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जोधपुर। पिछले एक दशक से उदयपुर व चितौड़गढ़ के लिए सीधी रेल लाइन का सपना देख रहे मारवाड़ के लोगों की अपेक्षाओं का झटका लगा है। रेलवे बोर्ड ने ढाई साल से अटकी मावली-मारवाड़ जंक्शन ब्रॉडगेज परियोजना को मंजूरी देने की बजाय मावली से नाथद्वारा तक ही 15 किलोमीटर लम्बी समानान्तर बड़ी लाइन बिछाने के फैसला कर लिया है।
मावली जंक्शन से मारवाड़ जंक्शन तक 152 किलोमीटर लम्बी मीटर गेज लाइन है। इसे ब्रॉडगेज में बदलने के लिए सर्वे हो चुका है। इस परियोजना को ढाई साल से मंजूरी नहीं मिल पा रही है। इस मार्ग पर गेज परिवर्तन से मारवाड़ के लोगों को उदयपुर व चित्तौड़गढ़ के लिए सीधी रेल सेवा सुलभ हो सकती है।
यह है दिक्कत
जोधपुर-मारवाड़ जंक्शन के बीच 12 साल पहले आमान परिवर्तन हुआ था। इसके बाद मारवाड़ के लोगों का उदयपुर, चितौड़गढ़ तथा इससे आगे मध्यप्रदेश के मालवा व महाकौशल क्षेत्र, महाराष्ट्र के विदर्भ व आंध्रप्रदेश के मराठवाड़ा क्षेत्र से सीधा सम्पर्क टूट हुआ है।
मारवाड़ जंक्शन-मावली के बीच मीटरगेट लाइन को बड़ी लाइन में बदलने के लिए जनवरी 2008 में ही रेलवे बोर्ड को सर्वे रिपोर्ट भेज दी गई थी। लेकिन अब तक इस योजना पर कोई निर्णय नहीं हो सका है। रेलवे बोर्ड का कहना है कि इस योजना के लिए फिर से अपडेट सर्वे कराया जा रहा है।
आरटीआई से हुआ खुलासा
रेलवे के जानकार बाघसिंह चौधरी ने रेलवे बोर्ड से सूचना का अधिकार के तहत जानकारी जुटाई तो खुलासा हुआ कि रेलवे इस योजना पर तो ध्यान ही नहीं दे रहा है, लेकिन मावली से नाथद्वारा तक 15 किलोमीटर अलग से बड़ी लाइन बिछाने के लिए दो साल पहले ही तत्कालीन रेलमंत्री ने मंजूरी दे दी। इस पर अब काम होगा।
यह लाइन वर्तमान में बिछी मीटरगेज लाइन के समानांतर बिछाई जाएगी। रेलवे ने अंदरखाते इस काम को अजमेर-चितौड़गढ़-उदयपुर आमान परिवर्तन योजना के साथ जोड़ दिया है। जबकि रेलवे सूत्रों का कहना है कि एक उद्योगपति परिवार की सहूलियत और उनके सहयोग से इस लाइन का काम हाथ में लिया गया है।
साभार - राजस्थान पत्रिका
(uploaded by Mangal Senacha,Bangalore, on 18 Nov. 2010 at 10.57AM )