नोवी व आस-पास के गांवों में लगातार छह सात दिनों से बारिश होने से खेतों में पडी फसले खराब हो गई। भाग्य बिना तोडा फल खाया नहीं जाता.. बिना नसीब कुछ भी पाया नहीं जाता..वाली कहावत क्षेत्र के गांव आस-पास के क्षेत्रों में किसानों पर इन दिनों चरितार्थ हो रही है। क्षेत्र के नोवी, भारुन्दा, केराल, रोवाडा, जाणा, बाकंली, रुपनगर एवम् पलासिया आदि गांवो मे पिछले छह-सात दिन हुई बारिश ने खेतों में कुटी हुई फसल जिनमे ग्वार, बाजरा, मूंग आदि  खराब हो गई हैं। हालांकि अच्छी फसल देखकर किसानों ने अच्छी आमदनी की कल्पना की थी, लेकिन उनके नसीब में यह नही लिखी थी। क्योंकि किसानों ने तिल की फसले काटकर खेतों में रखी जिससे वह बारिश के कारण खराब हो गई। गांव के किसानों ने सरकार से खराब व नष्ट हुई फसलों का मुआवजे देने की मांग की है। वही किसानों का कहना है कि तीन-चार साल से लगातार अकाल के कारण किसान ने पहले से ही कर्ज में डूबे हुए थे, लेकिन इस बार अच्छी बरसात होने से फसल अच्छी होने से अच्छी आस  लगी थी, लेकिन इस बारिश ने हमारी सभी फसले खराब करके रख दी है।  
फसल हुई चौपट
सुमेरपुर उपखण्ड क्षेत्र के गांव नोवी, भारून्दा, बाकली, जाणा, रूपनगर, रोवाÞडा, केराल व पलासिया आदि कई गांवों में नलकूपधारी किसानों द्वारा सैकडो बीघों में हुए ग्वार, बाजरा, मंूग फसल को   बेमौसम बरसात ने चौपट करके रख दिया जिसे भारी आर्थिक नुकसान हुआ हैं। तिल व ग्वार की फसल भी हुई नष्ट। ग्वार का चारा पानी लगने के कारण पूरी तरह से खराब हो गई है जो पशुओं के खाने के लायक नहीं है। 
मुआवजे की मांग
बरसात ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है। पिछले चार माह से अन्य सभी कार्यो को छोडकर खेतों में खडी अपनी फसल को हासिल करने के लिए दिन रात अपने खून-पसीने से सींचकर तैयार हुई फसल प्राकृतिक आपदा से नष्ट हो जाने पर किसानों में प्रशासन से शीघ्र सर्वे करवाकर मुआवजा दिलाने की मांग की हैं। 
क्या कहते है सरपंच 
हमने सरकार से मांग की है कि किसानों की फसल खराब होने कारण मुआवजे दिया जाए। पूर्व सरपंच नोवी डायारामजी ने भी कहा है कि फसल खराब होने के कारण व सरकार से मांग की है, जिससे  किसानो की आर्थिक स्थिति सुधर सके। 
- मनोरसिंह राणावत, सरपंच भारूंदा  
क्या कहते हैं किसान
छह सात दिन से बरसात के कारण खड़ी फसले व कटी हुई फसले पूरी तरह से चौपट हो चुकी है तथा आगे बुवाई के लिए भी देरी हो रही है। और हमारे पास कोई आर्थिक व्यवस्था कमजोर होने कारण किसानों को सरकार द्वारा मुआवजा देकर राहत देनी चाहिए।
-किसान व वार्डपंच वागाराम मीणा
ग्वार व तील की फसल खराब मौसम बरसात से नष्ट हो जाने के कारण क्षेत्र का किसान पूरी तरह से कमर टूट चुकी है। छह सात दिन पहले बारिस होने से सभी फसल खराब हो चुकी है। अब किसानों  आस मुआवजे पर टिकी हुई है।      -किसान मुलाराम माली नोवी  
साभार दैनिक नवज्योति