सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 27 Nov 2010, 10:52:07

जयपुर.यूनीक आईडी नंबर देने का काम अब पूरे राजस्थान में एक साथ जनवरी में शुरू होने की संभावना है। राज्य में फिलहाल लोगों को यूनीक आईडी नंबर ही दिया जाएगा। बाद में जनगणना निदेशालय की ओर से कार्ड जारी किया जाएगा। इस नंबर का उपयोग सबसे पहले सार्वजनिक वितरण प्रणाली, नरेगा, सामाजिक सुरक्षा पेंशन और बैंक अकाउंट्स में किया जाएगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव सीके मैथ्यू की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में यूनीक आईडी के महानिदेशक आर.एस. शर्मा, उप महानिदेशक नानावती, आईटी के प्रमुख सचिव श्रीमत पांडेय, आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव डी.बी. गुप्ता, जनगणना निदेशक शुभ्रासिंह, सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के आयुक्त मधुकर गुप्ता, आईटी सचिव संजय मल्होत्रा, नरेगा आयुक्त तन्मय कुमार मौजूद थे।
तय किया गया कि जनगणना के शिविर भी जनवरी से शुरू होने हैं और यूनीक आईडी के बायोमैट्रिक्स लेने के लिए भी शिविर लगाने पड़ेंगे। दो बार शिविर लगाने के बजाय यूनीक आईडी के माध्यम से ही शिविर लगाए जाएंगे।
इसका फायदा यह होगा कि 50 रुपए प्रति आईडी के हिसाब से राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपए मिल जाएंगे और काम का बोझ भी कम हो जाएगा।
कलेक्टर होंगे सब रजिस्ट्रार
यूनिक आईडी के लिए कलेक्टरों को सब रजिस्ट्रार घोषित किया गया है। आईडी के लिए आरएफक्यू (रिक्वेस्ट फॉर कोटेशन) अगले माह ही जारी कर दिया जाएगा। दिसंबर में ही यूआईडी अभियान की तैयारियां पूरी करने का प्रयास किया जा रहा है।
आयोजना विभाग के प्रमुख सचिव डीबी गुप्ता के अनुसार पहले यूनिक आईडी के पायलट प्रोजेक्ट के लिए अलवर जिले को चुना गया था। अब पूरे राज्य में ही एक साथ अभियान चलाने का फैसला किया गया है।
आईडी में होंगी ये जानकारियां
नो योर रेजीडेंट्स :
आवेदक का नाम, जन्मतिथि, लिंग, पिता, पति, अभिवावक, माता, पत्नी का नाम। 10 उंगलियों के निशान, फोटो और दोनों आंखों की पुतलियों को स्कैन किया जाएगा। जिनके पास अपनी पहचान का कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं होगा, उन्हें किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति से पहचान करवानी होगी। उनके आईडी में पहचानकर्ता का नाम, पता और फिंगरप्रिंट्स भी दर्ज किए जाएंगे।
साभार-दैनिक भास्कर