सीरवी समाज - मुख्य समाचार
Posted By : Posted By Mangal Senacha on 22 Nov 2010, 11:05:55
जयपुर। पत्रिका समूह के प्रधान सम्पादक गुलाब कोठारी का मानना है कि बच्चों को उनकी मिट्टी से जोड़ना बहुत जरूरी है, क्योंकि आज की शिक्षा उन्हें नौकरी तो दे रही है, लेकिन जीवन, उसके उद्देश्यों और उसकी प्रकृति के बारे में कुछ नही बता रही। उनके जीवन में विज्ञान के कारण गति तो है, लेकिन धर्म और संस्कृति के अभाव के कारण दिशा नहीं है। कोठारी रविवार को यहां पत्रिका मुख्यालय केसरगढ़ में रोटरी क्लब के अमरीका से आए सदस्यों के एक समूह को सम्बोघित कर रहे थे। यह समूह सेंट एंटोनियो के रोटरी क्लब अध्यक्ष एलफ्रेडो मुनिस के नेतृत्व में भारत के दौरे पर आया है। समूह में अमरीका के पांच डिस्ट्रिक्ट्स के 12 क्लबों के सदस्य शामिल हैं।
संस्कार ही जीवनभर आते काम...
कोठारी ने कहा कि प्रकृति का नियम है कि बीज का करण्ट ही वृक्ष, उसकी शाखाओं, जड़ों और फल तक पहुंचता है। बीज स्वयं को नष्ट कर वृक्ष का निर्माण करता है। यही बात हम सब पर भी लागू होती हे। मां, परिवार और गुरू से मिले संस्कार ही जीवन भर काम आते हैं, लेकिन आधुनिक जीवन शैली ने पुरानी और नई पीढ़ी की सोच में बहुत अंतर कर दिया है। इंटरनेट और ग्लोबल ब्रांड्स के इस युग में सिर्फ मातृभाषा के जरिए ही बच्चे अपनी संस्कृति से जुड़े हुए दिखते हैं।
बदले रिश्तों के अर्थ
खाने की मेज पर एक साथ होने के बावजूद हम अपनी व्यस्तताओं के कारण आपस में जुड़ नहीं पाते। मोबाइल फोन और इंटरनेट समय तो बचा रहे हैं, लेकिन हमारे जीवन का आनंद खत्म कर रहे हैं, रिश्तों के अर्थ बदलते जा रहे हैं। विज्ञान बाहर की चीज है, लेकिन प्रकृति की सभी चीजें अदृश्य शक्तियों से नियंत्रित होती हैं। इस अदृश्य शक्ति तक पहुंचने का रास्ता खोजना आवश्यक है। कोठारी ने कहा कि रोटरी जैसे संगठन नई पीढ़ी को एक अच्छा इंसान और उनके जरिए अच्छा समाज बनाने में मदद कर सकते हैं।
पत्रिका सामाजिक सरोकारों के जरिए जुटा : कोठारी ने कहा कि राजस्थान पत्रिका अपने सामाजिक सरोकारों के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बच्चों को अपने लोगों से जोड़ने का प्रयास करता रहा है। जब कुछ वर्ष पहले राजस्थान में अकाल पड़ा तो राजस्थान पत्रिका ने बच्चों को एक मुट्ठी अनाज ला कर स्कूल में जमा कराने को कहा। इसके पीछे उद्देश्य अनाज का संग्रहण नहीं था, बल्कि हम यह चाहते थे कि बच्चों में अपने लोगों के लिए कुछ करने की भावना विकसित हो। इसी तरह जल संरक्षण के काम के लिए भी पत्रिका ने लोगों से आह्वान किया तो लोग स्वयं आगे हो कर जुटें। लोग काम करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें एक पहल की जरूरत होती है।
अब दिशा बोध अभियान
उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने सामाजिक सरोकारों के माध्यम से नई पीढ़ी में जीवन मूल्यों, मानव के सम्पूर्ण विकास और भावी पीढ़ी को संस्कारों के प्रति जागरूक करने के अभियानों की श्ृंखला में हाल में दिशा बोध अभियान शुरू किया है, जिसके तहत पिछले दिनों कोठारी ने कोटा में करीब 20 हजार किशोरों और युवाओं को इसी विषय पर सम्बोघित किया था। संवाद सेतु कार्यक्रम के बाद अब दिशा बोध कार्यक्रम भी व्यापक स्तर पर हाथ में लिया गया है।
अमरीका से आए रोटरी सदस्यों ने अमरीका में क्लब की गतिविघियों की जानकारी दी। रोटरी क्लब जयपुर साउथ के अगले डिस्ट्रिक्ट गवर्नर रत्नेश कश्यप ने जयपुर में क्लब की गतिविघियों का परिचय दिया और कोठारी के बच्चों व युवाओं के साथ शुरू किए गए संवाद अभियान को सराहा। रोटरी क्लब जयपुर साउथ के अध्यक्ष महेन्द्र बांठिया, सचिव सुमंत नागर और अन्य सदस्य भी इस मौके पर मौजूद थे।
साभार- राजस्थान पत्रिका