सीरवी समाज - मुख्य समाचार
	
	
	
	 
	Posted By : Posted By Mangal Senacha on 24 Nov 2010, 15:33:09 
	
	
सोजत,निकटवर्ती ग्राम खोखरा निवासी किसान सुजाराम सीरवी के लिए प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत आयोजित शिविर यादगार तोहफा रहा। शिविर में 35 साल बाद अपनी पुश्तैनी भूमि में खातेदारी का हक मिलने वह फूला नहीं समा रहा था। यह शिविर उसके परिवार के लिए वरदान साबित हुआ। 
सुजाराम पुत्र मुकनाराम सीरवी निवासी ग्राम खोखरा भूप्रबंधन के समय नाबालिग होने से उसकी पुश्तैनी जमीन में उसके बड़े भाई ढगलाराम का अकेले का ही नाम दर्ज हो गया था। सुजाराम अनपढ़ होने के कारण अपना नाम सरकारी रिकार्ड में दर्ज कराने के लिए वर्षों से अधिकारियों व वकीलों के चक्कर लगाता रहा। लेकिन उसको कहीं से भी मदद नहीं मिलने से वह निराश हो गया था। सोमवार को ग्राम बासना में आयोजित प्रशासन गांवों के संग अभियान के शिविर में भी सुजाराम अपनी भूमि के कागजात लेकर पहुंचा ओर इधर—उधर अपने काम के लिए घूम रहा था। इस बीच शिविर प्रभारी व एसडीएम भागीरथराम विश्नोई की नजर उस पर पड़ गई और उन्होंने उसको अपने पास बुलाकर उसकी समस्या पूछी तो उसने अपनी समस्या उनके समक्ष रखी। सुजाराम की बात को गंभीरता से लेते हुए एसडीएम ने उसके प्रकरण को पूरी तरह से समझकर उदारता दिखाते हुए शिविर में उपस्थित तहसीलदार राजेश डागा को इस प्रकरण पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए, जिस पर नायब तहसीलदार चिरंजीलाल व्यास ने भी सक्रियता दिखाते हुए मौके पर तहसील कार्यालय से पुराना अभिलेख मंगवाकर आरटीए की धारा 88 के अंतर्गत दर्ज कर पक्षकारों, सह खातेदारों व मूल खातेदार के बयान लिए। तत्पश्चात तहसीलदार डागा के निर्णय अनुसार डिक्री पर्चा जारी कर सूजाराम को प्रतिवादी भाई ढगलाराम के साथ साथ ब.हि.ब का खातेदार घोषित कर आदेश की प्रतिलिपि शिविर में ही उपलब्ध करवाकर सूजाराम को राहत प्रदान की। 
ग्रामसेवक को कारण बताओ नोटिस 
प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत खारिया सोढा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर आयोजित शिविर में ग्राम सेवक ओमप्रकाश बोराणा को शिविर प्रभारी भागीरथराम विश्नोई ने पट्टे जारी नहीं करने पर स्पष्टïीकरण प्रस्तुत करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया। ग्रामसेवक को दिए गए नोटिस में बताया गया है कि खारिया सोढा के नागरिकों द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2006 से बकाया 24 मिसले पट्टा जारी करने के लिए ग्रामसेवक के पास में थी। इसके बावजूद उन पत्रावलियों में पट्टे जारी नहीं करवाए गए। इसके साथ ही शिविर के दौरान 13 प्रार्थना पत्र पट्टा जारी करने के संबध में प्राप्त हुए तथा अन्य ग्रामीण भी उपस्थित होकर पट्टे जारी करवाने की मांग करते रहे। ग्रामसेवक बोराणा द्वारा इस शिविर के कार्य में रुचि नहीं लेने से नागरिकों को निराश होकर लौटना पड़ा। इस बाबत ग्रामसेवक को तीन दिवस में अपना स्पष्टीकरण देने के निर्देश जारी किए गए। 
साभार- दैनिक भास्कर