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जोधपुर। खरीद के कड़े नियम और समर्थन मूल्य से अधिक बाजार भावों के चलते बाजरा की सरकारी खरीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। राज्य सरकार ने गत एक नवम्बर से समर्थन मूल्य पर बाजरा की खरीद शुरू की थी, लेकिन अब तक नहीं के बराबर खरीद हो पाई है।
राज्य सरकार किसानों से 880 रूपए प्रति क्विंटल के भाव बाजरा खरीद रही है। खरीद के नियम भी इतने कठोर हैं कि किसानों की उपज गुणवत्ता की कसौटी पर खरी नहीं उतर रही। खरीद केन्द्रों पर आए करीब 210 नमूनों में से 170 नमूने निर्धारित मापदण्डों के अनुरूप नहीं होने की वजह से खारिज किए जा चुके हैं।
बाजार में ज्यादा दाम
दूसरी ओर, इसी बाजार में बाजरा के दाम समर्थन मूल्य से ज्यादा मिल रहे हैं। सरकार जिस बाजरा के लिए 880 रूपए प्रति क्विंटल का भुगतान कर रही है, वही बाजरा बाड़मेर की अनाज मण्डी में 1050 रूपए के भावबिक रहा है। ऎसे में सरकारी खरीद केन्द्रों पर किसानों के पांव ही नहीं पड़ रहे।
कहीं भी नहीं हुई खरीद
सूत्रों के अनुसार सम्भाग में अब तक सरकारी खरीद का खाता खाली ही है। इसे लेकर राजफैड ने जिंसों के बाजार भाव की रिपोर्ट भी सरकार को भेजी है।
मूंग भी नहीं बिका
बाजरा के साथ समर्थन मूल्य पर मूंग की बिक्री भी नहीं हो रही। मूंग का समर्थन मूल्य 3170 रूपए प्रति क्विंटल है। इसमें प्रति क्विंटल पांच सौ रूपए की दर से बोनस भी दिया जा रहा है। लेकिन किसान को बाजार में ही 4000 से 4400 रूपए प्रति क्विंटल के भाव मिल रहे हैं।
खूब निपजा है बाजरा
खरीफ बुवाई के तहत प्रदेश में 45 लाख मैट्रिक टन बाजरे का उत्पादन होने की उम्मीद है। जोधपुर सम्भाग में 9 लाख 10 हजार मैट्रिक टन से भी अधिक उत्पादन हुआ है। अकेले जोधपुर जिले में सवा तीन लाख मैट्रिन टन बाजरा निपजा है।
आज पांच ग्राम पंचायतों में लगेंगे शिविर
पाली,प्रशासन गांवों के संग अभियान कार्यक्रम के तहत जिले में 20 नवंबर को पांच एवं 22 नवंबर को सात ग्राम पंचायतों पर समस्या समाधान शिविर लगेंगे। कलेक्टर नीरज के पवन के अनुसार शनिवार को ग्राम पंचायत लाटाड़ा, सुमेर, माडपुर, आउवा, खारिया सोड़ा में तथा सोमवार को ग्राम पंचायत मांडल, लुणावा, बड़ौद, हेमलियावास खुर्द बासना, केकिन्दड़ा एवं ग्राम पंचायत कालब कलां में समस्या समाधान शिविर आयोजित होंगे। शुक्रवार को ग्राम पंचायत कीरवा, शिवतालाब, मलसाबावड़ी, राणावास, रूपावास, कुड़की, कुशालपुरा व ढ़ोला में शिविरों का आयोजन किया गया, इनमें ग्रामीणों की विभिन्न समस्याओं का निराकारण किया गया।
साभार - पत्रिका
(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 20 Nov. 2010 at 11.08AM )