सीरवी समाज - मुख्य समाचार

Posted By : Posted By Mangal Senacha on 22 Nov 2010, 11:03:51

पाली,श्रमिकों की मिट्टी में दबने से हुई मौत। कलेक्ट्रेट व कचहरी परिसर के आस पास स्थित दुकानदारों की माने तो सीवरेज का कार्य कराने वाली कंपनी की लापरवाही के कारण कलेक्ट्रेट के पास दो लोग मिट्टी में दबकर काल का ग्रास बन गए। रविवार सुबह जब सीवरेज के लिए खुदाई चल रही थी उस समय मौके पर मात्र चार मजदूर और जेसीबी चालक ही था। यहां फर्म का न कोई अधिकारी और न ही कोई तकनीकी कर्मचारी मौजूद था। जेसीबी चालक खुदाई कर मिट्टी को दुकानों की तरफ ही डाल रहा था। इस स्थिति में खड्डे के एक तरफ मिट्टी का पहाड़ सा खड़ा हो गया। दुकानदार बार—बार यह कहकर चेताते रहे कि मिट्टी को खड्डे के चारों तरफ डालों, एक तरफ डालने से कभी भी मिट्टी ढह सकती है, लेकिन उनकी एक भी नहीं मानी गई। और देखते ही देखते दो जिंदगी मिट्टी के नीचे दब गई।
दुर्घटना के बाद मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अमला पहुंचा तो वे ही दुकानदार हादसे से पहले अपने द्वारा चेतायी गई बातों को दोहराते दिखे। सुबह खड्डा खुदने के बाद दो मजदूर नीचे झींकरा बिछाने के लिए उतरे। अचानक मिट्टी भरभराकर गिर गई। दोनों मजदूरों को संभलने का मौका नहीं मिला और वे दब गए। इस दौरान पानी की पाइपलाइन के लीकेज से खड्डे में दलदल हो गया। इस कारण दोनों श्रमिक और भी नीचे धंसते चले गए।
पानी से मिट्टी गिली और उसके जम जाने के कारण मजदूरों को निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। कंपनी की इसी लापरवाही को देखते हुए सीवरेज का कार्य करने वाली एपीआर सीवरेज प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।
टाइम लाइन
10.10 मिट्टी ढही, मजदूर दबे
10.20 बचाव कार्य शुरू (कर्मचारी, तीन जेसीबी एक टाटा हिटेची)
10.35 एक मजदूर का कटा हाथ निकला
11.12 कमर तक शव दिखा लेकिन मिट्टी फिर ढह गई
11.15 हाइड्रोलिक मोबाइल वेन मंगवाई
11.20 दो आदमी गड्ढे में उतरे, कोशिश नाकाम, जेसीबी से खुदाई
11.38 दूसरी बार आदमी गड्ढे में उतरे
11.50 गड्ढे से वापस निकले
11.55 साइड की मिट्टी हटवाई
12.10 नगर परिषद से 20 कर्मचारी और बुलाए
12.15 टाटा हिटेची (जेसीबी) रैंप बनाकर खड्डे में उतरी
12.30 लगभग पांच मीटर खुदाई के बाद तीसरी बार बचाव दल के आदमी उतरे, कोशिश नाकाम
12.35 चौथी बार बचाव दल उतरा, कोशिश नाकाम, खुदाई शुरू
12.54 पांचवी बार बचाव दल उतरा
1.03 एक शव दिखा, बचाव दल उतरा, शव के पांव फंस गए
1.16 शव बाहर निकाला, दूसरे शव के लिए मशक्कत
1.44 सातवीं बार बचाव दल नीचे उतरा
2.00 हिटेची के नीचे गिरने के भय से बाहर निकला और दूसरी तरफ जाकर खुदाई
2.09 आठवी बार बचाव दल उतरा और दूसरा शव बाहर निकाला
पहुंचे अधिकारी व जनप्रतिनिधि
रविवार होने के बावजूद प्रशासनिक, नगर परिषद तथा पुलिस के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य प्रारंभ कराया। कलेक्टर नीरज के. पवन, एडीएम अरुण पुरोहित, विधायक ज्ञानचंद पारख, सभापति केवलचंद गुलेच्छा, एएसपी सुनिल विश्नोई, एसडीएम खान मोहम्मद खान, सीओ एससीएसटी सैल अभयसिंह भाटी, उप सभापति शमीम मोतीवाला, कोतवाली थाना प्रभारी महावीरसिंह शेखावत सहित कई जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौके पर पहुचे और बचाव कार्य में सहयोग दिया।
सफलता पर फिर गिरी मिट्टी
कपंनी के जेसीबी चालक द्वारा की जा रही गलती को परिषद के जेसीबी चालक ने भी दोहराते हुए शुरुआत में शव ढुंढने के लिए खुदाई में निकली मिट्टी को दुकानों की तरफ ही जमा कर दी। सुबह 11 बजे एक मजदूर का कमर तक शव दिखा। उसे बाहर निकालते उससे पूर्व एक तरफ जमा की गई मिट्टी फिर ढह गई। फिर मिट्टी को चारों तरफ किया गया। दो घंटे की मशक्कत के बाद उस शव को निकाला जा सका।
पूरे समय लगी रही भीड़
मिट्टी ढहने से दबे दोनों शवों को बाहर निकालने में चार घंटे का समय लग गया। इस दौरान घटना स्थल के चारों तरफ लोगों की भीड़ जुटी रही। घटनास्थल से भीड़ को हटाने के लिए पुलिस का अतिरिक्त जाप्ता तक लगाना पड़ा। चारों तरफ रस्सी तथा पतरों के माध्यम से बेरीकेडिंग लगाकर रास्ता रोका गया। बचाव दल द्वारा हो रहे खुदाई कार्य को देखने रह रहकर बेरीकेडिंग फांदकर आ रहे लोगों को हटाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
मशीन के बाद अनुभव का सहारा
लगभग पांच मीटर की खुदाई के बाद जब जेसीबी से शवों के शत विक्षत होने का अंदेशा हुआ तो अधिकारियों ने कार्य रुकवा दिया। शवों की सही स्थिति का अनुमान लगाने के लिए इंजीनियर के साथ कमठे का काम करने वाले एक ठेकेदार के अनुभव का सहारा भी लिया गया। उसने अपने अनुभव के अनुसार उन्होंने खुदाई के लिए जेसीबी चालक को निर्देशित किया।
शैतान तथा विजय ने दिखाई दिलेरी
दबे हुए शवों को निकालने के कार्य में बचाव दल में शामिल शैतानसिंह तथा विजयसिंह की दिलेरी काबिले गौर थी। खुदाई से बाहर जमा की गई मिट्टी के फिर ढहने के डर के बावजूद बांगड़ अस्पताल चौकी में कार्यरत होमगार्ड विजयसिंह राजपुरोहित पांच बार खड्डे में उतरा। एक शव के पांव मिट्टी में काफी धंसे हुए थे जिसे सुझबुझ से बिना क्षत विक्षत किए उसने बाहर निकाला। इसी प्रकार खुदाई में मुख्य रूप से काम आ रही टाटा हीटेची (बुलडोजर) के चालक बाडमेर के शैतानसिंह का कार्य भी सराहनीय रहा। पांच मीटर तक की खुदाई के बाद हीटेची के अंदर गिर जाने का डर लोगों को सता रहा था। लेकिन शैतानसिंह कार्य करता रहा। वाहन की चौडाई के आकार का ही खड्डा खोदा गया था। यदि वाहन नीचे गिर जाता तो चालक की जान को खतरा हो सकता था लेकिन उसने दिलेरी दिखाई।
साभार- दैनिक भास्कर