सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : Posted By Mangal Senacha on 26 Nov 2010, 09:05:17 
	
	
पाली। पिछले कई दिनों से मौसम के बदले मिजाज ने आमजन की दिनचर्या को बदल के रख दिया है। लगातार मावठ की रिमझिम बारिश ने शहर समेत समूचे जिले को प्रभावित किया है। बारिश का यह क्रम बुधवार को सुबह भी जारी रहा जो दोपहर बारह बजे बाद थमने पर आमजन को राहत मिली, मगर ठंडे मौसम व शीतलहर ने लोगों को ठिठुरन का एहसास कराया। गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से बिगड़े मौसम के चलते अचानक बढ़ी ठिठुरन से आमजन प्रभावित हो रहा है, वहीं बेमौसम की बारिश ने जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर के रख दिया है। जिन्होंने अपनी मेहनत-पसीने की कमाई को बुवाई पर खर्च की, नतीजन बारिश ने उनकी फसलों को बर्बाद करके रख दिया है। बेमौसम के इस बारिश से रेल व बस यात्रियों को भी खासा परेशानियां हुर्इं। 
बांगड़ अस्पताल व स्कूल तिराहा हुआ लबालब
शहर में पिछले कई दिनों से चल रहे बारिश के दौर के चलते बुधवार को बांगड़ स्कूल तिराहा एवं बांगड़ अस्पताल के बाहर लबालब पानी भर गया। जिससे राहगीरों व वाहन चालकों को परेशान होना पड़ा। ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ हो, क्योंकि हर बार ही बारिश के चलते इन स्थानों पर पानी भर जाता है, जिसके चलते हमेशा ही परेशानी होती है। बारिश का पानी भर जाने से कई स्थानों पर कीचड़ भी फैल गया।
जैतारण। जैतारण नगर सहित ग्रामीण अंचलो में पिछले चार दिनो से जारी बेमौसमी बरसात का कहर बुधवार को दिनभर जारी रहने के कारण अब बरसात से सामान्य जन जीवन प्रभावित होने लगा है। यहां दिन रात रिमझिम रिमझिम बरसने के कारण लोग इस बरसात से अब उबने लगे है। इससे लोगो को भारी नुकसान हुआ है। बरसात के कारण किसानों के खेतों में रखा चारा पूरी तरह खराब हो गया है। रबी की बुवाई गई फसले भी अब अधिक पानी के कारण जल समाधि लेने लगी है। माह सावन एवं भादवा के मानिद बादल यहां बरसने के कारण सर्वत्र पानी ही पानी हो गया है। अधिक बरसात के कारण ग्रामीण क्षेत्रो की सड़के भी इससे क्षतिग्रस्त होने लगी है तो कई गांवों के कच्चे मार्गो पर पानी एकत्रित होने के कारण वे मार्ग इससे अवरूद्ध हो गये है। मंगलवार की रात्री को तेज हवाओं के साथ चली बरसात से शहर में जगह जगह पानी एकत्रित हो गया तथा विभिन्न मौहल्लो में पानी की निकासी नहीं होने के कारण बरसात का पानी  गलियों एवं मार्गो में जमा होने के कारण लोगों का निकलना भी मुश्किल हो गया है। नगर पालिका प्रशासन के द्वारा यद्यपि बरसात के कारण अवरूद्ध हुए मार्गो पर मिट्टी एवं मुड् डलवाया जा रहा है किन्तु अधिक बरसात के कारण पालिका की यह मेहनत भी बरसाती पानी में बहने लगी है। जैतारण तहसील क्षेत्र के आ.कालू, बस्सी, लाम्बिया, रास, बाबरा, बलाड़ा, घोड़ावड़, आसरलाई, झुझण्ड़ा, आगेवा, देवरीया, पाटवा, पृथ्वीपुरा, गरनीया, राजादण्ड, झाझनवास, बेड़कलां, रामावास, लौटोती सहित कई गांवों में बेमौसमी बरसात के कारण किसानों को भारी नुकसान हुआ है।
बिकने लगे छाते
जैतारण में पिछले चार दिनों से जारी बरसात के कहर के कारण लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। घर से बाहर निकलने के लिए लोग छातों का सहारा लेकर ही बाहर निकल रहे है।   शहर के बाजार में पिछले तीन दिनो से रिकार्ड तोड़ छातों की बिक्री हुई है। दुकानदारो का कहना है की आमतौर पर छाता की बिक्री जुलाई,अगस्त तक ही होती है मगर इस बार तो नवम्बर में भी छाते बिकने लगे है। 
साभार- राजस्थान पत्रिका