सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 23 Nov 2010, 11:10:05

पाली । बेमौसम बारिश होना रायडे को रास नहीं आया। पहले तापमान अनुकूल नहीं होने से जिले में रायडे की बुवाई 65000 हैक्टेयर के स्थान पर 34175 हैक्टेयर में ही हुई। अब बारिश की वजह से फसल खराब हो रही है। कृषि अधिकारियों व किसानों के अनुसार खेतों में पानी भरने से रायडा में कोलर रोट (तने व पौधे का सडना) रोग हो गया है। इसे रोकने का कोई उपाय नहीं होने से फसल को नुकसान हो रहा है। जिले में जौ की बुवाई भी अब तक 3000 हैक्टेयर की जगह 1471 हैक्टेयर में, जीरा 5000 की जगह पर 2147 हैक्टेयर में, ईसबगोल 1000 की जगह 278 तथा मैथी 1000 की जगह 278 हैक्टेयर में ही बोई गई है।
पौधे से आती है गंध कोलर रोट बीमारी होने पर पौधों से सडी गंध आती है। इस बीमारी से पौधे का तना भूमि के पास से सड जाता और धीरे-धीरे पौधा नष्ट होने लगता है। इस बीमारी से ग्रसित पौधे को जड से उखाडकर जलाना बेहद जरूरी है। ऎसा नहीं करने पर वह आस-पास के पौधों को भी खराब कर देता है और पूरी की पूरी फसल बर्बाद होने का अंदेशा रहता है।
गेहूं को मिली पाण लगातार हो रही बारिश की वजह से रायडा खराब होने से अब कई जिले के किसान गेहूं व तारामीरा की बुवाई करने का मानस बना रहे हैं। गेहूं सिंचित व तारामीरा असिंचित क्षेत्र में बोया जाएगा। इस वजह से कृषि अधिकारियों को गेहूं बुवाई का क्षेत्र बढने की उम्मीद है। इसके लिए गेहूं के बीज की व्यवस्था करने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।
मुआवजे की मांग रोहट क्षेत्र में बेमौसम बारिश से खराब हुई फसलों का मुआवजा दिलवाने की मांग विधायक ज्ञानचंद पारख ने मुख्यमंत्री से की है। जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री के नाप सौंपे ज्ञापन में उन्होंने बताया कि बारिश की वजह से कई किसानों की फसल पूरी नष्ट हो गई है। इससे किसान ऋण तले दब गए हैं।
इन्होंने कहा रायडे को कोलर रोट बीमारी से बचाने के लिए किसानों को खेतों में भरा पानी बाहर निकालने का उपाय करना चाहिए। जो पौधे इस बीमारी से खराब हो गए हैं। उन्हें उखाडकर जला देना चाहिए। ऎसा नहीं करने पर अन्य पौधे भी खराब हो सकते हैं।
रमेशकुमार जारोली, कृषि उपनिदेशक कृषि विभाग पाली
साभार- राजस्थान पत्रिका