सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 24 Nov 2010, 15:34:10
जैतारण। तहसील क्षेत्र में इन दिनों पड़ रही कड़ाके की सर्दी एवं बेमौसमी बरसात की परवाह न करते हुए धरती पुत्र अपने खेतों में रखे चारे एवं रबि की फसलों को आवारा पशुओं से नुकसान होने से बचाने के खातिर रात भर खेतों की रखवाली करनी पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि क्षेत्र में कई गांवों में गौशालाएं होने के बावजूद कुछ लोग अपनी गायों को रात्रि में खुला छोड़ देते हैं, जो गायें सीधे हरी-भरी फसलों तथा खेतों में रखे चारे को चट कर जाती हैं। इसके अलावा कई गांवों में तो नील गायों का आतंक इस कदर बढ़ गया है कि अकेले किसान को इन नील गायों को अपने खेतों से बाहर निकालने के लिए पहले सोचना पड़ता है।
जैतारण तहसील क्षेत्र में दो दिनों से बेमौसमी बरसात के चलते सर्दी ने भी अपने तीखे तेवर अपना रखे है जहां हाड कंपाने वाली सर्दी में जहां लोग गर्म रजाइयों में दुबक कर अपने घरों में सोते हैं, वहीं दूसरी ओर काश्तकार इस सर्दी में भी अपने चारों एवं रबि की अंकुरित फसलों के लिए इन दिनों रात भर पेहरा देकर अपने खेतों की आवारा पशुओं के नुकसान से हिफाजत कर रहे हैं। अपने खेतोंं के चारों ओर कंटीले तार खिंचवाने के बावजूद उनको आवारा पशुओं के लिए रातें काली करनी पड़ती है। कई वर्षों से आवारा पशुओं के बढ़ते आतंक से निजात दिलाने के लिए क्षेत्र के किसान समय-समय पर इस समस्याओं को लेकर प्रशासन के समक्ष अपनी समस्याएं रखते आ रहे हंै किन्तु प्रशासन ने इस समस्या पर कभी ध्यान नहीं दिया, जिससे समस्या जस की तब बनी रहने से किसान आज भी बेहद दु:खी हैं।
क्या कहते हैं धरतीपुत्र
जैतारण क्षेत्र के आवारा पशुओं पर लगाम नहीं कसे जाने से हम किसान लोग रात-रात भर अपने खेतों की रखवाली करनी पड़ रही है। प्रशासन व सरकार हमारी इस समस्या के प्रति कतई गंभीर नहीं है। यदि आवारा पशुओं का आतंक ऐसे ही चलता रहेगा तो किसान अपनी फसल नहीं ले पाएंगे। वहीं इस आपदा के हरजाने की मांग भी नहीं कर सकेंगे।
-माधुराम सीरवी-किसान, भाकरवास
साभार- दैनिक नवज्योति