सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 23 Nov 2010, 11:07:57

पाली,पिछले कुछ दिनों से आकाश में लगातार बादल छाए रहने के कारण किसानों की ओर से खेतों में बोई गई चने की फसल को लट ने अपनी चपेट में ले लिया है। इससे किसान वर्ग खासा चिंतित नजर आ रहा है।
किसानों का कहना है कि इस बार जमाना अच्छा होने के कारण उन्होंने अपने खेतों में पूरे मन से बुवाई की थी, इतने दिन तो सब कुछ ठीक था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से फसल पर कीट का प्रकोप छा गया है। यह कीट चने के पौधे को चट कर रही है। जिससे फसल नष्ट हो रही है। किसानों का कहना है कि कीट को नष्ट करने के लिए उन्होंने पाउडर का भी भुरकाव किया, लेकिन कीट नष्ट होने की बजाय बढ़ती जा रही है। जिले के मंडिया, डेंडा, रूपावास, गिरादड़ा आदि क्षेत्रों में चने की फसल में यह रोग लग गया है। मंडिया गांव के किसान बाबूराम व चिमनाराम ने बताया कि चने में लट का प्रकोप फैल गया है जिससे फसल नष्ट धीरे धीरे नष्ट हो रही है। इसी प्रकार डेंडा गांव के पुखराज ने बताया कि दवाई का भुरकाव करने के बाद भी कीट लगातार बढ़ रही है। शेष & पेज 13
सोमवार को हुई बारिश से और भी अधिक नुकसान होगा। इधर कृषि विभाग के अधिकारियों ने बारिश के दौरान किसानों को विशेष सावधानी रखने का सुझाव दिया है।
किसान यह रखें सावधानी
1.सरसों की फसल में जहां कहीं भी पानी का भराव हुआ है उसकी निकासी की व्यवस्था करें, अन्यथा फसल में पद गलन रोग लग जाएगा।
2.खेत में जिस पौधे को पदगलन रोग (कोलररोड)लग गया है उसको उखाड़ कर जला दे या बाहर फैंक दे, अन्यथा दूसरे पौधों में भी यह रोग लग जाएगा।
3.चने की फसल में 2 प्रतिशत की दर से प्रति बिघा 4 किलो मिथाइल पेराथियोन डस्ट का भुरकाव करें।
4.पाउडर का भुरकाव बारिश बंद होने के बाद मौसम साफ होने पर ही सुबह शाम करें।
इनका कहना है....
पिछले दिनों बादल बनने व बूंदाबांदी से चने की फसल में लट का प्रकोप बढ़ गया है। इस बारिश से भी कुछेक फसलों को नुकसान होगा। वहीं तारामीरा व गेंहू के लिए फायदेमंद है।
रमेश कुमार जारोली, उप निदेशक, कृषि विभाग पाली
साभार- दैनिक भास्कर