सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : Posted By Mangal Senacha on 28 Nov 2010, 10:41:50 
	
	
सुमेरपुर। जी हां! इन दिनों शहर में नशे की दुनिया में एक नया नाम तेजी से जुड़ रहा है, कहने को तो ये कफ सिरप है, मगर युवा वर्ग नशे के लिए इसे सबसे बेहतर मानता है क्योंकि इसका सेवन करने के बाद ना तो मुंह से बदबू आती है और ना ही किसी को कोई भनक लगती है। शहर सहित आसपास के क्षेत्रों में यह दवाएं युवाओं की पहली पसंद बनती जा रही है। सूत्र बताते हैं कि शहर में युवाओं में बढ़ती जा रही नशे की प्रवृति पर आने वाले दिनों में अंकुश लगाना लगभग असंभव हो जाएगा, क्योंकि इन युवाओं ने पुलिस एवं घरवालों की नजरों से बचने के लिए नये तरीके इजात कर दिए हैं। बाजारों में दवाइयों की दुकानों पर चिकित्सकीय एडवाईज के बिना भी कफ सिरप धड़ल्ले से बिक रही है। युवा वर्ग नशे के लिए इन दवाओं का इस्तेमाल बेहिचक कर रहा है। यह सिरप नारकोटिक्स प्रोडक्ट होते हैं, जो अमूमन खांसी आदि बीमारियों के समय मरीजों द्वारा प्रयोग में लाई जाती है। सिरप की एक छोटी बोतल बाजार में 40 से 45 रूपए में आसानी से मिल जाती है। ऐसे में इस प्रकार के नशे की प्रवृति को रोकने के लिए अब जनचेतना जरुरी हो गई है। 
काम भी हो जाए पता भी नहीं चले
शहर के युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृति को इस प्रकार की दवाओं ने बढ़ावा ही दिया है। शराब का सेवन करने से मुंह से आने वाली बदबू से बचने के लिए युवा वर्ग नशे के लिए ऐसी दवाओं का सेवन कर रहा है। इस प्रकार का नशा करने से पुलिस कार्यवाही से भी आसानी से बचा जा सकता है और घर में भी किसी को पता नहीं चलता। दूसरा यह कि यह दवाएं दवा विक्रेताओं के यहां आसानी से उपलब्ध हो जाती है। 
दाम कम और नशा ज्यादा
सूत्र बताते हंै कि इस प्रकार की दवाएं बाजार में 40 से 50 रूपए में आसानी से उपलब्ध हो जाती है। जबकि किसी भी मार्क का शराब का एक पव्वा बाजार में 60 रूपए से कम में नहीं मिलता। ऐसे में नशा करने के लिए इससे बेहतर उपाय उन्हें ओर कोई नहीं सुझता। 
आदत के बाद छोड़ना मुश्किल
चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण अरोड़ा ने बताया कि इस प्रकार की दवाएं नारकोटिक्स प्रोडक्ट होती है और इसकी एक बोतल का सेवन करने से 250 मिलीलीटर शराब जितना नशा संभव है। वे बताते हैं कि इस प्रकार की दवाओं का उपयोग जरुरत होने पर ही करना चाहिए। दवाई विक्रताओं को चाहिए कि बिना डॉ. के पर्ची के उपभोक्ताओं को दवाई न दें। अधिकांशत: इस प्रकार की दवाइयों से दूर रहने की हिदायत दी जाती है, क्योंकि इसका ज्यादा सेवन करने से इसकी आदत पड़ने के बाद छूटती नहीं है।  
साभार- दैनिक नवज्योति