सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 27 Nov 2010, 10:38:40

रायपुर मारवाड़। कस्बे सहित आसपास के क्षेत्रों में गत दिनों हुई बरसात से फसलें नष्ट हो गई। इससे किसानों के सपने धुल गए। किसानों को अब बैंक का ऋण चुकाने की चिंता सता रही है। क्षेत्र के किसानों के चेहरे इस बार हुई बारिश से जरूर खिल गए थे तथा अच्छे जमाने की आस भी लगी थी, लेकिन बेमौसम हुई बरसात ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बारिश से रायड़ा, मक्की व चारे की फसल नष्ट हो गई।
खेतों में भरा पानी बारिश अधिक होने से खेतो में पानी भरने से अंकुरित बीज पानी में डूब गए हैं। इससे किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं।
अंकुरित बीजों में अधिक समय तक पानी का भराव रहने से जड़े नष्ट हो गई हैं। किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
लक्ष्मण सैनी कृषि सलाहकार, रायपुर।
ऎसा तो हमने सोचा न था...
पाली। ऎसा तो हमने सोचा न था, बड़ी उम्मीदों के साथ जिन फसलों की बुवाई की थी, वह फसल ऎनवक्त पर बेमौसम बरसात होने से देखते ही देखते चौपट हो गई। यह वेदना मंडली दर्जीयान के अकेले जामताराम की नहीं है बल्कि उसके सरीखे जिले के सैकड़ों किसानों की है। जिनकी फसलें बारिश ने तबाह कर डाली। आज यह किसान जार-जार रोने को विवश हैं।
...और राख हो गई
आप ही देखिए...। यह वह फसल है, जो कल तक हमारे लिए सोना थी लेकिन आज राख हो गई। बरसात ने सब कुछ तबाह कर दिया। ज्वार की यह फसल अब न तो हरी रही और न ही इसे सूखे चारे के रूप में काम लिया जा सकता है। बारिश से यह काली पड़कर सड़ गई है।
गजेंद्रसिंह, किसान, निम्बली उर्रा
हम कहां जाएं...
साहब...हम जाएं तो जाएं कहां...। हमारी तो सारी फसल ही बरसात से तबाह हो गई। खेतों में कटी फसल तो पानी गिरने से खराब हो गई और जिनकी बुवाई की थी, उन पर पानी फिर गया। अब वापस बुवाई करने के लिए पैसों का बंदोबस्त करना हर-किसी के वश की बात नहीं है।
सरदार खां, किसान
चौपट हो गई फसल
यह देखिए बाबूजी (खराब फसल दिखाते हुए) ...। हम झूठ नहीं बोल रहे। हमने पन्द्रह दिनों की मेहनत से ज्वार और तिल की फसल कटवाई थी और अब फसल लेने ही वाले थे कि बारिश ने सब कुछ चौपट कर डाला। हम तो बर्बाद हो गए।
गोदीदेवी, महिला कृषक
साभार- राजस्थान पत्रिका